
श्रमिक संगठन इंटक के संविधान मे कूटरचित कर संगठन का स्वयंभू बनने वाले नेताओं को हाईकोर्ट ने गलत ठहराया
श्रमिक संगठन इंटक के संविधान मे कूटरचित कर संगठन का स्वयंभू बनने वाले नेताओं को हाईकोर्ट ने गलत ठहराया
गोपाल सिंह विद्रोही विश्रामपुर-इंटक के संविधान में कूटरचित तरीके से किया गया संशोधन को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है साथ ही गोपाल नारायण सिंह और संपत शुक्ला को भी इंटक से बाहर कर दिया है।
इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए इंटक के मंगला सिंह यादव ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए बताया कि साऊथ ईस्टन कोयला मजदूर कांग्रेस( इंटक) के संविधान मे अवैधानिक संशोधन कर इंटक से निकाले जाने के बाद खुद ही दुबारा पदाधिकारी बनने के मामले मेहाईकोर्ट ने पंजीयक व्यावसायिक संघ के आदेश को निरस्त कर दिया ।पंजीयक संशोधन स्वीकार कर प्रतिवादियों को पदाधिकारी मान लिया था
संम्पत शुक्ला और गोपालनारायण सिंह साउथ ईस्टर्न कोयला मजदूर कांग्रेस (इंटक )के प्रमुख पदाधिकारी थे संगठन विरोधी गतिविधियों के कारण इन दोनों को हाईकमान ने गत 5 फरवरी 2016 को यूनियन से निकाल दिया था ।8फरवरी 2016 को ही इन लोगों ने यूनियन के बायलाज मे तब्दीली करके खुद अपना चुनाव अवैधानिक तरीके से करवा लिया इ्सकी लिखित जानकारी आवेदन के साथ पंजीयक व्यावसायिक संघ रायपुर को भेज दी 21मार्च 2016 इसे पंजीयक ने मंजूर कर लिया। इस कार्यवाही को यूनियन के डा.जी. संजीवा रेड्डी और पी. के. राय ने पहले इंडिट्ररयल कोर्ट मे चुनौती दी। यह मामला अभी लम्बित ही है इसके साथ ही बायलाज मे हुये संशोधन को हाईकोर्ट मे चुनौती दी गई याचिकाकर्ताओ ने अपने वकील के माध्यम से कहा कि जब इन दोनों को संगठन से बाहर निकाल दिया गया है तब ये पदाधिकारी नही रहने के कारण बायलाज मे संशोधन नही कर सकते।यह भी कहा कि मामले मे प्रतिवादी इंडिट्ररयल कोर्ट ही नही गये । मामले मे हाईकोर्ट मे जस्टिस अरविन्द चंदेल की बेंच मे सुनवाई की गई गत 13 सितम्बर 2022को हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था ।मंगलवार 18 अक्टूबर 2022 को इसे जारी किया गया।हाईकोर्ट ने माना कि दोनों प्रतिवादी सम्पत शुक्ला और गोपालनारायण सिंह पदाधिकारी ही नही है इस तरह अवैधानिक प्रक्रिया कर खुद को पदाधिकारी बताना गलत है इसके साथ ही 21मार्च 2016 को पंजीयक द्वारा जारी आदेश व बायलाज में संशोधन करने के निर्णय व संशोधन को भी निरस्त कर दिया गया अब पी.के.राय के द्वारा दी गई 5 फरवरी 2016 की पंजीयक के यहां जमा सूची ही बैध है जिसमे डा.जी. संजीवा रेड्डी अध्यक्ष और पी.के. राय महामंत्री है इस तरह अब गोपाल नारायण सिंह द्वारा सारे क्षेत्र की सभी नियुक्ति स्वतः भंग हो चुकी है। अब पी.के.राय द्वारा नियुक्त पदाधिकारी ही सभी क्षेत्र मे मान्य रहेगे। हाई कोर्ट के आदेश का विस्तृत जानकारी देते हुए एस.ई.के.एम.सी.(इंटक)के केन्द्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं बिश्रामपुर क्षेत्र के महामंत्री मंगला सिंह यादव ने दी