
राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन एवं राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान: जनस्वास्थ्य की दिशा में सशक्त कदम
राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन एवं राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान: जनस्वास्थ्य की दिशा में सशक्त कदम
जगदलपुर, 27 फरवरी 2025 – छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करने और आमजन को गंभीर संक्रामक रोगों से बचाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन एवं राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान की शुरुआत की गई है। इस अभियान के अंतर्गत बस्तर जिले के तोकापाल विकासखंड में 168 बूथों की स्थापना कर तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एमडीए कॉर्नर बनाकर व्यापक स्तर पर दवा वितरण किया गया। पहले दिन ही संध्या 5 बजे तक कुल 24,238 लोगों को फाइलेरिया और कृमि से बचाव हेतु दवा सेवन कराई गई।
तोकापाल विकासखंड में इस अभियान के तहत एक सप्ताह के भीतर कुल 86,194 लोगों को दवा सेवन कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए विकासखंड को चार सेक्टरों में विभाजित किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) तोकापाल द्वारा इस संबंध में सभी संबंधित विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं। अभियान की सफलता सुनिश्चित करने हेतु स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के बीच समन्वय स्थापित किया गया है। इसके अतिरिक्त, क्षेत्र के सभी कोटवारों को निर्देश दिया गया है कि वे कार्यक्रम से दो दिन पूर्व मुनादी कर जागरूकता बढ़ाएँ।
कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. ऋषभ साब द्वारा लगातार क्षेत्र का निरीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने विभिन्न विद्यालयों में जाकर शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को इस अभियान के महत्व की जानकारी दी। स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ अन्य संबंधित विभागों ने भी पोस्टर, बैनर, और जनसंपर्क माध्यमों के जरिये अभियान की सूचना अधिकतम लोगों तक पहुँचाने का प्रयास किया।
अभियान को सुव्यवस्थित करने के लिए तीनों विभागों के प्रमुख अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित किया गया है। इसके अलावा, बीपीएम श्रीमती अल्का वैद्य और बीईई श्रीमती जिली मंडावी को सेक्टरवार निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कुष्ठ सहायक शिवनारायण पांडे को स्थानीय बोली में प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी दी गई, जिससे अधिक से अधिक लोगों को सही जानकारी मिल सके।
इस महत्त्वपूर्ण अभियान में समाज के सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। जनप्रतिनिधियों को भी अभियान से जोड़ा गया है, जिससे लोगों में इस विषय को लेकर जागरूकता बढ़े। क्षेत्रीय पंचायत प्रतिनिधि, सरपंच, एवं समाजसेवी संस्थाएँ भी इस पहल में सक्रिय योगदान दे रही हैं।
जो लोग किसी कारणवश निर्धारित बूथों तक नहीं पहुँच सके, उन्हें 3 मार्च से घर-घर जाकर फाइलेरिया एवं कृमि संक्रमण से बचाव के लिए दवा सेवन कराई जाएगी। यह अभियान सुनिश्चित करेगा कि लक्षित जनसंख्या तक पूरी तरह से दवा पहुँचे और इस गंभीर रोग से बचाव हो सके।
फाइलेरिया (हाथीपांव) और कृमि संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपायों को अपनाने की आवश्यकता होती है:
स्वच्छता और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना।
नियमित रूप से नाखून काटना और हाथ धोना।
खुले में शौच न करना और शौचालय का प्रयोग करना।
पीने के पानी को स्वच्छ और सुरक्षित रखना।
व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर स्वच्छता सुनिश्चित करना।
राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन एवं राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान एक महत्वपूर्ण पहल है, जो न केवल नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा करेगी बल्कि दीर्घकालिक रूप से समाज को रोगमुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और अन्य सहयोगी संस्थाओं की एकजुटता से इस अभियान को सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। यदि इस तरह के अभियान समय-समय पर जारी रखे जाएँ, तो निश्चित रूप से फाइलेरिया एवं कृमि संक्रमण जैसी बीमारियों का उन्मूलन संभव हो सकेगा।