
राजिम कुंभ कल्प मेला के मंच पर मोहित शेवानी ने बताया श्रीरामलला के 500 सालों का इतिहास
राजिम कुंभ कल्प मेला के मंच पर मोहित शेवानी ने बताया श्रीरामलला के 500 सालों का इतिहास
छत्तीसगढ़ी गीतों की सुमधुर प्रस्तुति ने दर्शको को किया मंत्रमुग्ध
राजिम। राजिम कुंभ कल्प के 9वें दिन मुख्य मंच पर भोपाल से आए मोहित शेवानी ने श्री राम मंदिर की गाथा को संगीत के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने का सफल प्रयास किया । उनकी शानदार प्रस्तुति देख दर्शकों की आंखे नम हो गई। इस कार्यक्रम के माध्यम से राम मंदिर के 500 सालों के इतिहास को संगीत और विजुअल के साथ लोगों के सामने प्रस्तुत किया गया । शेवानी ने उज्जैन के राजा विक्रमादित्य द्वारा श्रीरामलला से जुड़ी कथा का बखान किया । यह प्रस्तुति प्रभु श्रीराम की महिमा और रामायण की सुंदरता को समझने का एक अद्भुत प्रयास और सराहनीय कदम है। इन कहानियो को सुनकर दर्शक भावुक हो उठे। मंच पर कार्यक्रम की अगली कड़ी में हिलेन्द्र ठाकुर बिलासपुर की टीम ने लोककला मंच में छत्तीसगढ़ी से परिपूर्ण गीतो की प्रस्तुति दी जिसमें विवाह गीत से लेकर गौरी-गौरा गीतों की झांकी देखने को मिली। रायपुर के घनश्याम साहू की टीम ने लोकमंच में बारहमासी गीतों की प्रस्तुति देकर एक बार फिर होली की याद दिला दी। इसी के साथ उनकी टीम ने छत्तीसगढ़ी गीत आ जाना गोरी अब झन तरसा…. जैसे चर्चित गीतो को प्रस्तुत कर दर्शकों को झूमने मजबूर कर दिया । दीपाली पांडे ने अपने सुंदर हाव भाव के साथ कत्थक नृत्य की प्रस्तुति दी, जिससे सांस्कृतिक मंच की शोभा अलौकिक लगने