
बलरामपुर में विभागीय समीक्षा बैठक, शासकीय भूमि कब्जा मुक्त करने के निर्देश
बलरामपुर में विभागीय समीक्षा बैठक, शासकीय भूमि कब्जा मुक्त करने के निर्देश
बलरामपुर, 01 अप्रैल 2025: आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास, कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम की अध्यक्षता में संयुक्त जिला कार्यालय भवन में विभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिले के विकास के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
बैठक में सबसे पहले शासकीय भूमि पर बेजा कब्जे के मुद्दे पर गंभीरता से विचार किया गया। मंत्री ने सभी अधिकारियों को आदेश दिया कि जिले में स्थित शासकीय और वन भूमि पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा सख्ती से हटाया जाए। यह कार्यवाही तेजी से और प्रभावी ढंग से की जाए। उन्होंने विशेष रूप से अनुविभागीय अधिकारियों और विभागीय अधिकारियों से अपने-अपने क्षेत्रों में नियमित निरीक्षण करने और कब्जा मुक्त करने की प्रक्रिया को तेज करने का निर्देश दिया।
मंत्री ने कहा कि शासकीय भूमि पर कब्जा एक गंभीर समस्या बन गई है, जिससे राज्य सरकार की योजनाओं और विकास कार्यों को भी नुकसान पहुंचता है। इसलिए सभी संबंधित अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी का एहसास कराते हुए इस मामले में शीघ्र कार्यवाही करने की आवश्यकता है।
बैठक में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत जिले के किसानों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने के बारे में भी चर्चा की गई। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि योजना के तहत सभी पात्र किसानों को लाभान्वित किया जाए और इस योजना के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जाए। उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि शत-प्रतिशत किसानों को इस योजना का लाभ मिलना चाहिए, ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो सके और उनका जीवन स्तर बेहतर हो।
कृषि क्षेत्र की अहम योजनाओं पर भी चर्चा की गई, विशेष रूप से बागबानी क्षेत्र के विकास पर जोर दिया गया। मंत्री ने कहा कि जिले में बागबानी के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और सरकार की यह योजना किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से बनाई गई है। इसके लिए राष्ट्रीय बागबानी मिशन और किसान सम्मान निधि जैसी योजनाएं किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकती हैं। इन योजनाओं के माध्यम से उद्यानिकी क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाएगा और किसानों की आय में वृद्धि की जाएगी।
बैठक में जल जीवन मिशन के तहत चल रहे कार्यों की भी समीक्षा की गई। मंत्री ने गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए जल संरक्षण पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में भू-जल स्तर काफी नीचे चला जाता है, जिससे पेयजल की समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसलिए ऐसे क्षेत्रों को चिन्हांकित कर वहां जल संरक्षण और पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही, उन्होंने सार्वजनिक चौक-चौराहों पर पानी की उचित व्यवस्था करने के लिए प्याऊ खोलने के निर्देश भी दिए।
मंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि बिजली विभाग द्वारा जिन स्थानों पर ट्रांसफॉर्मर की आवश्यकता है, वहां शीघ्र ट्रांसफॉर्मर लगाए जाएं ताकि बिजली आपूर्ति में कोई व्यवधान न आए। इसके अलावा, निर्माण एजेंसियों की समीक्षा करते हुए मंत्री ने निर्देश दिया कि सभी निर्माण कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और गुणवत्ता के साथ समय सीमा में पूर्ण किया जाए।
इसके साथ ही, मंत्री ने कहा कि निर्माण कार्यों को पूरा करने में यदि कोई भी समस्या आती है, तो उसे कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में लाकर समाधान किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि निर्माण कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही न हो और विकास कार्यों में कोई रुकावट न आए।
बैठक के दौरान वन विभाग और पर्यावरण पर भी चर्चा हुई, खासकर जंगलों में आग लगाने की समस्या पर। मंत्री ने कहा कि वनोपज एकत्रित करने के लिए जंगलों में आग लगाने की घटनाएं बढ़ रही हैं, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं। इसके लिए अधिकारियों को प्रभावी रणनीति बनाकर त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए।
इसके अतिरिक्त, बैठक में जिले के विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन, रिक्त पदों की भर्ती, हेचरी की प्रगति, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य विकासात्मक कार्यों पर विस्तार से चर्चा की गई। सभी अधिकारियों को इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए।
बैठक में मंत्री ने यह भी कहा कि इस वित्तीय वर्ष में बजट में जो घोषणाएं की गई थीं, उन्हें शीघ्र लागू किया जाए। इसके लिए अधिकारियों को कार्य योजना बनाकर त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने भी सरकार की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की आवश्यकता पर जोर दिया। विधायक शकुंतला पोर्ते और विधायक सामरी उद्देश्वरी पैंकरा ने भी बैठक में भाग लिया और क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों के बारे में अपनी जानकारी साझा की। दोनों विधायकों ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में चल रही योजनाओं का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन किया जाए ताकि यह योजनाएं अंतिम छोर तक पहुंच सकें और जनहित में लाभकारी साबित हो सकें।
विधायक शकुंतला पोर्ते ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री का सपना है कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाया जाए, और इसके लिए छत्तीसगढ़ और बलरामपुर जिले को भी विकसित किया जाना चाहिए। इसके लिए जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है।
विधायक सामरी उद्देश्वरी पैंकरा ने कहा कि विभागीय समीक्षा बैठक से क्षेत्र की स्थिति के बारे में अद्यतन जानकारी मिलती है। उन्होंने समयबद्ध निर्माण कार्यों के पूरा होने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। इसके साथ ही, आपातकालीन मामलों के शीघ्र समाधान और मुआवजा राशि के समय पर वितरण की बात भी कही।
बैठक में कलेक्टर राजेंद्र कटारा, पुलिस अधीक्षक वैभव रमनलाल, अपर कलेक्टर आर.एस. लाल, जिला पंचायत सीईओ नयनतारा सिंह तोमर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विश्व दीपक त्रिपाठी सहित अन्य प्रशासनिक और विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे।
इस बैठक ने यह स्पष्ट किया कि बलरामपुर जिले के विकास के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और विभागीय अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए सभी योजनाओं को लागू करने के लिए तत्पर हैं।
इस बैठक ने बलरामपुर जिले में विकास कार्यों को गति देने और प्रशासन की कार्यप्रणाली को सुधारने के लिए एक मजबूत दिशा प्रदान की है। शासकीय भूमि से कब्जा हटाने, जल जीवन मिशन को सफल बनाने, किसानों की मदद के लिए योजनाओं का सही क्रियान्वयन और पर्यावरण संरक्षण के उपायों पर जोर देने के साथ-साथ विकास कार्यों को समय पर पूरा करने का संदेश भी दिया गया। इस प्रकार, बैठक ने विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की योजना बनाई है।










