
कलेक्टर राजेंद्र कटारा ने स्वास्थ्य और महिला-बाल विकास विभाग की समीक्षा की, सेवाओं में सुधार के दिए निर्देश
बलरामपुर में कलेक्टर राजेंद्र कटारा ने स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा कर आंगनबाड़ी केंद्रों, संस्थागत प्रसव, टीकाकरण, पोषण, वय वंदन कार्ड और सुपोषण चौपाल की प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिए। सर्पदंश जागरूकता और चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया।
कलेक्टर ने स्वास्थ्य व महिला-बाल विकास विभाग की समीक्षा की, सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने दिए निर्देश

बलरामपुर, 06 दिसम्बर 2025। संयुक्त जिला कार्यालय सभाकक्ष में कलेक्टर राजेंद्र कटारा की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त समीक्षा बैठक आयोजित हुई। कलेक्टर ने दोनों विभागों को जनता से सीधे जुड़े होने के कारण सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार, समयबद्ध कार्य, और मैदानी स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
स्वास्थ्य केंद्र और आंगनबाड़ी समय पर खुलें—कलेक्टर
कलेक्टर ने कहा कि
- सभी स्वास्थ्य केंद्र
- सभी आंगनबाड़ी केंद्र
निर्धारित समय पर नियमित रूप से खुलने चाहिए।
उन्होंने आदेशों और निर्देशों का पालन कठोरता से कराने पर जोर दिया।
सभी अधिकारी-कर्मचारियों को अपने दायित्वों का गंभीरतापूर्वक निर्वहन करने के लिए निर्देश दिए गए।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ नयनतारा सिंह तोमर, मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी बसंत सिंह, सिविल सर्जन शशांक गुप्ता, महिला एवं बाल विकास अधिकारी बिस्मिता पाटले, बीएमओ, सीडीपीओ, सुपरवाइजर और मैदानी अमला उपस्थित रहे।
महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा
कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा के दौरान कहा—
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में प्रगति लाने स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय बढ़ाएँ।
- आंगनबाड़ी केंद्रों में हर माह प्रथम और तृतीय गुरुवार को होने वाली सुपोषण चौपाल में स्वास्थ्य अमला अनिवार्य रूप से उपस्थित रहे।
- गर्भवती महिलाओं की संयुक्त जांच सुनिश्चित की जाए।
- बच्चों का पोषण स्तर बेहतर बनाने के लिए सतत मॉनिटरिंग करें।
- आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रतिदिन उपस्थिति और शत-प्रतिशत बच्चों की सहभागिता सुनिश्चित हो।
कलेक्टर ने सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की उपस्थिति की अनिवार्यता दोहराई और कहा कि अनुपस्थिति की स्थिति में कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
स्वास्थ्य विभाग को दिए सख्त निर्देश
स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने कहा—
- संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दें
- गर्भवती महिलाओं का समय पर पंजीयन हो
- मातृ मृत्यु और शिशु मृत्यु दर शून्य करने लक्ष्य निर्धारित करें
- गंभीर कुपोषित बच्चों को तुरंत पोषण पुनर्वास केंद्र (NRC) में भर्ती कराया जाए
- टीबी मरीजों की पहचान होने पर समुचित उपचार दिया जाए
उन्होंने आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और वय वंदन कार्ड में लक्ष्य के अनुरूप प्रगति लाने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने स्पष्ट कहा—
“अगले 15 दिनों में छूटे हुए सभी वय वंदन कार्ड पंजीयन सेक्टरवार शत-प्रतिशत पूरा किया जाए।”
सर्पदंश पर ग्रामीणों को जागरूक करने के निर्देश
कलेक्टर ने जिले में सर्पदंश से हुई मौतों पर गंभीरता व्यक्त की। उन्होंने कहा—
- ग्रामीणों को जागरूक किया जाए कि एंटी स्नेक वेनम सभी निकटतम अस्पतालों में उपलब्ध है
- समय पर उपचार मिलने से मरीज की जान आसानी से बचाई जा सकती है
उन्होंने स्वास्थ्य कर्मचारियों को घर-घर जाकर लोगों से भेंट कर स्वास्थ्य एवं पोषण के बारे में जानकारी देने को भी कहा।
चिकित्सकों की अनुपस्थिति पर नाराज़गी
कलेक्टर ने कहा कि किसी भी स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक अनुपस्थित पाए जाने पर तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने चेतावनी दी कि स्वास्थ्य सेवाएँ किसी भी स्थिति में प्रभावित नहीं होनी चाहिए।











