छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिराज्यरायपुर

भगवान झूलेलाल जयंती पर रायपुर में भव्य शोभायात्रा, उल्लास और आस्था का संगम

भगवान झूलेलाल जयंती पर रायपुर में भव्य शोभायात्रा, उल्लास और आस्था का संगम

WhatsApp Image 2025-10-31 at 2.58.20 PM (1)
WhatsApp-Image-2025-10-31-at-2.41.35-PM-300x300

रायपुर, 31 मार्च 2025 – छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भगवान झूलेलाल जयंती और चेट्रीचण्ड्र (चैतीचांद) पर्व पर भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। जयस्तंभ चौक पर शोभायात्रा का पुष्पवर्षा कर आत्मीय स्वागत किया गया। इस पावन अवसर पर समूचे सिंधी समाज को बधाई देते हुए उनके त्याग, तप और तरक्की को नमन किया गया। आयोजन में भगवान झूलेलाल की महिमा का बखान करते हुए प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि और शांति की कामना की गई।

शोभायात्रा का भव्य स्वागत और उल्लासपूर्ण आयोजन

भगवान झूलेलाल की जयंती और चेट्रीचण्ड्र पर्व के अवसर पर राजधानी रायपुर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। जयस्तंभ चौक पर पहुंचते ही शोभायात्रा में श्रद्धा और उल्लास का माहौल बना रहा। इस दौरान पुष्पवर्षा कर भगवान झूलेलाल की आराधना की गई और सिंधी समाज को पर्व की शुभकामनाएं दी गईं।

इस पर्व को नए वर्ष की उम्मीद, विश्वास और विजय की शुरुआत के रूप में देखा जाता है। यह पर्व एकता, सद्भावना और आत्मनिर्भरता का संदेश देता है। आयोजन में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं ने इस पर्व के महत्व को आत्मसात करते हुए भगवान झूलेलाल की आराधना की।

भगवान झूलेलाल की महिमा और चेट्रीचण्ड्र पर्व का महत्व

भगवान झूलेलाल सिंधी समाज के पूज्य देवता हैं, जिन्हें जल देवता और वरुण देव का अवतार माना जाता है। चेट्रीचण्ड्र पर्व हिंदू नववर्ष के प्रथम दिन मनाया जाता है और इसे उल्लास, भक्ति और सामाजिक एकता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। इस दिन विशेष रूप से सिंधी समुदाय अपने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ भगवान झूलेलाल की पूजा-अर्चना करता है। इस अवसर पर भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है, जिसमें श्रद्धालु पारंपरिक वेशभूषा में भगवान झूलेलाल की झांकी के साथ चलते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं और सामाजिक समरसता का संदेश देते हैं।

इस पर्व को भारतीय संस्कृति और धार्मिक आस्था का प्रतीक बताते हुए इसे सत्य, प्रेम और सेवा का संदेश देने वाला बताया गया। यह पर्व केवल सिंधी समाज तक सीमित नहीं है, बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए प्रेरणास्रोत है।

सिंधी समाज के संघर्ष और योगदान को किया नमन

सिंधी समाज के संघर्षों और उनकी उपलब्धियों को मुक्तकंठ से सराहा गया। विभाजन के दौरान सिंधी समाज को अपना घर-बार छोड़कर नए सिरे से जीवन शुरू करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनकी कर्मठता, एकजुटता और आत्मबल ने उन्हें देश के हर कोने में सम्मानजनक स्थान दिलाया है।

mantr
66071dc5-2d9e-4236-bea3-b3073018714b

व्यापार, शिक्षा, संस्कृति और राष्ट्रसेवा के हर क्षेत्र में सिंधी समाज की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उनकी एकजुटता और पारिवारिक मूल्य आज भी नई पीढ़ी को प्रेरणा देते हैं। समाज ने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने संस्कारों और परंपराओं को सहेज कर रखा, जो अपने आप में अनुकरणीय है।

महान विभूतियों का स्मरण

इस अवसर पर भारत की महान विभूतियों का विशेष रूप से स्मरण किया गया और कहा गया कि उन्होंने राष्ट्रनिर्माण में अविस्मरणीय योगदान दिया है। उनके जीवन, नेतृत्व और नीतियां समाज के लिए प्रेरणादायक हैं।

सिंधी समाज के विकास के लिए योजनाएं

सिंधी समाज की समृद्धि और विकास के लिए विशेष योजनाओं को संचालित किया जा रहा है। व्यापार, शिक्षा और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में कई पहल की जा रही हैं, जिससे समाज के हर वर्ग को लाभ मिल सके। भविष्य में भी समाज के उत्थान के लिए नई योजनाएं लाई जाएंगी।

सभी समाजों की प्रगति के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए हर संभव सहयोग देने की प्रतिबद्धता जताई गई।

शोभायात्रा में जनप्रतिनिधियों और गणमान्य नागरिकों की भागीदारी

इस अवसर पर रायपुर के विभिन्न जनप्रतिनिधि, सिंधी काउंसिल के पदाधिकारी, समाज के वरिष्ठ सदस्य और कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। आयोजन में भाग लेने वाले सभी अतिथियों ने भगवान झूलेलाल की महिमा का बखान किया और सिंधी समाज की मेहनत और अनुशासन को प्रेरणादायक बताया।

व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में सिंधी समाज ने विशेष पहचान बनाई है। उनका योगदान देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण रहा है। सरकारें हमेशा समाज के कल्याण के लिए कार्य करती रही हैं और आगे भी जारी रखेंगी।

समापन और संदेश

कार्यक्रम के समापन पर सभी श्रद्धालुओं और उपस्थित जनों को पर्व की बधाई दी गई और कहा गया कि यह पर्व हमें एकता, प्रेम और सामाजिक सद्भाव का संदेश देता है। भगवान झूलेलाल और मां भवानी से प्रदेशवासियों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना की गई।

नवरात्रि के साथ प्रारंभ हो रहे इस शुभ समय में समाज और देश के विकास के लिए मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया गया।

शोभायात्रा के समापन पर श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से भगवान झूलेलाल की स्तुति की। पूरे शहर में भव्य सजावट की गई थी और जगह-जगह प्रसाद और जल सेवा का आयोजन किया गया।

भगवान झूलेलाल की जयंती और चेट्रीचण्ड्र पर्व पर रायपुर में हुए इस भव्य आयोजन ने न केवल सिंधी समाज बल्कि पूरे प्रदेश में सामाजिक समरसता और धार्मिक सौहार्द्र का संदेश दिया। आयोजन में शामिल हुए श्रद्धालुओं को इस पर्व की महत्ता से अवगत कराया गया, जिससे समाज के हर वर्ग को प्रेरणा मिली।

 

Ashish Sinha

e6e82d19-dc48-4c76-bed1-b869be56b2ea (2)
WhatsApp-Image-2025-09-23-at-1.09.26-PM-300x300
IMG-20250923-WA0360-300x300
WhatsApp-Image-2025-09-25-at-3.01.05-AM-300x298
BackgroundEraser_20250923_132554448-1-300x298
WhatsApp Image 2025-11-23 at 11.25.59 PM

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!