निर्माण कार्यों में अनियमितता बरतने पर कटघोरा वनमंडल के दो अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने वाले प्रधान मुख्य वन संरक्षक….. आखिर कब करेंगे भ्रष्ट्र तत्कालीन रेंजर प्रहलाद यादव पर भी कार्यवाही
कोरबा/कटघोरा:- प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी द्वारा कटघोरा वनमण्डल अंतर्गत जटगा परिक्षेत्र में लगभग दो वर्ष पूर्व कराए गए कार्यों में अनियमितता बरते जाने को लेकर उपवनमंडलाधिकारी श्री ए. के. तिवारी एवं तत्कालीन जटगा परिक्षेत्राधिकारी मोहरसिंह मरकाम को शो काज नोटिस जारी किया गया है।लेकिन केंदई एवं पाली परिक्षेत्र में पदस्थ रहने के दौरान तत्कालित रेंजर एवं वर्तमान कटघोरा वन एसडीओ प्रहलाद यादव द्वारा अनगिनत भ्रष्ट्राचार को अंजाम दिया गया है जिनके भ्रष्ट्राचारित कार्यों की बाकायदा कटघोरा वनमंडलाधिकारी श्रीमती शमा फारुखी द्वारा जांच कराकर कार्यवाही की अनुशंसा के साथ जांच रिपोर्ट दो माह पूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक रायपुर एवं मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर वृत्त को सौंपे जाने के बाद भी आज तलक किसी भी प्रकार की कार्यवाही देखने को नही मिली।प्रधान मुख्य वन संरक्षक द्वारा कार्यवाही की दिशा में जो सक्रियता हाल ए समय मे दिखाई गई है यदि तत्कालीन रेंजर प्रहलाद यादव की शिकायत को लेकर दो माह पहले वही सक्रियता दिखाई जाती तो भ्रष्ट्राचार को खुलकर अंजाम देने के बाद ऊँचे ओहदे पर बैठे अधिकारी के हौसले आज बुलंद नही रहते।जिनके भ्रष्ट्राचार की कलई खुलने के बाद भी कार्यवाही नही होने को लेकर प्रदेश में कांग्रेस के भूपेश सरकार की छवि धूमिल हो रही है।
यहां पर यह बता दें कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक द्वारा कटघोरा वनमंडल के जटगा वनपरिक्षेत्र अंतर्गत स्टापडेम क्रमांक-1 टेटी नाला, स्टापडेम क्रमांक-3 सोढ़ी नाला तथा स्टापडेम क्रमांक-5 के निर्माण कार्य में अनियमितता बरते जाने को लेकर उपवनमंडलाधिकारी श्री तिवारी एवं वनक्षेत्रपाल मोहरसिंह मरकाम को शो काज नोटिस जारी कर निर्धारित समय- सीमा में इन्हें नोटिस का जवाब देने निर्देशित किया गया है अन्यथा संबंधितों के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई होगी।जबकि एसडीओ प्रहलाद यादव द्वारा भी पाली के तत्कालीन रेंजर रहने के दौरान बीते वर्ष 2020 में बतरा सर्किल अंतर्गत वनांचल ग्राम कोडार के आश्रित ग्राम दुमदुमी से कुछ दूर कक्ष क्रमांक- 109, बेसराबहार नाला में एक तालाब निर्माण के कार्य मे व्यापक तौर पर अनियमितता एवं भ्रष्ट्राचार को अंजाम दिया गया था जिसके परिणामस्वरूप उक्त तालाब 3 माह बाद पहली बारिश में ही टूटकर बह गया था जिसकी शिकायत पर वनमंडलाधिकारी श्रीमती फारुखी ने जांच कराया और जिसमे शिकायत सही पाए जाने की जांच रिपोर्ट कार्यवाही की अनुशंसा के साथ मुख्य वन संरक्षक के साथ प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी को भी भेजी गई थी जिसमे आजतक कोई कार्यवाही नही की गई और जांच रिपोर्ट की वह फाइल अन्य फाइलों के ढेरों के नीचे दबाकर रख दी गई।यह भ्रष्ट्र अधिकारी प्रहलाद यादव के पास अप्रत्यक्ष राजनीतिक पहुँच जैसी जादुई छड़ी का ही कमाल है जो त्वरित कार्यवाही कर अपनी मौजूदगी दर्शाने वाले आला अधिकारियों के हाथ बांध रखे है और यही कारण है कि इन दिनों वन विभाग में भ्रष्ट्राचार की गति बेलगाम हो चली है।जिस पर दूर- दूर तक किसी भी प्रकार का नियंत्रण देखने को नही मिल रहा।
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