
रिखीराम नागेश ब्यूरो चीफ/ गरियाबंद जिला के देवभोग विकासखंड अंतर्गत ग्राम फुलीमुड़ा में विगत 4-5 साल से यहाँ के प्राइमरी स्कूल जीर्ण शीर्ण हालात में खड़ा है वही इस स्कूल की हालात को देखते हुए कोई भी पालक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे है कोई बड़ा हादसा को निमंत्रण दे रहा यह फुलीमुड़ा के स्कूल कभी भी ढह सकता है गौरतलब है कि सरकार के गड़बो नवा छत्तीसगढ़ का सपना जो कि मूल आधार शिक्षा के क्षेत्र पर प्राथमिकता दी जाती है आज देवभोग के इस सुदूर अंचल में स्थित फुलीमुड़ा का स्कूल अपने साथ कई सवालों को खड़ा कर रहा है
शिकायतें के बाद भी नहीं हुआ काम मिला सिर्फ आश्वासन
ग्राम फुलीमुड़ा के ग्रामीणों ने बताया कि इस जर्जर स्कूल की जीर्णोद्धार को लेकर अब तक कई शिकायतें कर चुके है पर आश्वासन के सिवाय कुछ गांव वालों के हाथ नहीं आया
4साल हो गया स्कूल अभी तक नही बना है आवेदन दे चुके है बीओ आफिस मैं सरपंच सचिव का कहना है पास हो चुका बोलते है लेकिन अभी तक नही बना है कभी भी स्कूल गिर सकता है गांव के बच्चे स्कूल की गिरने की डर से समुदायक भवन पर फिलहाल पढ़ाया जा रहा है
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बच्चों के भविष्य को लेकर एक तरह से खिलवाड़ कहे तो बुरा नहीं होगा जहां मुख्यमंत्री श्री भुपेश बघेल नेशनल स्कूल बनाने की तैयारी कर रहे है सभी विकासखण्डों में इंग्लिश मीडियम स्कूलों की स्थापना करने की घोषणा कर दी है उन्ही के प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में आज जर्जर हालत में गम्भीर मामलों को जन्म देता भ्रष्टाचार के तले दबे स्कूलों की हालात दिनों दिन बद से बत्तर होते जा रहे है
मनमानियों के भेंट चढ़ रहा फुलीमुड़ा के स्कूल निर्माण का सपना
प्राप्त जानकारी अनुसार फुलीमुड़ा में स्कूल की व्यवस्था के लिए कई आवेदन दिया जा चुका है पर अधिकारियों की अनदेखी के चलते आज ये दिन देखने को मिल रहा है गांव वालों ने बताया कि अब तक कोई देखने तक नहीं आया कि बिना स्कूल से यहाँ के बच्चों की कैसे पढ़ाई होता है हालांकि अभी कोरोना संक्रमण के चलते स्कूलें बन्द चल रहा है लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं है कि दोबारा कभी नहीं खुलेगा, दोबारा जब भी स्कूल शुरू होगा फिर से वही जर्जरता सामने रोड़ा बनकर चुनोतियाँ खड़ा करेगा