कोरबाछत्तीसगढ़राज्य

कोरबा : राजस्व मंत्री अग्रवाल ने की औद्योगिक उपक्रमों के प्रतिनिधियों संग बैठक : वर्तमान कोरोना संक्रमण से निपटने की गई तैयारियों का लिया जायजा और दिए सख्त निर्देश

अस्पतालों में जरूरी मशीनें और खदानों में प्रवेश द्वार पर करनी होगी कोविड टेस्ट की व्यवस्था

कोरबा 7 मई 2021प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने आज कोरबा स्थित एन.टी.पी.सी., बालको एवं एस.ई.सी.एल. की गेवरा, दीपका, कुसमण्डा और कोरबा खदानों के महाप्रबंधकों से वर्चुअल बैठक के माध्यम से वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए उनके अस्पतालों में की गई तैयारियों का जायजा लिया। राजस्व मंत्री ने स्पष्ट तौर पर सभी उपक्रमों को निर्देशित किया कि इस संकट काल में सभी उपक्रमों को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होना चाहिए और उन्हें अपने कर्मचारियों के साथ ही उनके अपने क्षेत्रों में सामुदायिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करना उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए और इसके लिए सभी उपक्रम तदनृसार कार्य योजना सुनिष्चित करें। मंत्री श्री अग्रवाल ने सभी उपक्रमों के अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में कोरबा क्षेत्र विषेशकर एस.ई.सी.एल के गेवरा, दीपका और कुसमण्डा खदान क्षेत्रों से जुड़े हुए ग्रामीण अंचलों में कोरोना संक्रमण के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं जिसके लिए एस.ई.सी.एल. प्रबंधन को गंभीरतापूर्वक जरूरी कदम उठाने की आवश्यकता है। राजस्व मंत्री ने आगे कहा कि एक दिन पूर्व ही मुख्य मंत्री ने वर्चुअल बैठक के जरिए क्षेत्र के स्वास्थ्य एवं प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक लेकर स्थिति का जायजा लिया था और कोरबा क्षेत्र विषेशकर कोयला खदान क्षेत्रों के आसपास स्थित ग्रामीण अंचलों में कोरोना संक्रमण की तेजी से बढ़ रही संख्या को देखते हुए चिंता जताई थी।

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e

मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने सभी उपक्रमों को सरकार के नजरिए से अवगत कराते हुए स्पष्ट किया कि उद्योग और व्यवसाय मानव जीवन से ऊपर नहीं हो सकते और यदि वर्तमान समय में तेजी से बढ़ रहे संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा सुझाए गए उपायों को तत्परतापूर्वक पूरा करने में किसी प्रकार की लापरवाही की जाती है अथवा ढ़िलाई बरती जाती है तो सरकार को कड़ा रूख अख्तियार करना पड़ सकता है जिसके तहत खदानों और उद्योगों को बंद करने तक की नौबत भी आ सकती है। वर्चुअल बैठक में उपस्थित उपक्रमों के समस्त अधिकारियों से राजस्व मंत्री ने कहा कि ऐसी स्थिति निर्मित न होने पाए इसके लिए वे तत्परतापूर्वक कदम उठाएं और शासन – प्रशासन का सहयोग करें। एनटी.पी.सी., बालको एवं एस.ई.सी.एल. के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए उन्होने कहा कि यदि जरूरी हो तो वे अपने उच्चाधिकारियों से बात कर लें और यथावश्यक अनुमोदन प्राप्त कर अपने विभागीय अस्पतालों में बिना समय गंवाए तत्काल एक-एक सी.टी.स्कैन मशीन लगवायें ताकि लोगों को फेफड़ों में फैले संक्रमण की स्थिति की जांच करने के लिए एचआरसीटी की भी सुविधा मिल सके। राजस्व मंत्री ने सभी अस्पतालों में निःशुल्क डायलिसिस के लिए दो मशीनों की तत्काल उपलब्धता सुनिष्चित करें।  राजस्व मंत्री ने अधिकारियों को याद दिलाया कि डायलिसिस मशीनों के लिए इसके पूर्व हुई बैठक में सभी उपक्रमों ने सहमति प्रदान किया था लेकिन अभी तक उसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। इस ओर सभी को न केवल तत्काल ध्यान देना जरूरी है बल्कि सभी को फौरन एक्शन मोड में आने की आवष्यकता है।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

