
वित्तीय समझदारी से समृद्धि की ओर : गरियाबंद के ग्राम संकरा में वित्तीय साक्षरता सप्ताह का आयोजन
वित्तीय समझदारी से समृद्धि की ओर : गरियाबंद के ग्राम संकरा में वित्तीय साक्षरता सप्ताह का आयोजन
गरियाबंद, 28 फरवरी 2025 – वित्तीय जागरूकता को बढ़ावा देने और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से, अग्रणी बैंक गरियाबंद के तत्वाधान में ‘वित्तीय समझदारी – समृद्ध नारी वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2025’ का आयोजन किया गया। यह आयोजन ग्राम संकरा में सुरभि संकुल संगठन के सहयोग से किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में महिला समूहों ने भाग लिया।
इस वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को बैंकिंग सेवाओं, डिजिटल लेन-देन, बीमा योजनाओं, साइबर सुरक्षा और विभिन्न सरकारी वित्तीय योजनाओं की जानकारी प्रदान करना था। इस शिविर में महिलाओं को वित्तीय साक्षरता के विभिन्न पहलुओं जैसे कि बचत, बजट निर्माण, बैंकिंग सेवाएँ, एटीएम और मोबाइल बैंकिंग का उपयोग, इंटरनेट बैंकिंग, जनधन योजना, सुरक्षा बीमा, जीवन ज्योति योजना, सचेत पोर्टल, वित्तीय विविधीकरण और डिजिटल धोखाधड़ी से बचाव के बारे में विस्तार से बताया गया।
कार्यक्रम के दौरान महिलाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए, जिसमें उन्हें वित्तीय निर्णय लेने की क्षमता विकसित करने और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया गया।
नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक पंकज सोनटके ने बताया कि, “वित्तीय साक्षरता महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब महिलाएँ वित्तीय रूप से सक्षम होती हैं, तो वे न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सकती हैं बल्कि पूरे समाज को भी समृद्ध बना सकती हैं।”
अग्रणी बैंक प्रबंधक मो. मोफिज ने बैंकिंग और डिजिटल सेवाओं की जानकारी देते हुए बताया कि डिजिटल लेन-देन और ऑनलाइन बैंकिंग आज के समय में बेहद आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि “महिलाओं को अब अपने आर्थिक लेन-देन के लिए दूसरों पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं है। वे स्वयं अपने मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से सुरक्षित और आसान लेन-देन कर सकती हैं।”
कार्यक्रम में महिलाओं को साइबर सुरक्षा और वित्तीय धोखाधड़ी से बचाव के उपायों की जानकारी दी गई। साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 और आरबीआई लोकपाल हेल्पलाइन 14448 के बारे में विस्तार से बताया गया, ताकि किसी भी वित्तीय अनियमितता या साइबर धोखाधड़ी की स्थिति में महिलाएँ तुरंत मदद ले सकें।
कार्यपालन अधिकारी आदिवासी स्वरोजगार अंत्योदय स्वरोजगार सुश्री रश्मि गुप्ता ने बताया कि सरकार द्वारा महिलाओं के लिए कई आर्थिक सहायता योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिनका लाभ उठाकर वे स्वरोजगार शुरू कर सकती हैं। उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए विभिन्न वित्तीय संसाधनों की जानकारी भी दी।
शाखा प्रबंधक छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक गरियाबंद दीपक टांडेकर और शाखा प्रबंधक ग्रामीण बैंक पाण्डुका देवकुमार वर्मा ने बैंकिंग सेवाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए महिलाओं को नियमित बचत करने और सही वित्तीय योजना बनाने के लिए प्रेरित किया। एफएलसी प्रेमलाल साहू और क्षेत्रीय समन्वयक सुश्री झरना साहू ने भी इस दौरान अपने विचार साझा किए और महिलाओं को वित्तीय रूप से सक्षम बनने के लिए आवश्यक जानकारियाँ दीं।
इस कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं ने न केवल वित्तीय ज्ञान प्राप्त किया बल्कि अपने अनुभव भी साझा किए। उन्होंने कहा कि यह शिविर उनके लिए बहुत उपयोगी साबित हुआ और उन्होंने बैंकिंग व वित्तीय योजनाओं को लेकर अपनी शंकाओं का समाधान प्राप्त किया।
वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2025 के तहत आयोजित यह कार्यक्रम न केवल महिलाओं को वित्तीय रूप से सशक्त करने में सहायक रहा, बल्कि इससे पूरे समुदाय को आर्थिक विकास की ओर बढ़ने की प्रेरणा भी मिली। इस प्रकार के आयोजनों से महिलाओं को अपने वित्तीय अधिकारों और सुविधाओं की जानकारी मिलती है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकती हैं।
इस आयोजन ने साबित किया कि जब महिलाएँ आर्थिक रूप से सशक्त होती हैं, तो पूरा समाज मजबूत होता है। भविष्य में इस तरह के और भी कार्यक्रमों के आयोजन की आवश्यकता है, ताकि अधिक से अधिक महिलाएँ वित्तीय साक्षरता प्राप्त कर सकें और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ सकें।