
भक्तो के कष्ट को दूर करने भगवन हर जगह प्रगट होते है- कथावाचक अशोक कृष्ण जी महाराज
भक्तो के कष्ट को दूर करने भगवन हर जगह प्रगट होते है- कथावाचक अशोक कृष्ण जी महाराज
गोपाल सिंह विद्रोही बिश्रामपुर-गौरी शंकर मंदिर परिसर मे चल रही भागवत कथा के चतुर्थ दिवस मे भागवत कथा प्रवक्ता श्री अशोक कृष्ण जी महाराज ने बताया कि भक्तो के कष्ट को दूर करने के लिए भगवान अनेक रूप में प्रगट होते है प्रहलाद चरित्र का वर्णन करते हुए महाराज श्री ने बताया कि हिरणाकश्यप के पुत्र प्रहलाद जी के लिए भगवान नरसिंह बनकर प्रगट हुए जब प्रहलाद जी महाराज विद्यालय में विद्या अध्ययन के गए तो उनके गुरु संडामर्क जी ने अनेक प्रकार से रक्षशी विद्या सिखाई परंतु श्री प्रहलाद जी ने मां के गर्भ में ही नारद जी से शिक्षा प्राप्त कर लिये थे गुरु संडामर्क ने बहुत सिखाया और जब पूछे तो हरी का नाम सुनते एक बार उनके पिता हिरणाकश्यप ने पूछा कि पुत्र अपने गुरुकुल में क्या सीखा तो प्रहलाद जी ने नवधा भक्ति सुनाया हिरणाकश्यप क्रोधित होकर प्रहलाद जी को अनेक प्रकार से दंड दिया भगवान की कृपा से प्रहलाद जी को कुछ नहीं हुआ प्रहलाद जी को होलिका के गोद में बैठा के आग में जलाया गया होलिका आग में जल गई और प्रहलाद जी बच गए तब क्रोध से हिरणाकश्यप ने पूछा कि तुम्हारा भगवन कहा रहता है प्रहलाद जी ने कहा कि मेरा भगवान हर जगह रहता है खंभे की ओर इशारा करते हुए कहा कि मेरा भगवान इस खंभे में भी है हिरणाकश्यप ने जैसे ही उस खंभे में प्रहार किया तो भगवान अपने भक्त के बचनो के रक्षा के लिए भगवान नृसिंह बनकर प्रगट हुए और हिरणाकश्यप का उद्धार किया और अपने भक्त की रक्षा की इस तरह महाराज श्री ने कहा कि प्रभु की भक्ति करने से भक्तों के कष्ट एवं उनके बुरा वक्त दूर होता है भगवान अपने भक्तों पर हमेशा कृपा बनाते है राम जन्म एवं कृष्ण जन्म की कथा सुनाते हुए कहा कि जिस समय भगवान का जन्म हुआ तो जेल के ताले टूट गए पहरेदार सो गए वशुदेव वा देवकी बंधन मुक्त हो गए प्रभु की कृपा हो तो कुछ भी असम्भव नहीं है और प्रभु की कृपा ना होने से मनुष्य को सभी सुखों से वंचित कर देते भगवान के जन्म के बाद उफनती हुई जमुना से पर लेजाकर गोकुल में नंद बाबा के यहां पहुंचाया वहां से यशोदा के यहां जन्मी शक्ति स्वरूपा बेटी को चले आए इस प्रकार बड़ी धूम धाम से भगवान का जन्मोत्सव मनाया गया सभी भक्त भगवान के जन्मोत्सव में खूब झूमे