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कांग्रेस ने ‘संकीर्तन सत्याग्रह’ किया, पुरी जगन्नाथ मंदिर के सभी द्वार खोलने की मांग की

कांग्रेस ने ‘संकीर्तन सत्याग्रह’ किया, पुरी जगन्नाथ मंदिर के सभी द्वार खोलने की मांग की

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भुवनेश्वर,विपक्षी कांग्रेस के नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने विरोध के एक नए तरीके के तहत बृहस्पतिवार को पुरी में भगवान के 12वीं सदी के मंदिर के सभी चारों द्वार खोलने की मांग करते हुए ओडिशा के विभिन्न जगन्नाथ मंदिरों के सामने ‘संकीर्तन’ किया।.

‘संकीर्तन सत्याग्रह’ (संगीत के साथ भगवान की स्तुति करते हुए सामूहिक जप) आंदोलन राज्य भर के सभी 314 प्रखंडों एवं शहरी स्थानीय निकायों में आयोजित किया गया था।

कांग्रेस ने पुरी जगन्नाथ मंदिर के चार द्वारों के अलावा, मंदिर स्थित भगवान के रत्न भंडार (खजाना) को खोलने और उसकी सूची बनाने की भी मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि रत्न भंडार 45 वर्षों तक नहीं खोला गया है, जबकि कानून में भगवान के खजाने में कीमती वस्तुओं की सूची तैयार करने का प्रावधान है।.
पूरा वातावरण ‘जय जगन्नाथ’ के जयकारों से गूंज उठा क्योंकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने झांझ और मृदंग बजाकर ऊंचे स्वर में भगवान के जयकारे लगाए । जहां पार्टी कार्यकर्ताओं के एक समूह ने पुरी में श्री मंदिर के पास संकीर्तन किया, वहीं इसी तरह का एक कार्यक्रम पार्टी के राज्य मुख्यालय, भुवनेश्वर में कांग्रेस भवन के पास भी देखा गया।

पुरी और कई अन्य स्थानों में, संकीर्तन सत्याग्रह में श्रद्धालुओं की भागीदारी भी देखी गई। सहोदर देवताओं – भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ की मूर्तियां भी आंदोलन स्थल के पास रखी गई।

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इससे पहले पार्टी ने 16 अक्टूबर को अपने आंदोलन के दौरान राज्य सरकार को 28 अक्टूबर तक पुरी मंदिर के चार द्वार खोलने का अल्टीमेटम देते हुये कहा था कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो पार्टी अपना आंदोलन तेज करेगी।

ओपीसीसी के अध्यक्ष शरत पटनायक ने कहा, ‘बड़ी संख्या में श्रद्धालु, जिनमें ज्यादातर बुजुर्ग हैं, पुरी में जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश करने के लिए घंटों कतार में खड़े हैं क्योंकि केवल एक द्वार खुला रहता है।’’

उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने द्वार खोले जाने की मांग के बाद प्रशासन ने स्थानीय लोगों के लिये पुरी के पश्चिमी दरवाजे को खोला है ।

पटनायक ने कहा, ‘‘पुरी मंदिर के चार में से तीन द्वार बंद करने के सरकार के फैसले से भगवान जगन्नाथ के करोड़ों भक्त दुखी हैं। भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए संकीर्तन किया जाता है। राज्य सरकार को सद्बुद्धि मिलनी चाहिए ताकि श्रद्धालुओं को सुगमता से दर्शन की सुविधा के लिए मंदिर के द्वार खोले जा सकें।’’

ओपीसीसी अध्यक्ष ने एक बयान में कहा कि हालांकि पार्टी जगन्नाथ मंदिर के यूनिट-पांच के पास ‘संकीर्तन सत्याग्रह’ की योजना बना रही थी, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी।

पार्टी विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति ने कहा, ‘‘इसलिए, हमने अस्थायी रूप से कांग्रेस भवन के पास तीनों सहोदर देवताओं की मूर्तियां स्थापित कीं और आंदोलन किया।’’

इस बीच, श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के एक अधिकारी ने कहा कि पुरी हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना पूरी होने के बाद ही सभी चार दरवाजे खोले जाएंगे।

गलियारा परियोजना के लिए किए जा रहे निर्माण कार्य के कारण तीन अन्य मंदिर के द्वार श्रद्धालुओं के लिए बंद है ।

Ashish Sinha

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