
बेमेतरा एसडीएम सुरुचि सिंह ने प्रेरणा विद्यालय में हायर लर्निंग के लिए साझा किये अपने विचार
प्रेरणा विद्यालय में अध्ययनरत 18 राज्यों के बच्चों को कैरियर संबंधी मार्गदर्शन प्रदान किए
बेमेतरा – आज जिलें के प्रेरणा विद्यालय में हायर लर्निंग के लिए बेमेतरा के एसडीएम सुश्री सुरुचि सिंह का विद्यालय में आगमन हुआ। प्रेरणा विद्यालय में हर महीने में एक बार समाज के प्रतिष्ठित लोगों को उनके विचार और जीवन यात्रा बच्चों के सम्मुख प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया जाता हैं। इस हायर लर्निंग की क्लास के माध्यम से बच्चों को प्रतिष्ठित लोगों से मिलने और उनके विचार सुनने का मौका मिलता हैं, जिससे धीरे धीरे उनमें प्रेरणात्मक विचार आने लगते हैं। एसडीएम सुश्री सुरुचि सिंह ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें अभी तक 7 से 8 स्कूलों में जाने का मौका मिला, उनके अनुसार उसका उद्देश्य यह हैं कि बच्चें कुछ नया सोचे, कुछ बड़ा सोच रखें। एसडीएम ने बच्चों को अपने कार्यों एवं अधिकारों से भी अवगत कराया। साथ में उन्होंने अपना करियर आप्शन चुनने के पीछे कारण भी बताया कि यह बहुत ही सम्मानजनक पद होता हैं, जिससे समाज एवं देश का कल्याण होता हैं। बच्चों के साथ में ख़ुशी जाहिर करते हुए एसडीएम ने बताया कि उन्हें यंग माइंड के साथ विचार साझा करने में बहुत अच्छा लगता हैं। उन्होंने बच्चों को प्रेरणात्मक विचार देते हुए यह भी कहा कि हमें वास्तव में जो बनने की इच्छा हैं हमको पूरी मेहनत और लगन से बने, अपने माता-पिता के सपोर्ट से बने, किसी के दबाव या प्रभाव में न आए, जो भी कार्य करें उनमें एकाग्रता हो। बच्चों से बातचीत करते हुए सुश्री सुरुचि सिंह जी ने यूपीएससी कंपेटिटिव एक्जाम फाइट करने के विभिन्न आयामों के बारे में बताया कि उन्होंने बीए, एलएलबी करने के बाद दो साल वकालत की और सोसाइटी को ध्यान में रखते हुए यूपीएससी फाइट किया। अपनी यात्रा साझा करते हुए उन्होंने बताया कि उनको इस पद को प्राप्त करने के लिए 4 साल का समय लग गया, तब जाकर फाइनली चौथे साल में वे एसडीएम के पद पर नियुक्ति हुई। सुश्री सुरुचि सिंह ने बच्चों को कम्पटीशन एग्जाम की तैयारी के लिए लॉ, नेशनल लॉ, यूपीएससी का सिलेबस और साथ-साथ न्यूज़ पेपर जिसमें उन्होंने (हिन्दू न्यूज़ पेपर) को पढ़ने के लिए बच्चों को जोर दिया। सुश्री सिंह ने बताया कि हमें लाइफ में फ़ैल होने पर कभी भी डिप्रेस नहीं होना चाहिए, बल्कि उसी को ताकत बनाकर, लक्ष्य बनाकर पूरी मेहनत से आगे बढ़ना चाहिए, क्योंकि यही फेलियर होने का अहसास हमें जीवन में आगे तक ले जाने में मदद करता हैं। एसडीएम सिंह ने बच्चों को प्रश्न पूछने के लिए भी प्रोत्साहित किया, जिससे बच्चें सहज भाव से अपने प्रश्न उनके सामने रखें। कक्षा 11 वीं के छात्र प्रणव सुहास का प्रश्न था कि यूपीएससी की तैयारी कैसे कर सकते हैं? इस पर एसडीएम ने बताया कि GS1 से GS4 लॉ का प्रॉपर सेड्युल बनाकर, फोकस करके, पोमोडोरो (पढ़ने का तरीका) इत्यादि माध्यमों से हम तैयारी कर सकते हैं। कक्षा 10 वीं कि छात्रा रिग्वेदीता ने प्रश्न किया कि सिलेबस का प्रेशर होने के बावजूद हम टाइम टेबल को कैसे मैनेज का सकते हैं? इस पर एसडीएम ने बताया कि कोई जरुरी नहीं हैं कि आप हर दिन कोचिंग ले, क्योंकि ऐसी भावना बन गई हैं कि कोचिंग से ही पढाई संभव हैं, उन्होंने सेल्फ स्टडी पर फोकस करते हुए कहा कि हम केवल शनिवार, रविवार को कोचिंग करके सेल्फ स्टडी पर ज्यादा फोकस बनाकर टाइम टेबल मैनेज कर सकते हैं। बीच-बीच में ब्रेक लेना भी जरुरी होता हैं, बर्न आउट नहीं होना हैं।
सुश्री सुरुचि सिंह जी ने सेवन हैबिट्स ऑफ हाईली एफेक्टिव टीनेजर बुक को पढ़ने पर फोकस किया। कक्षा 12 वीं की छात्रा समृद्धि शर्मा ने प्रश्न पूछा कि लॉ से रिलेटेड प्रश्न सर्च करने का क्या पर्पस हैं? इस पर सुश्री सिंह ने कहा कि लॉ एक अच्छा कैरियर आप्शन होता हैं, इसके बारे में वास्तविक में सोचना चाहिए। कक्षा 10 वीं की छात्रा दीपिका साहू ने पूछा कि एक्जाम के डर को कैसे निकाल सकते हैं? इसका उत्तर देते हुए कहा डर को अपने उपर कभी भी हावी होने मत दो, अपना पूरा फोकस मेहनत के साथ पढाई पर रखोगे तो डरने की संभावना कम हो जाती हैं। इस अवसर पर एसडीएम सुश्री सुरुचि सिंह के साथ डॉ. अवधेश पटेल, मनोज गुप्ता तहसीलदार, अखिलेश देशलहरे नायब तहसीलदार, चंद्रकांत राही नायब तहसीलदार, अदेश उइके विकासखंड शिक्षा अधिकारी बेरला भी उपस्थित रहेें। इस हायर लर्निंग की क्लास में विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती रिभा चौधरी, उप प्राचार्या श्रीमती पूनम कश्यप, एचआर सीता वर्मा और कक्षा आठवीं से 12 वीं के विद्यार्थीगण और शिक्षकगण भी उपस्थित थे।