
नोएडा में पति ने हथौड़े से पत्नी की हत्या कर किया आत्मसमर्पण, अवैध संबंधों के शक में ली जान
नोएडा के सेक्टर-15 में घरेलू विवाद के चलते एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी। आरोपी ने हथौड़े से वार कर पत्नी की जान ली और पुलिस थाने जाकर अपराध कबूल किया।
नोएडा में पत्नी की हथौड़े से हत्या: आरोपी पति न्यायिक हिरासत में, हत्या के पीछे संदेह और घरेलू तनाव
नोएडा | 8 अप्रैल 2025|नोएडा के सेक्टर-15 में बीते 4 अप्रैल को हुई एक सनसनीखेज वारदात में 55 वर्षीय नूरुल्लाह हैदर ने घरेलू विवाद और चरित्र पर संदेह के चलते अपनी पत्नी की बेरहमी से हत्या कर दी थी। अब तक की पुलिस जांच और न्यायिक कार्यवाही में कई अहम खुलासे हुए हैं।
नूरुल्लाह हैदर ने अपनी 42 वर्षीय पत्नी आसमा खान की हथौड़े से वार कर हत्या कर दी। घटना के बाद वह करीब दो किलोमीटर पैदल चलकर सेक्टर-20 पुलिस स्टेशन पहुंचा और खुद पर हत्या का जुर्म स्वीकार कर आत्मसमर्पण कर दिया। दंपति के बीच काफी समय से वैवाहिक तनाव चल रहा था।
पुलिस के अनुसार, हत्या के समय घर में आरोपी की मां, 19 वर्षीय बेटा और 12 वर्षीय बेटी भी मौजूद थे, लेकिन वे दूसरे कमरों में थे और उन्हें वारदात की भनक नहीं लगी।
आसमा खान के शव का पोस्टमार्टम नोएडा जिला अस्पताल में किया गया। रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि उनके सिर पर हथौड़े से कई बार वार किया गया, जिससे वे कोमा में चली गईं। इसके बाद उनका गला रेता गया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस जांच और कार्यवाही
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आरोपी नूरुल्लाह हैदर को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।
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नोएडा पुलिस ने IPC की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया है।
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हत्या में प्रयुक्त हथौड़ा भी बरामद कर लिया गया है।
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आरोपी को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
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पुलिस अब उसके मानसिक स्वास्थ्य, पारिवारिक पृष्ठभूमि और हत्या से पहले की गतिविधियों की जांच कर रही है।
परिवार की वर्तमान स्थिति
आरोपी के बच्चे – 19 वर्षीय बेटा समद और 12 वर्षीय बेटी – इस घटना के बाद मानसिक रूप से आहत हैं और फिलहाल अपने रिश्तेदारों के पास रह रहे हैं। बच्चों के बयान भी पुलिस द्वारा दर्ज किए जा चुके हैं।
राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रतिक्रिया
राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस घटना को गंभीर चिंता का विषय बताते हुए यूपी पुलिस से तीन दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। आयोग ने दो टूक कहा कि “किसी भी परिस्थिति में हिंसा का कोई औचित्य नहीं हो सकता।”