
राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
उत्तर बस्तर कांकेर/ भारत सरकार कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, वनस्पति संरक्षण, संगरोध एवं संग्रह निदेशालय मानव संसाधन विकास कार्यक्रम के तहत रामप्रसाद पोटाई कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र कांकेर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र पखांजूर एवं केन्द्रीय नाशीजीव प्रबंधन केन्द्र रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (एन.पी.एस.एस.) विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केन्द्र रायुपर के उपसंचालक डॉ. नीरज कुमार सिंह ने बताया कि कृषि आर्टिफिशियल टेक्नोलॉजी मोबाइल के माध्यम से गांव से लेकर जिला एवं राज्य स्तर तक कृषि के हानिकारक कीट व्याधियों के बारे में पहचान कर उसका एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन कृषि में होने वाली अतिरिक्त व्यय को कम किया जा सकता है, जिससे कृषकों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके। साथ ही उनके द्वारा केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के कार्य प्रणाली का विस्तार से महाविद्यालयीन विद्यार्थियों को कृषि से संबंधित रोजगार के बारे में भी जानकारी दी गई। इसके अलावा डॉ. रीता सिंगरे द्वारा केन्द्रीय कृषि मंत्रालय का मोबाइल एप राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली का विद्यार्थियों के मोबाइल में एप डाउनलोड करने के संबंध में जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एन.के. रस्तोगी ने कहा कि एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन के माध्यम से जहर मुक्त खेती की परिकल्पना की जा सकती है। कृषि में रसायनों के अंधाधुध उपयोग से मित्र कीटों का विनाश हो ही रहा है। साथ ही वातावरण, भूमि, पानी एवं अनाज भी दूषित हो रही है, जिससे कृषि के हानिकारक कीटों में रसायनों को सहन करने की क्षमता 10 गुणा बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि अधिक समय तक प्रभाव छोड़ने वाले रसायनों का प्रयोग भी कृषि में किया जा रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप मनुष्यों एवं पशुधन मे कई नई प्रकार के रोग व्याधि उत्पन्न हो रहे है। प्राकृतिक एवं कार्बनिक खेती करने से आने वाली पीढ़ी को गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है। कार्यक्रम में सह प्राध्यापक एवं सचिव डॉ. पीयूष कांत नेताम ने भी राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (एन.पी.एस.एस.) के महत्व एवं विविधाओं के बारे में कृषकों को जानकारी दी। कार्यशाला में महाविद्यालय के प्राध्यापक सहित अधिष्ठाता एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।