
‘‘हर बछर आलोगा कुड़िया छयला क खपरा ए पलटू लागत आछय, पाक्यो कुड़िया मिवचा ये चो कुसकुल ये मुक्ति मिवचो’
सफलता की कहानी : ‘‘हर बछर आलोगा कुड़िया छयला क खपरा ए पलटू लागत आछय, पाक्यो कुड़िया मिवचा ये चो कुसकुल ये मुक्ति मिवचो’
प्रधानमंत्री आवास योजना की कमार हितग्राही श्रीमती कमलाबाई ने कहा
उत्तर बस्तर कांकेर 30 सितंबर 2024/विशेष पिछड़ी जनजाति कमार हितग्राहियों के लिए भी प्रधानमंत्री आवास योजना वरदान साबित हो रही है। पक्का आवास मिलने से उनके जीवन में अच्छे परिवर्तन हो रहे हैं। वे अब एक जगह पर स्थायी रूप से रहने लगे हैं, न कि अस्थायी कच्चे मकान को छोड़कर अन्यत्र।
विशेष पिछड़ी जनजाति की श्रीमती कमलाबाई कमार, जिले के नरहरपुर विकासखण्ड के ग्राम दलदली निवासी, भी कुछ ऐसा ही मानती हैं। ‘‘हर बछर आलोगा कुड़िया छयला क खपरा ए पलटू लागत आछय, पाक्यो कुड़िया मिवचा ये चो कुसकुल ये मुक्ति मिवचा ये चो.’’ अर्थात कच्चे कवेलूपोश घर की छत से हर साल खपरैल बदलना पड़ता था,
इससे कई समस्याएं उत्पन्न हुईं। अब प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का घर मिलने से उन्हें इस समस्या से छुटकारा मिलेगा। श्रीमती कमलाबाई ने बताया कि वह मुश्किल से अपना और अपने परिवार चलाती है, बांस से कई प्रकार की टोकरी, चरिया बनाकर व बेचती है। उनके लिए पक्का आवास बनाना सिर्फ एक जैसा सपना था,
जो प्रधानमंत्री आवास योजना का परिणाम है। उन्हें खुशी से मुस्कुराते हुए बताया कि उन्हें योजना की पहली किस्त मिल चुकी है, जिससे वे दीवार लेवल तक निर्माण कार्य पूरा कर चुकी हैं। दूसरी किश्त के साथ शेष निर्माण कार्य भी जल्द ही पूरा हो जाएगा। साथ ही मनरेगा के तहत अपने घर में काम करने से रोजाना अतिरिक्त आय मिलती है। विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों के लिए भी यह योजना फायदेमंद हो रही है।