
फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज कर बुजुर्ग महिला की भूमि दूसरे को बेच दी!
फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज कर बुजुर्ग महिला की भूमि दूसरे को बेच दी!
वृद्ध महिला के पक्ष में न्यायालय के आदेश आने पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने एस पी को पत्र
गोपाल सिंह विद्रोही //प्रदेश खबर प्रमुख छत्तीसगढ़// बिश्रामपुर -सूरजपुर जिले में सक्रीय भू-माफियाओं के द्वारा आठ साल पूर्व फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार कर बिश्रामपुर- सूरजपुर हाईवे मार्ग में स्वर्गीय सुमित्रा देवी माता अजय विश्वकर्मा की ग्राम- गिरवरगंज, जिला सूरजपुर थाना सूरजपुर स्थित 60 डिसमिल भूमि को वर्ष 2015 में दोबारा विक्रय किये गए मामले में मा. न्यायलय से फैसला आने के बाद पुलिस अधीक्षक सूरजपुर तथा थाना सूरजपुर को लिखित शिकायत प्रेषित करते हुए सभी दोषियों के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 420 के तहत अपराध पंजीबद्धकर कार्यवाही की मांग किया है…
उक्ताशय की जानकारी देते हुए स्वर्गीय सुमित्रा देवी के पुत्र श्रमिक नेता अजय विश्वकर्मा ने बताया की 33 वर्ष पूर्व मेरी माता जी ने बिश्रामपुर- सूरजपुर मार्ग में ग्राम- गिरवारगंज जिला सूरजपुर छत्तीसगढ़ निवासी झुन्नू पिता ननकू, चैनु पिता ननकू, लल्लू पिता कुबेर तथा दीपक पिता कुबेर के संयुक्त खाते से 60 डिसमिल भूमि क्रय किया था जिसका खसरा नंबर 1689/2 दर्ज किया गया था! नविन बंदोबस्त के दौरान त्रुटिवस् क्रेता सुमित्रा देवी का नाम अभिलेखों में दर्ज नहीं हो सका जिसका लाभ उठाते हुए ग्राम- महंगावा निवासी मुख़्तार अहमद पिता स्वर्गीय नसीरुद्दीन, भू-विक्रेताओं के साथ सांठगांठ कर सुमित्रा देवी के स्वमित्व की भूमि का पवार आफ एटर्नी अपने नाम से बनवाकर ग्राम- गिरवरगंज पटवारी हल्का क्र. 19 खसरा नंबर 1436 में से रकबा 0.280 हेक्टेयर भूमि 10 अक्टूबर 2014 को षड़यंत्र में शामिल व्यक्ति राजेश कुमार यादव पिता स्वर्गीय अंबे लाल यादव निवासी ग्राम चोपन थाना सूरजपुर को बिक्री कर दिया था तथा राजेश यादव द्वारा भी इस योजना में शामिल मेवाती देवी पत्नी शंकर सिंह को 10 डिसमिल भूमि देकर लाभ पहुँचाया गया.. राजस्व विभाग के पटवारी आरआई आदि का षड्यंत्रकारियो के साथ संलिप्तता के कारण माता जी को अंततः न्यायलय की शरण में जाना पड़ा! करीब आठ साल की लम्बी लड़ाई के बाद माननीय जिला एवं सत्र न्यायलय से 24/1/2024 को न्याय तो मिला लेकिन न्याय मिलने के दो वर्ष पूर्व उनका देहांत भी हो गया.!
सुमित्रा देवी के वरिश अजय विश्वकर्मा ने बताया की माननीय न्यायलय ने अपने निर्णय में मुख़्तार अहमद द्वारा पवार आफ एटर्नी के माध्यम से राजेश यादव के पक्ष में निष्पादित पंजीकृत विक्रय अभिलेख दिनांक 10 अक्टूबर 2014 को रद्द करने का आदेश दिया तथा खसरा नंबर 1436/1 रकबा 0.243 हे. का स्वामी एवं आधिपत्य स्वर्गीय सुमित्रा देवी के वरिशगण को घोषित किया है! मा. न्यायलय द्वारा षड़यंत्रकारी सभी प्रतिवादी पक्ष को उक्त भूमि पर किसी भी प्रकार का बाधा हस्तक्षेप नहीं करेंगे के लिए स्थाई रूप से निषेधित किया! राजेश यादव के पक्ष में विधि विरुद्ध निष्पादित पंजीकृत विक्रय विलेख खसरा नं 1436/1 रकबा 0.280 हेक्टेयर भूमि निरस्त किये जाने के बाद राजेश यादव के माध्यम से षड़यंत्र में शामिल मेवाती पत्नी शंकर सिंह को निष्पादित विक्रय पत्र खसरा नंबर 1436/3 रकबा 10 डिसमिल स्वतः ही शून्य एवं अस्तित्वाविहीन हो गया.! वर्तमान में खसरा नंबर 1436/1 तथा 1436/2 ही वास्तविक अस्तित्व में है ! अजय विश्वकर्मा द्वारा यह भी बताया गया कि सभी षड़यंत्रकारी भूमि विक्रय पत्र में लाखो रुपये का खरीद बिक्री का उल्लेख किया है जिसकी जांच हो कि यह लाखो रूपये की राशि किस माध्यम से उपलब्ध पश्चात् हस्तान्तरण किया गया है..
अजय विश्वकर्मा ने पुलिस अधीक्षक सूरजपुर तथा थाना प्रभारी थाना सूरजपुर को द्वितीय लिखित शिकायत पत्र देते हुए अपील किया है कि आठ साल पहले स्वर्गीय सुमित्रा देवी की शिकायत कार्यवाही ना करना प्रमाणित करता है कि जिले में भू-माफिया काफी बलशाली तथा प्रभावी है. जिन पर ठोस कार्यवाही होना आवश्यक है!
अजय विश्वकर्मा के द्वारा राजस्व विभाग के अधिकारीयों से भी अपील किया गया है कि वर्षो बाद मा. न्यायलय से मिले न्याय का अक्षरसः पालन को भू-माफिया प्रभावित कर सकते है अतः राजस्व अधिकारी स्वयं के देखरेख तथा दिशानिर्देश में मा. न्यायलय के निर्णय का पालन कराये ताकि किसी भी प्रकार की विवाद की स्थिति निर्मित ना हो..