
महापौर के विवादित बयान पर कांग्रेस का विरोध, पार्षदों ने किया शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार – 3 मार्च को लेंगे शपथ
सरगुजा: महापौर के विवादित बयान पर कांग्रेस का विरोध, पार्षदों ने शपथ ग्रहण समारोह का किया बहिष्कार
धार्मिक भेदभाव और अस्पृश्यता की भावना से दिए गए बयान पर विवाद, कांग्रेस पार्षद 3 मार्च को लेंगे शपथ
अंबिकापुर । 2 मार्च 2025 । सरगुजा नगर निगम के नवनिर्वाचित महापौर के अस्पृश्यता और धार्मिक भेदभाव की भावना से दिए गए बयान को लेकर सियासी घमासान तेज़ हो गया है। इस बयान के विरोध में कांग्रेस और उसके पार्षदों ने आज होने वाले शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। कांग्रेस नेताओं ने महापौर के इस बयान को नफरत फैलाने वाला और सामाजिक सौहार्द के खिलाफ बताया और इस पर सख्त आपत्ति जताई है।
नगर निगम में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने बताया कि कांग्रेस पार्षदों की शपथ ग्रहण प्रक्रिया को लेकर सरगुजा कलेक्टर से चर्चा की गई है। कलेक्टर के निर्देशानुसार, कांग्रेस पार्षद अब 3 मार्च सोमवार को कलेक्टर कक्ष में शपथ ग्रहण करेंगे।
सूत्रों के अनुसार, नवनिर्वाचित महापौर ने अपने भाषण में कुछ ऐसे बयान दिए जो सामाजिक समरसता और धार्मिक सौहार्द को ठेस पहुंचाने वाले थे। कांग्रेस का आरोप है कि महापौर ने सार्वजनिक रूप से अस्पृश्यता और धार्मिक भेदभाव से जुड़ी बातें कही, जिससे समाज में गलत संदेश गया।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस तरह के बयान संविधान के मूल्यों के खिलाफ हैं और इससे समाज में वैमनस्यता फैल सकती है। कांग्रेस नेताओं ने महापौर से इस बयान पर माफी मांगने की मांग की है, लेकिन अब तक कोई औपचारिक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और नगर निगम के पार्षदों ने इसे लोकतंत्र और सामाजिक समरसता के खिलाफ बताया है। उनका कहना है कि अगर कोई जनप्रतिनिधि इस तरह के भेदभावपूर्ण विचार रखता है, तो यह न केवल समाज के लिए घातक है बल्कि संविधान की मूल भावना पर भी आघात करता है।
कांग्रेस पार्षदों का सामूहिक बहिष्कार, शपथ के लिए अलग व्यवस्था
महापौर के बयान के खिलाफ कांग्रेस ने कड़ा रुख अपनाते हुए अपने सभी पार्षदों को शपथ ग्रहण समारोह से दूर रहने का निर्देश दिया। नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने कहा कि हमने यह निर्णय लिया है कि जब तक नवनिर्वाचित महापौर अपने बयान पर सार्वजनिक रूप से खेद नहीं जताते, तब तक हम किसी भी औपचारिक कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्षदों ने कलेक्टर से इस मामले पर चर्चा की और उनकी सहमति से तय किया गया कि 3 मार्च को कलेक्टर कक्ष में सभी पार्षदों को शपथ दिलाई जाएगी।
महापौर के बयान पर कांग्रेस ने बीजेपी पर भी हमला बोला और इसे सोची-समझी राजनीति का हिस्सा बताया। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बीजेपी लगातार समाज में विभाजन की राजनीति कर रही है और उनके नेताओं द्वारा दिए गए इस तरह के बयान इसी रणनीति का हिस्सा हैं।
जिला कांग्रेस कमेटी ने बयान जारी कर कहा कि महापौर के इस बयान की वजह से समाज में असहमति और विभाजन की स्थिति पैदा हो सकती है, इसलिए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
कांग्रेस ने यह भी कहा कि यदि महापौर अपने बयान पर माफी नहीं मांगते, तो आगे की रणनीति तय की जाएगी और इस मुद्दे को लेकर आंदोलन भी किया जा सकता है।
इस मामले पर बीजेपी ने कांग्रेस पर राजनीतिक नाटक करने का आरोप लगाया। बीजेपी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस बिना वजह इस मुद्दे को तूल दे रही है और महापौर के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है।
बीजेपी के स्थानीय नेताओं का कहना है कि महापौर ने अपने भाषण में कोई आपत्तिजनक बात नहीं कही थी, बल्कि कांग्रेस बेवजह इस मुद्दे को उछाल रही है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वे चुनाव हारने के बाद अब इस तरह के हथकंडे अपना रही है ताकि जनता का ध्यान विकास कार्यों से हटाया जा सके।
कांग्रेस नेताओं ने साफ किया कि यह लड़ाई सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता की है। कांग्रेस का कहना है कि हम हर तरह के भेदभाव के खिलाफ हैं और संविधान में दिए गए मूल अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा खड़े रहेंगे।
कांग्रेस पार्षदों ने साफ कर दिया है कि जब तक महापौर अपने बयान पर माफी नहीं मांगते, तब तक वे किसी भी आधिकारिक कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।
नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने कहा, “हम किसी भी प्रकार के भेदभाव को स्वीकार नहीं करेंगे। हमारे संविधान ने सभी को समानता का अधिकार दिया है और कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी पद पर हो, इस अधिकार का उल्लंघन नहीं कर सकता।”
इस पूरे विवाद के बीच कांग्रेस ने संकेत दिए हैं कि अगर महापौर अपने बयान पर माफी नहीं मांगते, तो आने वाले दिनों में विरोध प्रदर्शन भी किया जा सकता है।
जिला कांग्रेस कमेटी इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाने की योजना बना रही है और जल्द ही इस पर एक बड़ी बैठक भी होने वाली है, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस महापौर के इस बयान को लेकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र लिखने की तैयारी में भी है ताकि इस मामले में उचित कार्रवाई की जा सके।
सरगुजा नगर निगम के महापौर द्वारा दिए गए विवादित बयान से राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। जहां कांग्रेस ने इसे सामाजिक सौहार्द और संविधान विरोधी करार दिया है, वहीं बीजेपी ने इसे राजनीतिक साजिश बताया है।
आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा और तेज होने की संभावना है।
कांग्रेस पार्षदों ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है कि वे 3 मार्च को कलेक्टर कक्ष में शपथ ग्रहण करेंगे और इस तरह से महापौर के बयान के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराएंगे।
अब देखना यह होगा कि इस विवाद का आगे क्या असर होता है और क्या महापौर अपने बयान पर सफाई देते हैं या कांग्रेस अपने विरोध को और तेज करती है।