राजस्व मंत्री मंत्री ने कहा कि बालको, एन.टी.पी.सी, एस.ई.सी.एल की कोरबा में संचालित गेवरा, दीपका, कुसमुण्डा स्थित विभागीय अस्पताल में एक-एक नग सी.टी. स्कैन मशीन, एक-एक नग 3डी ईको मषीन, एक-एक नग कलर डॉपलर और एक-एक नग टी.एम.टी मशीनों जैसे गंभीर बीमारियों में जांच के लिए जरूरी उपकरणों की स्थापना करवाएं। इसके अलावा एस.ई.सी.एल के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि कोरिया जिला अस्पताल को एक नग सी.टी.स्कैन मशीन और कोरबा जिला अस्पताल को एक नग एम.आर.आई. मशीन तत्काल उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए।
मंत्री श्री अग्रवाल ने सबसे पहले बालको प्रबंधन की ओर से बैठक में शामिल हुए प्रतिनिधि श्री अवतार सिंह से वर्तमान कोरोना संक्रमण की स्थिति से निपटने के लिए बालको प्रबंधन की तैयारियों का जायजा लिया। अवतार सिंह ने बताया कि बालको प्रबंधन ने कोरबा में कोविड मरीजों के लिए 100 बिस्तरों के अस्पताल की पृथक व्यवस्था की गई है जिसमें 80 बिस्तर ऑक्सीजन सपोर्ट वाले हैं। उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि आईसीयू में 5 बेड हैं और रायपुर स्थित बालको मेडिकल सेंटर में 100 अतिरिक्त बिस्तरों की व्यवस्था ऑक्सीजन सुविधा के साथ अगले 15 दिनों में उपलब्ध हो जाएगी।

कोरबा एनटीपीसी के समूह महाप्रबंधक विश्वरूप बासु ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके द्वारा 32 बिस्तरों की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है जिनमें से 15 सामान्य, 15 ऑक्सीजन सपोर्टवाले और 02 आईसीयू बिस्तर उपलब्ध हैं। श्री वासु ने सी.टी. स्कैन मशीन खरीदी के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि एन.टी.पी.सी. प्रबंधन द्वारा जिला स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त आवश्यक मापदण्डों के अनुरूप मांगपत्र तैयार करने की प्रक्रिया जारी है और जल्द ही इसकी आपूर्ति के लिए आदेश जारी कर दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि जल्द ही एन.ट.ीपी.सी. द्वारा स्याहीमुड़ी स्थित सीपेट अस्पताल में सी.टी.स्कैन मशीन लगाने जिला प्रषासन को सौंप दी जाएगी।

एस.ई.सी.एल. गेवरा खदान महाप्रबंधक एस.के मोहन्ती ने जानकारी देते हुए बताया कि सीईआईटी गेवरा में 48 बिस्तरों के अस्पताल की व्यवस्था की गई है जिनमें से सामान्य श्रेणी के 23 और ऑक्सीजन सपोर्ट वाले 25 बिस्तर उपलब्ध हैं। एस.ई.सी.एल कोरबा खदान महाप्रबंधक आर.पी. सिंह ने जानकारी दिया कि मुड़ापार स्थित विभागीय अस्पताल में कुल 30 बिस्तरों की व्यवस्था की गई है जिनमें से 15 सामान्य श्रेणी और 15 ऑक्सीजन सपोर्टवाले बिस्तर उपलब्ध हैं।

राजस्व मंत्री ने उपर्युक्त स्थितियों की जानकारी प्राप्त करने के बाद संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि केवल इतनी व्यवस्था से ही काम नहीं चलने वाला है। मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि अधिकारियों के लिए उनके कारखाने अथवा खदानों का उत्पादन महत्वपूर्ण तो है लेकिन उनको इस बात के लिए उससे भी अधिक गंभीर होने की आवश्यकता है कि कारखाने अथवा खदान में कार्य करने वाले लोग पूरी तरह से सुरक्षित रहे और इसके लिए उन्हें जरूरी कदम व्यवस्थाएं की जायें ताकि कोविड संक्रमण की कड़ी को तोड़ने में सफलता मिल सके।

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी  किरण कौशल ने कहा कि खदानों में कोयला परिवहन के लिए प्रवेश करने वाले ट्रकों के ड्राईवरों एवं हेल्परों की कोविड जांच खदानों के निकट ही एस.ई.सी.एल. प्रबंधन द्वारा की जानी चाहिए और निगेटिव रिपोर्ट के आधार पर ही उन्हें खदानों के भीतर जाने की अनुमति दी जानी चाहिए। ऐसा करने से संक्रमण की गति पर विराम लगाने में सफलता मिलेगी जबकि वर्तमान समय में एस.ई.सी.एल. प्रबंधन द्वारा इस तरह की जांच के लिए ठेकेदारों पर दबाव बनाया जाता है और परिणामस्वरूप प्रशासन पर अतिरिक्त भार बढ़ जाता है। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने इस बात पर बल देते हुए कहा कि यदि एस.ई.सी.एल प्रबंधन द्वारा इस संबंध में त्वरित निर्णय लेकर कोरोना जांच की व्यवस्था नहीं की जाती है तो जिला प्रशासन को मजबूरन कुछ समय के लिए सड़क मार्ग से कोयले का परिवहन बंद करना पड़ सकता है।

Ashish Sinha

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!