
पंचायती राज में कांग्रेस की जीत पर भाजपा की साजिश: जनादेश पलटने के खेल का भंडाफोड़
पंचायती राज में कांग्रेस की जीत पर भाजपा का साजिशी वार: जनादेश पलटने की साजिश का विरोध तेज
छत्तीसगढ़ में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस ने जिला पंचायत, जनपद पंचायत और सरपंच चुनावों में भाजपा को करारी शिकस्त दी है। लेकिन इस जीत के बाद भाजपा की ओर से जनादेश को पलटने की साजिश की जा रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने आरोप लगाया है कि भाजपा सत्ता का दुरुपयोग कर पंचायतों में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए अनैतिक कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा समर्थित उम्मीदवारों को गलत तरीके से विजयी घोषित किया जा रहा है, जबकि कांग्रेस समर्थित विजेताओं को धमकाया जा रहा है और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर उन्हें पक्ष बदलने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में कांग्रेस की बड़ी जीत
छत्तीसगढ़ में हाल ही में संपन्न त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया। आंकड़ों के अनुसार:
234 जिला पंचायत सदस्य कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की।
2932 जनपद पंचायत क्षेत्रों में से 1761 में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों को सफलता मिली।
10187 ग्राम पंचायतों में से 6985 सरपंच कांग्रेस समर्थित चुने गए।
ये नतीजे बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाताओं ने भाजपा की नीतियों को खारिज कर कांग्रेस पर भरोसा जताया है।
भाजपा का जनादेश पलटने का षड्यंत्र
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा त्रिस्तरीय चुनावों में पूरी तरह पराजित होने के बावजूद सत्ता का दुरुपयोग कर जनादेश को अपने पक्ष में करने की साजिश कर रही है। उन्होंने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा:
कांग्रेस समर्थित विजेताओं को प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा।
हार चुके भाजपा समर्थित उम्मीदवारों को गलत तरीके से बिना टेबुलेशन के विजयी घोषित किया जा रहा है।
कांग्रेस समर्थित सदस्यों पर कलेक्टर, एसपी और प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से दबाव डाला जा रहा है।
भाजपा द्वारा निर्वाचित सदस्यों को खरीदने के लिए महंगी गाड़ियां (इनोवा, फार्च्यूनर, स्कॉर्पियो) देने का ऑफर दिया जा रहा है।
निर्दलीय कांग्रेस समर्थकों को जबरन भाजपा के पक्ष में लाने की कोशिश हो रही है।
सरकार की भूमिका और प्रशासनिक दखल
भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए दीपक बैज ने कहा कि पूरी सरकारी मशीनरी जिला पंचायत और जनपद पंचायत सदस्यों को डराने-धमकाने में लगी हुई है।
प्रशासन की संदिग्ध भूमिका:
भाजपा के इशारे पर प्रशासन कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों को धमका रहा है।
विजयी कांग्रेस प्रत्याशियों को जबरदस्ती भाजपा के पक्ष में करने का दबाव बनाया जा रहा है।
कई जगहों पर पुलिस का उपयोग कर कांग्रेस समर्थित नेताओं को डराया जा रहा है।
कांग्रेस का विरोध और संघर्ष
कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह भाजपा के इन साजिशों का पूरी ताकत से विरोध करेगी। पार्टी कार्यकर्ता मैदान में डटे हुए हैं और जनादेश को सुरक्षित रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
कांग्रेस की रणनीति:
विरोध प्रदर्शन: राज्यभर में कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा की इन साजिशों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
कानूनी लड़ाई: पार्टी अपने उम्मीदवारों को न्याय दिलाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रही है।
जन जागरूकता अभियान: जनता को भाजपा की साजिशों के बारे में अवगत कराने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग: कांग्रेस ने राज्यपाल से मांग की है कि वे निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करें और सरकारी हस्तक्षेप को रोके।
भाजपा के खिलाफ जनता का आक्रोश
ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा के इन कदमों को लेकर व्यापक रोष देखा जा रहा है। जनता ने पंचायत चुनावों में भाजपा को नकार दिया, लेकिन अब भाजपा जबरदस्ती सत्ता हथियाने की कोशिश कर रही है।
छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनावों के नतीजे स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि ग्रामीण जनता ने कांग्रेस के पक्ष में वोट दिया है और भाजपा की नीतियों को नकार दिया है। लेकिन अब भाजपा सत्ता के दुरुपयोग और प्रशासनिक तंत्र के सहारे जनादेश पलटने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस ने इस षड्यंत्र के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और हर स्तर पर भाजपा की साजिशों का मुकाबला करने के लिए तैयार है। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में कांग्रेस का यह संघर्ष क्या परिणाम लाता है और क्या भाजपा अपने षड्यंत्रों में सफल हो पाती है या नहीं।