
संजू रजक/ ब्यूरो चीफ/ सरगुजा/कोरोना के बाद अब ब्लैक फँसग ने सरगुजा संभाग में भी पैर पसारना शुरू कर दिया है और पूरे संभाग में इसका उपचार मेडिकल कालेज में ही संभव नजर आ रहा है मगर ब्लैक फंगस के इलाज में उपयोग किये जाने वाले एमपोटेरेसिन इंजेक्सन की कमी के कारण मेडिकल कालेज अस्पताल ब्लैक फंगस के पीड़ति मरीजो के लिए सिर्फ रेफरल सेंटर के रूप में काम कर पा रहा है हालांकि मेडिकल कालेज अस्पताल प्रबंधन से लेकर कलेक्टर इसके लिए जरूरी इंजेक्सन की व्यवस्था करने की बात जरूर कर रहे है,
दरसअल सरगुजा संभाग में भी ब्लैक फंगस के मामले सामने आ रहे है बलरामपुर और सूरजपुर में इसके पीड़ित मरीज के सामने आने के साथ ही अम्बिकापुर मेडिकल कालेज में भी एक संदिग्ध मरीज को दाखिल किया गया है! अम्बिकापुर मेडिकल कालेज अस्पताल के पास इसके जांच की सुविधा तो है ही साथ ही इलाज के लिए संसाधन और प्रशिक्षित चिकित्सक भी है मगर इसके इलाज में उपयोग आने वाला इंजेक्सन ही यहां मौजूद नही ऐसे में मेडिकल कालेज अस्पताल इंजेक्सन के बिना मरीजो का इलाज कर पाने में असमर्थ है यही कारण है कि मेडिकल कालेज अस्पताल प्रबंधन ने करीब 1 हजार इंकजेक्सन की डिमांड सीजीएमएससी को भेजी है और इसके अलावा स्थानीय स्तर पर भी व्यवस्था करने की बात मेडिका कालेज अस्पताल प्रबंधन कर रहा है! सबसे बड़ी बात ये की ब्लैक फंगस के इलाज के लिए इंजेक्सन की जरूरत सबसे ज्यादा होती है और एक मरीज को करीब 15 इंजेक्सन इलाज के दौरान लगाने पड़ते है ऐसे में ये साफ है कि बिना इंजेक्सन मेडिकल कालेज अस्पताल प्रबंधन सिर्फ जांच ही कर सकेगा इलाज नही! जबकि अम्बिकापुर मेडिकल कालेज अस्पताल में न सिर्फ अम्बिकापुर बल्कि कोरिया, बलरामपुर, सूरजपुर, जशपुर, समेत दूसरे प्रदेश के मरीज भी इलाज कराने पहुँचते है! इधर जिला प्रशासन भी ब्लैक फंगस के मामले सामने आने के बाद अलर्ट मोड़ पर है हर स्तर पर इंजेक्सन की वयस्था करने के साथ ही पीड़ितों को हर मुमकिन इलाज मुहैया कराने की तैयारी करने की बात जिला प्रशासन कर रहा है!










