
पीएम मोदी ने राजस्थान की पहली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई
पीएम मोदी ने राजस्थान की पहली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई
मनोज यादव /न्यूज रिपोर्टर/प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राजस्थान (Rajasthan) की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई. राजस्थान में पहली वंदे भारत एक्सप्रेस जयपुर और दिल्ली कैंट के बीच चलेगी. इस वंदे भारत एक्सप्रेस की नियमित सेवा 13 अप्रैल से शुरू होगी. यह जयपुर, अलवर और गुड़गांव में स्टॉप के साथ अजमेर और दिल्ली कैंट के बीच चलेगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस ट्रेन को पीएम मोदी ने हरी झंडी दिखाई है उसकी क्या खासियतें हैं. आइए जानते हैं सब.
ऐसा कहा जाता है कि इस सेमी-हाई स्पीड ट्रेन की लागत लगभग 100 करोड़ रुपये आई है और शताब्दी एक्सप्रेस की तुलना में इसकी स्पीड तेज है. वंदे भारत ट्रेन आटोमैटिक गेट, AC कोच, ऑनबोर्ड वाई फाई जैसी कई सुविधाओं से लैस है. ट्रेन के पैंट्री कार में भोजन और पेय पदार्थों को गर्म करने और ठंडा करने के लिए शानदार क्वालिटी के डिवाइस भी दिए गए हैं. इसके अलावा डिब्बों के बीच के गैप को कुछ इस तरह से सील किया गया है कि बाहरी शोर अंदर तक बिल्कुल भी ना आ पाए. ट्रेन की गुणवत्ता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चलती ट्रेन में गिलास में रखा पानी भी स्थिर रहता है.
आए जानते हैं इसकी खासियतें-
आटोमेटिक गेट, AC कोच – ट्रेन के दरवाजे मेट्रो की तरह आटोमैटिक खुलते हैं. इस ट्रेन में 16 पूरी तरह से वातानुकूलित चेयर कार के कोच हैं.
ऑनबोर्ड वाई-फाई – वंदे भारत एक्सप्रेस में एंटरटेनमेंट के लिए के लिए इंटरनेट की सेवाओं का उपयोग करने के लिए उपयोगकर्ताओं को ऑनबोर्ड वाई-फाई की सुविधा प्रदान की गई है.
स्पीड – यह हाई स्पीड ट्रेन 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है. हालांकि वर्तमान ट्रैक पर 130 किमी प्रति घंटे से ज्यादा का सपोर्ट नहीं है.
GPS सिस्टम – वंदे भारत ट्रेन का GPS सिस्टम यात्रियों को आने वाले स्टेशनों और सूचनाओं के बारे में अपडेट करता है.
बायो वैक्यूम टॉयलेट – ट्रेन में गंदगी और स्वच्छता की समस्या को हल करने के लिए बायो वैक्यूम टॉयलेट बनाए गए हैं. इस तरह के टॉयलेट फ्लाइट में होते हैं.
स्मार्ट सिक्योरिटी – इस ट्रेन के सभी 16 डिब्बों में यात्रियों की पूरी सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.
विकलांगों के लिए सुविधा – वंदे भारत के कुछ कोचों में विकलांग लोगों को ध्यान में रखते हुए व्हीलचेयर पार्क करने के लिए अलग से जगह की सुविधा दी गई है.