
छत्तीसगढ़ ने जीएसटी संग्रह में रचा इतिहास: अप्रैल 2025 में 4,135 करोड़ का रिकॉर्ड, केरल-पंजाब को पछाड़ा
छत्तीसगढ़ ने अप्रैल 2025 में 4,135 करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह कर राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख स्थान हासिल किया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में व्यापारिक सुधारों ने राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
छत्तीसगढ़ बना जीएसटी संग्रह में अग्रणी राज्य
अप्रैल 2025 में 4,135 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड संग्रहण
केरल, पंजाब और बिहार जैसे राज्यों को पछाड़ा
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सुधारों का असर
रायपुर, 2 मई 2025:छत्तीसगढ़ ने अप्रैल 2025 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रहण में बड़ी छलांग लगाते हुए 4,135 करोड़ रुपये का संग्रहण दर्ज किया है। यह उपलब्धि राज्य को देश के शीर्ष 15 राज्यों की सूची में शामिल करती है। जीएसटी संग्रहण के मामले में छत्तीसगढ़ ने केरल, पंजाब, बिहार और झारखंड जैसे खनिज संपन्न राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह सफलता छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा व्यापार और उद्योग क्षेत्र में किए गए व्यापक और ठोस सुधारों का परिणाम है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में बीते 15 महीनों में राज्य सरकार ने ऐसे कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिनका सीधा लाभ राज्य की आर्थिक स्थिति और राजस्व में वृद्धि के रूप में सामने आया है।
सरकार द्वारा किए गए प्रमुख सुधारों में शामिल हैं:
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उद्योग एवं व्यापार नियमों का सरलीकरण
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बाधक और अप्रासंगिक कानूनों की समाप्ति
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सभी आवश्यक सेवाओं की ऑनलाइन उपलब्धता
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पेट्रोल पंप खोलने के लिए लाइसेंस की अनिवार्यता को समाप्त करना
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उद्योगों की स्थापना प्रक्रिया को आसान बनाना
इन पहलुओं ने राज्य में औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया है। नतीजतन, राज्य की अर्थव्यवस्था सशक्त हुई है और जीएसटी संग्रहण में निरंतर वृद्धि दर्ज की जा रही है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर कहा,
“छत्तीसगढ़ को आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनाना हमारा लक्ष्य है। यह आर्थिक प्रगति राज्य की जनता और उद्योग जगत के सहयोग से संभव हो पाई है।”
राज्य का यह प्रदर्शन एक स्पष्ट संकेत है कि छत्तीसगढ़ अब केवल खनिज आधारित अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि एक उभरता हुआ औद्योगिक केंद्र बन रहा है। यह परिवर्तन राज्य को निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक और आर्थिक रूप से सक्षम बना रहा है।