
टी.एस.सिंह देव ने भारत लगातार आंतरिक और सीमाओं पर समस्याओं से घिरा हुआ है – कारण? ख़ुफ़िया चूक! और ये किसकी ज़िम्मेदारी है?
टी.एस.सिंह देव ने भारत लगातार आंतरिक और सीमाओं पर समस्याओं से घिरा हुआ है – कारण? ख़ुफ़िया चूक! और ये किसकी ज़िम्मेदारी है? “X” पर कांग्रेस नेता टी.एस.सिंह देव ने लिखा,भारत लगातार आंतरिक और सीमाओं पर समस्याओं से घिरा हुआ है – कारण? ख़ुफ़िया चूक! और ये किसकी ज़िम्मेदारी है?
भाजपा सरकार की! गृह मंत्री की!
2016 – पठानकोट एयर बेस पर हमला
असफलता : खुफिया तंत्र की नाकामी, भारतीय वायु सेना के अति सुरक्षित एयरबेस में आतंकी हमला, जिसमें 2 सैनिक शहीद और 3 घायल हुए।
2016 – उरी हमला
असफलता: खुफिया चूक के कारण घुसपैठ को रोका नहीं जा सका, जिससे 18 सैनिक शहीद हुए।
2017 – डोकलम गतिरोध
असफलता: चीन की निर्माण गतिविधियों और इरादों का गलत आकलन किया गया।
2019 – पुलवामा हमला
असफलता: आतंकियों की योजना और गतिविधियों का पता नहीं लग सका। नतीजा – 40 जवान शहीद हुए।
2020 – गलवान घाटी संघर्ष
असफलता: चीनी सैनिकों की बड़ी तैनाती का समय रहते पता नहीं चला, जिससे जवानों की शहादत हुई।
2020 – कालापानी-लिपुलेख विवाद
असफलता : नेपाल की राजनीतिक रणनीति को समझने में गलती हुई, जिससे उसने भारतीय क्षेत्र पर दावा जताते हुए नया नक्शा जारी किया।
2021 – पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम समझौता
असफलता: समझौते के बावजूद घुसपैठ को रोकने में खुफिया एजेंसियां असफल रहीं।
2024 – बांग्लादेश राजनीतिक आकलन
असफलता: क्षेत्रीय राजनीति के रुझानों को भांपने में चूक हुई, जिससे कूटनीतिक संबंध प्रभावित हुए।
2024 – म्यांमार संघर्ष का असर
असफलता: म्यांमार के गृहयुद्ध के असर और उग्रवादियों की घुसपैठ का अंदाजा नहीं लगाया जा सका, जिससे मणिपुर में जातीय हिंसा बढ़ गई।
बाबासाहेब का अपमान तो उनके इस्तीफे का तो पक्का कारण है ही – उनकी ये ऐतिहासिक विफलताएं , देश और देशवासियों की सुरक्षा की अनदेखी भूली नहीं जा सकती।
हर कारण नज़र में रखते हुए – अमित शाह भारत के गृहमंत्री होने लायक़ नहीं हैं!