
अयोध्या में रामलला का भव्य श्रृंगार: चार बार लगता है भोग, अलग-अलग रूप में देते हैं दर्शन
अयोध्या राम मंदिर में विराजमान भगवान श्री रामलला का प्रतिदिन चार बार भोग और भव्य श्रृंगार किया जाता है। हर मौसम के अनुसार वस्त्र बदलते हैं और आरती सुबह 6:30 से रात 8:30 बजे तक होती है। जानिए रामलला श्रृंगार और आरती की पूरी परंपरा।
अयोध्या, 10 नवंबर 2025 | अयोध्या धाम में विराजमान ब्रह्मांड नायक भगवान श्री रामलला सरकार का मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि पर शुभ अलौकिक श्रृंगार किया गया। विक्रम संवत 2082 के अनुसार सोमवार को रामलला को भव्य श्रृंगार के बाद चार समय का भोग लगाया गया।
राम मंदिर की रसोई में तैयार विशेष व्यंजन दिन और मौसम के अनुसार बदले जाते हैं। गर्मी में हल्के सूती वस्त्र तो सर्दी में ऊनी वस्त्र और स्वेटर पहनाए जाते हैं।
रामलला को हर दिन चार भोग लगाए जाते हैं—बाल भोग, राजभोग, संध्या भोग और शयन भोग।
पहली आरती सुबह 6:30 बजे होती है, जबकि दोपहर में 12 बजे भोग आरती और शाम 7:30 बजे संध्या आरती होती है। रात 8:30 बजे भगवान को शयन कराया जाता है।
भक्त सुबह से शाम तक रामलला के विविध रूपों के दर्शन करते हैं। उनकी फूलों की माला विशेष रूप से दिल्ली से मंगाई जाती है, जो उनकी अलौकिक शोभा में चार चांद लगाती है।








