छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंराजनीतिराज्यसूरजपुर

मौसी के घर से अपने घर भाई बहन के साथ पहुंचे जगन्नाथ प्रभु

मौसी के घर से अपने घर भाई बहन के साथ पहुंचे जगन्नाथ प्रभु

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e

गोपाल सिंह विद्रोही बिश्रामपुर – भगवान जगन्नाथ महाप्रभु के रथ यात्रा की समाप्ति गाजे बाजे भव्य भंडारे के बीच पूर्ण हो गई।रथ मौसी के घर से निकलकर अपने घर वापिस लौटे।
जानकारी के अनुसार भगवान जगन्नाथ मौसी के घर पर नव दिवस के विश्राम के पश्चात अपनी बहन सुभद्रा एवं भाई बलभद्र के साथ रथ मे विराज होकर अपने मंदिर(घर) के लिए निकले, 9 दिवस पूर्व 1 जुलाई को प्रभु जगन्नाथ रथ यात्रा का भव्य आयोजन उत्कल समाज बिश्रामपुर के द्वारा प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी संपन्न किया गया था। जिसके तहत भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा एवं भाई बलभद्र के साथ मौसी के घर को निकले थे। जहां 9दिवस विश्राम के उपरांत शनिवर को पुनः रथ पर सवार होकर आईटीआई कॉलोनी स्थित सरस्वती मंदिर से निकलकर संपूर्ण शहर में नगर भ्रमण करते हुए बस स्टैंड से अंबेडकर चौक एवं अंबेडकर चौक से पुनः वापसी करते हुए अपने मंदिर मे विराजे। वहीं इस वर्ष मंदिर पुरोहित पंडित प्रशांत मिश्र के द्वारा पारंपरिक तौर पर प्रभु जगन्नाथ को लगने वाला अति प्रिय भोग पोढो पीठा बस स्टैंड के समीप विधि विधान के साथ अर्पण किया गया, जिसे रथ के साथ चल रहे भक्तों में वितरण पुरी उड़ीसा के प्रसाद की अनुभूती करवाई गई। साथ ही रथ यात्रा की वापसी के उपरांत समाज के द्वारा वृहद भंडारे का आयोजन जगन्नाथ मंदिर प्रांगण में किया गया। जिसमें नगर के हजारों भक्त शामिल होकर भोग प्रसाद ग्रहण किया। आयोजन को सफल बनाने में समाज के सदस्य दीप्ति स्वाई, अशोक सवाई, गोविंद सवाई, शितीकांत सवाई,सुरेशन सवाई, बी सी पात्रो, विशाल सवाई, सेनापति प्रधान, प्रदीप त्रिपाठी, प्रभाकर सवाई, अलंकार नायक, अतुल सवाई, सूरज सेठी, एल सी त्रिपाठी, अक्षय साहू, संतोष बेहरा आदि लोग सक्रिय रुप से लगे हुए थे ।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

रथ यात्रा वापसी के पश्चात तीन दिवस तक महाप्रभु जगन्नाथ रथ में रहेंगे विराजमान

गौरतलब है कि महाप्रभु जगन्नाथ जी की रथ यात्रा वापसी के दिवस दसवीं का पक्ष लग चुका होगा, जिस वजह से महाप्रभु जगन्नाथ आगामी तीन दिवस तक रथ में विराजमान रहेंगे। एकादशी रविवार को संध्या 7 बजे परंपराओं के अनुसार स्वर्ण वेश का धारण कर प्रभु भक्तों को दर्शन देंगे, द्वादशी को रीति रिवाज के अनुसार मीठे शरबत का भोग प्रभु को अर्पण किया जाएगा। तत्पश्चात त्रयोदशी को भगवान जगन्नाथ जी का मंदिर पुरोहित पंडित सुशांत मिश्र के द्वारा विधि विधान से अनुष्ठान करते हुए भगवान जगन्नाथ को मंदिर में विराजमान करवाया जाएगा, जिसे नीलाद्र विजय के नाम से जाना जाता है।

Ashish Sinha

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!