छत्तीसगढ़रायपुर

परई म पानी…..

सुशील वर्मा 'भोले' संजय नगर रायपुर

परई म पानी…..
चइत-बइसाख के लगते गांव म पहिली एकाद-दू ठन परई या नांदी असन जिनिस ल डोरी म बांध के घर के छानही म कोनो मेर ओरमा दे जाय, अउ एक ठ म पानी अउ दूसर म कनकी-कोढ़ा या कोनो किसम के दाना डार दिए जाय। हमर देखतेच देखत कतकों किसम के चिरई-चिरगुन मन चींव-चींव करत उन म बइठ जांवय अउ दानी-पानी खा-पी के अपन-अपन डेरा कोती उड़िया जांवय।
अब तो गांव मन म घलो छनही वाला घर कमतियावत जावत हे, वोकर बदला सिरमिट के छत वाला घर बनत जावत हे। फेर चिरई मन ल दाना-पानी दे के रिवाज आजो चलत हे। अब छानही म परई या दूसर जिनिस बांधे के बदला घर के छत ऊपर माटी के बने कुछू भी जिनिस रख के वोमा दाना अउ पानी रख दिए जाथे।
ए बहुत अच्छा परंपरा आय। जम्मो मनखे ल अपन सख भर ए बुता ल करना चाही। कहूं दाना बर नइ सकत हव त कम से कम पानी मढ़ाए के बुता ल तो करेच जा सकथे।
संगी हो, ए बहुत बड़े परमारथ के बुता आय। एला अपन भाग ल बढ़ाए के जोखा घलो मान सकथन। माटी हमर जनम ले लेके अंतिम गति तक संगे म रहिथे, या कहिन के हम माटी ले उपज के माटीच म मिल जाथन। एकरे सेती माटी के परई, नांदी या कुछू आने जिनिस म दाना-पानी दे के अलगेच महत्व हे। गुनिक मन के कहना हे, के एकर ले पुण्य के मात्रा बाढ़ जाथे।
त आवव, आजेच ले अपन घर के छानही या छत म चिरई-चिरगुन मन बर दाना-पानी के जोखा म लग जाईन।

hotal trinatram
Shiwaye
nora
899637f5-9dde-4ad9-9540-6bf632a04069 (1)
nora
Shiwaye
hotal trinatram
durga123

[contact-form][contact-field label=”Name” type=”name” required=”true” /][contact-field label=”Email” type=”email” required=”true” /][contact-field label=”Website” type=”url” /][contact-field label=”Message” type=”textarea” /][/contact-form]

Haresh pradhan

a9990d50-cb91-434f-b111-4cbde4befb21
rahul yatra3
rahul yatra2
rahul yatra1
rahul yatra

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!