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गर्भवती महिलाओं को शासन की योजनाओं से लाभान्वित करने की जरूरत – कलेक्टर

गर्भवती महिलाओं को शासन की योजनाओं से लाभान्वित करने की जरूरत – कलेक्टर

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राजनांदगांव/ कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति अंतर्गत स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त बैठक ली। कलेक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग समन्वय करते हुए कार्य करें। गर्भवती माताओं को चिन्हांकित करते हुए उनके स्वास्थ्य परीक्षण तथा पोषण के संबंध में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसके लिए उनका चिन्हांकन करते हुए एक व्यवस्था बनाने की जरूरत है, ताकि गर्भवती माताओं की जानकारी के साथ ही प्रसव की सूचना भी प्राप्त हो सके। शासन की इससे जुड़ी हुई बहुत सी योजनाएं हैं, जिससे उन्हें लाभान्वित करना है। इसलिए इस पर विशेष ध्यान देते हुए कार्य करने की जरूरत है। एएनसी करने के पश्चात गर्भवती माताओं को लक्षित करते हुए कार्य करें। पंजीयन के लिए कोई भी गर्भवती महिला नहीं छूटे। उन्हें समय पर वैक्सीन लगने के साथ ही शासन की योजना का लाभ मिल सके। गर्भावस्था के दौरान ही शिशु के स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए। गर्भवती माताओं को आयरन, फोलिक एसिड दवाईयां एवं अतिरिक्त आहार देने के लिए विशेष कार्य करें। साथ ही सामुदायिक सहभागिता व जागरूकता होनी चाहिए। गंभीर कुपोषित बच्चों के प्रति विशेष ध्यान देते हुए जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति शुक्रवार हेल्थ फ्राईडे मनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसी महिलाएं जो स्वस्थ हैं और जिनका बच्चा स्वस्थ है, उन ग्रामों के लिए उन्हें ब्रांड एम्ब्रेसडर बनाएं, ताकि वे दूसरी महिलाओं को सुपोषण के लिए प्रेरित कर सकें।

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कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि हाई रिस्क वाली गर्भवती महिलाओं का हिमोग्लोबिन अच्छा रहना चाहिए। इसके लिए सामुदायिक सहभागिता बढ़ाते हुए जागरूकता के लिए कार्य करें। स्थानीय स्तर पर मुनगे एवं अन्य पौष्टिक आहार लेने के बारे में बताएं। इसके लिए उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग को योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले में रोड कनेक्टिविटी बहुत अच्छी है। इसके अंतर्गत संस्थागत प्रसव शत-प्रतिशत करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि जिलेवासियों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिले। इस दिशा में व्यवस्थित एवं मजबूती से कार्य करने की जरूरत है। जनसामान्य का स्वास्थ्य प्राथमिकता है। विकासखंडवार संस्थागत प्रसव की समीक्षा की तथा डिलिवरी के लिए ट्रेकिंग सिस्टम बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि जिले में सभी जनप्रतिनिधि, उद्योगों एवं जनसहभागिता से एनीमिक गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार देने के लिए कार्य करें। कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को किए जा रहे, टीकाकरण के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि इस पर विशेष ध्यान देते हुए समय पर टीकाकरण कराना सुनिश्चित करें। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन एवं एनएनएम को ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों के टीकाकरण के लिए जागरूक एवं प्रोत्साहित करना होगा। आयुष्मान कार्ड निर्माण में आ रही तकनीकी दिक्कतों को दूर करने के निर्देश दिए। सिकल सेल टेस्ट के लिए लक्ष्य के अनुरूप अधिक से अधिक परीक्षण के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सभी डॉक्टर एवं स्टॉफ मरीजों के साथ संवेदनशीलतापूर्वक व्यवहार करें और उनका ईलाज करें। गरीब एवं जरूरतमंद व्यक्तियों की मदद करें और उनका उपचार करें। राष्ट्रीय अंधत्व निवारण कार्यक्रम, राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम, मातृ-मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, लिंगानुपात, फाइलेरिया, डेंगू, टीबी एवं अन्य कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ए बसोड़, कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती गुरप्रीत कौर, सिविल सर्जन डॉ. चंद्रवंशी, नोडल अधिकारी टीबी डॉ. अल्पना लूनिया, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. बीएल तुलावी, डीपीएम सुश्री भूमिका वर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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