छत्तीसगढ़राज्यसूरजपुर

जूस पी गये सरपंच सचिव,असरदार हो गये जांच अधिकारी कर गये प्रशासन के किर-कारी जो काम नाममुकिन कर गये सरपंच सचिव,वही काम मुमकिन कर गये जांच अधिकारी।

रिपोर्ट-रिखीराम नागेश ब्यूरो चीफ/गरियाबंद?

राजिम – जिला मुख्यालय के अन्तर्गत ग्राम पंचायत मुरमुरा शासन द्वारा ग्राम विकास के लिए प्राप्त धन को सरपंच सचिव ने जूस पी गये परन्तु असरदार हो गये जांच अधिकारी कर गये प्रशासन की किल-कारी।

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खुद्दारी की मिशाल देखिये प्रशासन ने जिस विश्वास के साथ ये दो अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया उनके कर्तव्यनिष्ठा ईमानदारी संस्कार दृढसकंल्प के संकल्प लिये उनकी विश्वनीता की महज ही अन्दाज लगाया जा सकता है,कितना वफादारी ईमानदारी।
गौरतलब है कि शासन की मन्शा रही है कि ग्राम विकास के लिये मिला अनुदान राशि को ग्राम विकास मे लगे और ग्राम का विकास हो।लेकिन यंहा ग्राम पंचायत मुरमुरा सरपंच सचिव व जा़ंच अधिकारी के सामने शासन के सिस्टम ही फेल हो चुकी है।शासन से प्राप्त धन के मद् से जूस पीने मे खर्चा किया जा ही नही सकता यह पंचायतीय राज्य अधिनियम के गैर कानून है।वही ग्राम विकास के लिये मिले चौदहवी वित्त की राशि को वित्तीय वर्ष 2019-20 मे 26001₹.का जूस एंव वर्ष 2020-21मे 38576₹.का वैभव फल एंव जूस सेन्टर पान्डुका अन्य समानो सहित लाखो रुपये का लाकडाउन मे फर्जी बिल व्हावचर लगाकर एंव बिना पन्चो की जानकारी के प्रस्ताव गुपचुप तरीके राशि आहरण हो जाए और यंहा प्रशासन के द्बारा आये जांच अधिकारी को ग्राम मुरमुरा के सरपंच सचिव ने पी गये जूस,परन्तु असरदार जांच अधिकारी को हो गये जूस कितनी मीठी होगी वो तो वही जाने कि शासन के धन को हानि पहुचाना व दुरूपयोग करना कितना सही,वह भी जांच अधिकरी को मीठा लग गया।जो काम नामुमकिन को सरपंच सचिव ने कर दिखाया वही काम जांच अधिकारी ने मुमकिन कर गया,इससे प्रशासन की किर-कारी होना ही था।अब ग्रामवासियो के लिये सरकारी धन जूस सहित अन्य समानो मे लाकडाउन मे खर्चा किया जाना वे असरदार होकर गले की फांस बनती जा रही है ग्राम विकास के लिए अनुदान राशि को ग्राम विकास मे न लगाकर अपने स्वंय के हित साधे यह किसी भी जनप्रतिनिधि को शोभा नही देता,जो जनता के नुमाईंदे के चुना हो वह अपने नुमाईंदे करे इससे नासमझ क्या हो सकती है।शासन प्रशासन को सवेदंनशीलता के साथ ग्ंभीरता पूर्वक स्वत: संज्ञान मे लेकर जांच कमेटी गठित कर जांच अधिकारी एंव सरपंच सचिव के ऊपर सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।

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Ashish Sinha

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