ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़रायपुर

आम जनता की गुहार, जुमलेबाजी छोड़कर बजट में वास्तविक राहत दे मोदी सरकार : वर्मा

रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि विगत 8 वर्षों से केंद्रीय बजट में देश के किसान, मजदूर, युवा, बेरोजगार, महिलाओं और आम जनता को कुछ नहीं मिला, राहत केवल चंद पूंजीपति कारपोरेट मित्रों पर केंद्रित रहा है। मोदी सरकार जनकल्याण की योजनाओं के बजट आवंटन में लगातार कटौती कर रही है। खाद सब्सिडी, खाद्य सब्सिडी और मनरेगा जैसे जनकल्याणकारी मदों में विगत 3 बजट से 25 से 35 परसेंट तक की भारी कटौती लगातार जारी है। अमीरों से लिया जाने वाला वेल्थ टैक्स खत्म कर डीजल पर लगभग 10 गुना सेंट्रल एक्साइज बढ़ाना मंहगाई का सबसे बड़ा कारण है। रेपो दर चालू वित्त वर्ष में ही 5 बार बढ़ाए गए, लोन पर ब्याज दरें बढ़ गई लेकीन महंगाई नियंत्रण से बाहर है। शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, गैस सब्सिडी जैसे समाज कल्याण के कार्यक्रमों में बजटीय आवंटन लगातार घटाए जा रहे हैं। यही कारण है कि पूंजीवादी नीतियों के चलते मोदी राज में असमानता दिनों-दिन बढ़ रही है, मोदी के चंद मित्र हर मिनट ढाई करोड़ से अधिक कमा रहे हैं जबकि आम जनता की आय लगातार घट रही है। देश में गरीबी निरंतर बढ़ रही है, बेरोजगारी ऐतिहासिक रूप से शिखर पर है। भुखमरी इंडेक्स में हम लगातार पिछड़ रहे हैं, 116 देशों में 55 वे स्थान से नीचे उतर कर आज़ 101वें स्थान पर पहुंच गए।

WhatsApp Image 2025-09-25 at 3.01.05 AM

देश में गरीबों की संख्या 81 करोड़ से पार है जो 2014 की तुलना में लगभग दुगुना है। आम उपभोक्ता की परचेसिंग पावर बढ़ाने, अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी बढ़ाने के बजाय कारपोरेट के मुनाफे पर केंद्रित योजनाएं मोदी सरकार की प्राथमिकता है। ना किसानों को एमएसपी की गारंटी मिली और ना ही केंद्र ने लोन में राहत दिया। 11 लाख़ करोड़ रुपए पूंजीपतियो के लोन राइट ऑफ किया गया और हर साल डेढ़ लाख करोड़ का टैक्स राहत भी कॉरपोरेट को ही दी जा रही है। गलत आर्थिक नीतियों के चलते व्यापार संतुलन लगातार बिगड़ रहा है। आयात बढ़ रही है, निर्यात में कमी हो रही है। कनकी के निर्यात पर रोक है और चावल के एक्सपोर्ट में भारी-भरकम सेंट्रल एक्साइज। श्रम आधारित सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योग नष्ट होते जा रहे हैं। हर सेक्टर नकारात्मक गोते लगा रहा है। बेरोजगारी बढ़ रही है, उत्पादकता घट रही है। बुजुर्गों और महिलाओं के आय का प्रमुख स्रोत बचत पर ब्याज है। परंतु मोदी सरकार ने जमा पर ब्याज की दर सेविंग में 3 परसेंट से कम और एफडीआर में 6 प्रतिशत से कम कर दिया है। दाल, अनाज, तेल, मसालों की कीमतें आसमान छू रहे, गैस सब्सिडी अघोषित रुप से खत्म कर सिलेंडर के दामों में तीन गुनी वृद्धि से गृहणियों पर दोहरी मार पड़ रही है। हमारे देश की अर्थव्यवस्था की तासीर मिश्र अर्थव्यवस्था है, सरकारी उपक्रमों को मजबूत करने की आवश्यकता है निजी उद्योग भी रहे परंतु नवरत्न कंपनियां, सरकारी विभाग, सरकारी कंपनियां हमारी समृद्धि का प्रतीक है। सदैव लाभप्रद रहने वाले सरकारी उपक्रमों के भी एकतरफा निजीकरण से सरकारी नौकरियों में युवाओं के रोजगार के अधिकार छीने जा रहे हैं। एलआईसी, एयर इंडिया, बीपीसीएल, एमटीएनएल, शिपिंग, आईडीबीआई, पवनहंस, नीलांचल, एयरपोर्ट, बंदरगाह, नवरत्न कंपनियों को बेचने का निर्णय मोदी सरकार की आर्थिक बेबसी और लाचारी को प्रमाणित करता है। विगत बजट में मोदी सरकार की कुल प्राप्तियों में सबसे बड़ा हिस्सा कर्ज और सरकारी संपत्ति सरकारी उपक्रम के विक्रय से प्राप्तियां बताई गई थीं। 2014 में देश पर कुल कर्ज का भार 55 लाख करोड़ था जो वर्तमान में बढ़कर 156 लाख करोड़ से अधिक हो चुका है। बिना किसी रोडमैप और आर्थिक फ्रेमवर्क के केवल पूंजीवाद की दिशा में देश को तेजी से धकेला जा रहा है। कारपोरेट टैक्स 25 पर्सेंट, नई घरेलू निर्माण कम्पनियों के लिए 17 परसेंट और भागीदारी फर्म पर 30 परसेंट यह विरोधाभास हमारे संविधान के निहित लोकतांत्रिक समाजवाद के सिद्धांतों के खिलाफ है। टैक्स का भार बड़े पूंजीपतियों पर अधिक होना चाहिए बजाय छोटे और मध्यम के। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि मोदी सरकार के विगत 8 बजट में देश के संसाधन, सार्वजनिक उपक्रमों को बेचने और कर्ज का भार 3 गुना करने के अलावा आम जनता को कुछ नहीं मिला। केवल डीजल पेट्रोल पर ही सेंट्रल एक्साइज बढ़ाकर 23 लाख करोड़ से अधिक की डकैती मोदी सरकार ने आमजनता की जेब पर किया है।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)
WhatsApp Image 2025-09-03 at 7.26.21 AM
WhatsApp Image 2025-09-03 at 7.07.47 AM
WhatsApp Image 2025-09-02 at 10.51.38 PM
WhatsApp Image 2025-09-02 at 10.47.11 PM
WhatsApp Image 2025-09-02 at 10.40.50 PM
ABHYANTA DIWAS new (1)_page-0001

