छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़

हाईकोर्ट ने आलोक कुमार अग्रवाल के प्रकरण में एसीबी के अधिकारियों के विरुद्ध FIR में जांच जारी रखने के दिए आदेश

 बिलासपुर – हाईकोर्ट ने आलोक कुमार अग्रवाल के प्रकरण में एसीबी के अधिकारियों के विरुद्ध FIR में जांच जारी रखने के दिए आदेश…दिनांक 09.05.2023 को माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर ने एण्टी करप्शन ब्यूरो के पूर्व पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह एवं अन्य की याचिका रिट पीटिशन 536 / 2020 एवं 564 / 2020 में पूर्व में पारित आदेश के तहत लगायी गयी रोक को हटाते हुये जांच जारी रखने का आदेश दिया है। इस संबंध में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में शिकायतकर्ता पवन अग्रवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्री किशोर मादुड़ी एवं अधिवक्ता श्री श्रेयांश अग्रवाल ने पक्ष रखा।

WhatsApp Image 2025-10-31 at 2.58.20 PM (1)
WhatsApp-Image-2025-10-31-at-2.41.35-PM-300x300

उल्लेखनीय है कि बिलासपुर निवासी पवन कुमार अग्रवाल द्वारा एसीबी के तत्कालीन चीफ मुकेश गुप्ता, एसीबी के एसपी रजनेश सिंह, ईओडब्ल्यू के एसपी अरविंद कुजुर डीएसपी अशोक कुमार जोशी एवं अन्य अधिकारियों के विरूद्ध शासकीय दस्तावेजों में कूटरचना करके फर्जी दस्तावेज तैयार करने एवं एवं कम्प्यूटर से हुबहु फर्जी एफआईआर तैयार कर कार्यवाही करने के संबंध में माननीय सीजेएम न्यायालय में परिवाद दायर किया था जिसमें माननीय न्यायालय ने दिनांक 24.12.2019 को सिविल लाइन थाना बिलासपुर को दोषी अधिकारियों के विरूद्ध अपराध दर्ज करने के निर्देश दिया था।

न्यायालय के आदेश के पालन में सिविल लाइन थाना बिलासपुर ने भारतीय दण्ड संहिता की गंभीर धाराओं 120 (बी). 420, 467, 468, 471, 472, 213, 218, 166, 167, 382, 380 के तहत अपराध क्र. 791 / 2020 दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की थी इसी बीच एसीबी के निलंबित पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह एवं अन्य के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर पर माननीय न्यायालय ने जांच पर रोक लगा दी थी।

mantr
66071dc5-2d9e-4236-bea3-b3073018714b

उल्लेखनीय है कि एसीबी के अधिकारियों ने खारंग संभाग बिलासपुर के कार्यपालन अभियंता आलोक कुमार अग्रवाल एवं अन्य अधिकारियों द्वारा जिन 15 टेंडर्स में करोड़ो रूपये की अनियमितता किये जाने एवं चहेते ठेकेदारों को टेंडर देने के संबंध में हुयी फर्जी शिकायत को सही ठहराकर वर्ष 2014-15 में झूठी कार्यवाही की गयी थी. उन सभी टेंडरों में आलोक अग्रवाल द्वारा कोई भी टेंडर स्वीकृत नहीं किये जाने और सभी टेंडर सही प्रक्रिया का पालन करते हुये मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता द्वारा निविदा में पात्र सही ठेकेदारों के टेंडर स्वीकृत किये जाने के संबंध में एसीबी के उपरोक्त अधिकारियों द्वारा स्वयं ही दिसंबर 2018 में किसी भी प्रकार का अपराध न पाये जाने का खात्मा रिपोर्ट तैयार कर दिया था जिसे न्यायालय में प्रस्तुत भी कर दिया गया है। उन टेंडरों में परिवादी पवन कुमार अग्रवाल ने ना ही कभी भाग लिया था ना ही उनको कोई भी निविदा आबंटित की गयी थी। एसीबी के अधिकारियों द्वारा जिस एफआईआर 56 / 2014 के आधार पर कार्यवाही करना दिखाया गया था वैसी कोई भी एफआईआर एसीबी ईओडब्ल्यू रायपुर के थाने में संधारित वैध एफआईआर बुक के पन्नों में पंजीबद्ध ही नहीं है बल्कि विधि प्रावधानों के विपरीत कम्प्यूटर से फर्जी कूटरचित एफआईआर तैयार करके कार्यवाही किये जाने के संबंध में दस्तावेजी सबूतों के साथ दायर परिवाद में एसीबी के तत्कालीन शीर्ष अधिकरियों के विरुद्ध अपराध दर्ज करने के न्यायालयीन आदेश पर अब पुनः जांच हो सकेगी।

Pradesh Khabar

e6e82d19-dc48-4c76-bed1-b869be56b2ea (2)
WhatsApp-Image-2025-09-23-at-1.09.26-PM-300x300
IMG-20250923-WA0360-300x300
WhatsApp-Image-2025-09-25-at-3.01.05-AM-300x298
BackgroundEraser_20250923_132554448-1-300x298
WhatsApp Image 2025-11-23 at 11.25.59 PM

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!