
ज्ञानोदय एसोसिएशन सरगुजा द्वारा विश्वा मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर रखा विभिन्न कार्यक्रम
ज्ञानोदय एसोसिएशन सरगुजा द्वारा विश्वा मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर रखा विभिन्न कार्यक्रम
गोपाल सिंह विद्रोही बिश्रामपुर -विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन संस्था सरगुजा ज्ञानोदय एसोसिएशन द्वारा किया गया जानकारी के अनुसार प्रति वर्ष की भाँति इस वर्ष भी संस्था सरगुजा ज्ञानोदय एसोसिएशन द्वारा वी.एम.कालेज ऑफ नर्सिग
बिश्रामपुर परिसर में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया गया। इस अवसर पर नर्सिंग छात्राओं द्वारा विविध कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। ज्ञात हो कि मानसिक स्वास्थ्य शिक्षा के प्रति जागरुकता उत्पन्न करने के लिये विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाने की पंरपरा की शुरुआत वर्ष 1992 में 10 अक्टूबर को की गई थी, तब से आज तक 10 अक्टूबर को अलग-अलग थीम पर विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता रहा है। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्था सरगुजा ज्ञानोदय एसोसिएशन के अध्यक्ष विजयराज अग्रवाल ने कहा कि अब मानसिक स्वास्थ्य के बारे में हमारी भाषा में सुधार हुआ है क्योकि “पागल’ जैसे शब्दों का कम इस्तेमाल किया जाता है। हम बेहतर ढंग से समझते है कि मानसिक रोग से पीड़ित लोग अनजाने में हानिकारक और कलंकित हो सकते है। हमारे शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य के बीच गहरा संबंध है, लेकिन अभी भी ज्यादातर लोग इस पर ध्यान नहीं देते। फिजिकल और मेंटल हेल्थ एक ही सिक्के के दो पहलू की तरह है। किसी भी पहलू को नजरअंदाज करना दूसरे पहलू को नकारात्मक तरीके से प्रभावित करता है। बड़े-बूढ़े से लेकर स्कुल जाने वाले बच्चे भी इस समस्या से जूझ रह है तो इस प्राब्लम को छिपाने की जगह उस पर ध्यान देने की जरूरत है, वरना आने वाले समय में स्थिति और भी बिगड़ सकती है। उन्होने भारत सरकार की घरौंदा योजना के बारे में भी बताया। वी.एम.कालेज ऑफ नर्सिग बिश्रामपुर की प्राध्यपिका नंदनी कुर्रे ने इस अवसर पर अपने विचार एवं अनुभवों का साझा किया। उन्होने कहा कि इस वर्ष विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की थीम या इस उत्सव का नारा “मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को वैश्विक प्राथमिकता बनायें निर्धारित किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यु एच ओ) के अनुसाकोविड-19 महामारी से पहले दुनिया भर में आठ में से लगभग एक व्यक्ति मानसिक समस्याओं से पीड़ित था। मानसिक स्वास्थ्य के लिये उचित ढांचागत और आर्थिक सहायता का अभाव था। वैश्विक महामारी ने पुरी दुनियों के लागों के लिये मानसिक तनाव को बढ़ा दिया है। 2022 की डब्ल्युएचओ की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि लोगों में चिंता और अवसाद में25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कार्यक्रम में नर्सिंग कालेज की छात्राओं द्वारा नुक्कड़ नाटक एवं मानसिक स्वास्थ्य विषय पर भाषण की प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया था, जिसमें अंकिता एवं दिलेश्वरी ने प्रथम स्थान, द्वितीय स्थान रविना दास और दीपिका एवं तृतीय स्थानकिस्मत ने प्राप्त किया। कार्यक्रम का सफल संचालन नर्सिंग की छात्रा तुलसी एवं किस्मत के द्वारा किया