रिज़र्व बैंक का रिजर्व सरप्लस भी हड़प लिए, उसके बावजूद देश की अर्थव्यवस्था उल्टे पांव ही भाग रही है। 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने का वादा था परंतु हुआ उल्टा कृषि की लागत तीन गुनी हो गई। तथाकथित कृषि सुधारों का लाभ किसानों को नहीं बल्कि बाजार के अनुकूल कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाना है। लगभग 67 जनता खेती से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से निर्भर है लेकिन जीडीपी में कृषि की हिस्सेदारी लगातार घट रही है (लगभग 13 प्रतिशत)। महंगे खाद-बीज और महंगे डीजल के चलते आज देश के लगभग 70 प्रतिशत किसान अपनी लागत निकाल पाने की स्थिति में नहीं है। स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश (C-2 फार्मूले से लागत पर 50 प्रतिशत लाभ), बड़ी सिंचाई परियोजना, और खाद-बीज, कृषि सब्सिडी बढ़ाने की आवश्यकता है। मोदी सरकार के द्वारा आंकड़े हमेशा अपने राजनैतिक लाभ के हिसाब से चुने जा रहे हैं। विदेशों में भेजा जाने वाला धन बढ़ा है, बाहरी निवेश आने के बजाय उल्टे भारतीय कंपनियां बाहर जा रही हैं, प्रतिदिन 600 लोग देश छोड़ रहे हैं। ईज आफ डूइंग बिजनेस में भारत का क्रम लगातार नीचे जा रहा है। बेरोजगारी, भुखमरी, भ्रष्टाचार और असमानता तेज़ी से बढ़ रहा है। देश के 85 प्रतिशत जनता की आय दिनों दिन घट रही हैं, वही प्रधानमंत्री पूंजीपति मित्रों की संपत्ति कई गुना बढ़ रही है। आयकर की बेसिक एग्जमप्शन लिमिट 2014 से आज तक वही ढाई लाख ही है सेक्शन 87 के तहत टैक्स रिबेट के बजाय आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर पांच लाख किया जाए। 80-C के तहत छूट की सीमा डेढ़ लाख से बढ़ाकर तीन लाख किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य बीमा पर छूट 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार हो। बीमा और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी में छूट मिले। हाउस लोन पर ब्याज की छूट दो लाख से बढ़ाकर 4 लाख किया जाए। बचत खाते पर मिले ब्याज पर  80-TTA है के तहत छूट की लिमिट सभी के लिए 50 हजार हो। झूठ, भ्रम, जुमले, वादाखिलाफी और गलत बयानी छोड़कर आम बजट में वास्तविक राहत दे मोदी सरकार।

Pradesh Khabar

WhatsApp Image 2025-08-15 at 7.06.25 AM
WhatsApp Image 2025-08-15 at 7.00.23 AM
WhatsApp Image 2025-08-15 at 6.52.56 AM
WhatsApp Image 2025-08-15 at 7.31.04 AM
e6e82d19-dc48-4c76-bed1-b869be56b2ea (2)
WhatsApp Image 2025-08-28 at 12.06.51 AM (2)
WhatsApp Image 2025-08-28 at 12.06.53 AM (1)
WhatsApp Image 2025-08-28 at 12.06.52 AM (1)
WhatsApp Image 2025-08-28 at 12.06.51 AM
WhatsApp Image 2025-08-28 at 12.06.54 AM
WhatsApp Image 2025-08-28 at 12.06.54 AM (2)
WhatsApp Image 2025-08-28 at 12.06.50 AM

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!