कडारी 12 मार्च 2021।आरा सदर प्रखणड अंतर्गत इंटर स्तरीय उच्च विद्यालय कडारी के प्रांगण के समीप 1972 में हरयाणा स्टेट बोरिंग के लिए बोर अर्थात खुदाई करते समय बहुत से शिल्पकारों द्वारा तरासे गये पत्थरों के अवशेष मिले थे । भूर्गभ से निकले पत्थर को ग्रामिणों द्वारा एक चबुतरा बनाकर उसमें जड़ दिया गया और वहां बंजारी देवी के नाम से पूजा करना शुरु कर दिया जो आज भी सिलसिला चल रहा है।आगे बताते चलें नेशनल एक्स र्सविसमेंन को-ऑर्डिनेशन कमेटी रजि.बिहार यूनिट के प्रदेश अध्यक्ष सह राजद सैनिक प्रकोष्ठके प्रदेश उपाध्यक्ष पेटी ऑफिसर अशोक कुमार सिंह ने आदरणीय मंत्री श्री जीवेश कुमार भूतत्व विभाग बिहार सरकार से भूर्गभ से निकले अवशेष पत्थर की जांच कराने की अपील की है जिससे यह पत्ता चले कि भूर्गभ से निकले पत्थर कितने वर्ष पुराने और किस राजा महाराजाओं के समय का तरासा गया है और यहां क्या र्निमाण किया हुआ था, जो किसी बड़े भूकम्प के झटके का शिकारहुआ था अशोक कुमार सिंह ने आगे कहा कि यह जांचोपरांत ही पात्ता चल पाएगा ।उम्मीद है कि यह एक सुंदर- रमणीक एतिहासिक स्थल होगा और बिहार के प्रमुख्य पर्यटक स्थलों में इसका भी एक अलग पहचान बनेगा ऐसा हमारा मानना है ।
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