
हमारे पूर्वजों ने संकट में “धान की कोठी फोड़कर” लोगों की मदद की- प्रतुल*
**हमारे पूर्वजों ने संकट में “धान की कोठी फोड़कर” लोगों की मदद की- प्रतुल*
राजनांदगांव ब्यूरो चीप मानसिंग की खास रिपोर्ट …प्रदेश में बेशक कोरोना का कहर कम हो रहा है पर इसने अनेक लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है । जहां एक ओर लम्बे लॉक डाउन के कारण छोटे- छोटे कामगारों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है वहीं दूसरी ओर ऐसे परिवार जो महामारी की चपेट में आकर ईलाज में काफी पैसा गंवा चुके हैं उनकी भी माली हालत बदतर हो गयी है । इस बीमारी ने जिस गरीब परिवार के मुखिया को छीन लिया वह परिवार बेघर होने के कगार पर आ गया है । प्रदेश मे ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिन्हें सरकारी मदद के इतर समाज से मदद की आवश्यकता है । ऐसे तमाम ज़रूरतमंदों की मदद के लिए पूरे प्रदेश के किसानों को आगे आने की अपील युवा किसान एवं समाजसेवक दाऊ प्रतुल कुमार वैष्णव के द्वारा लगातार की जा रही है ।
छतीसगढ़ के पुराने ज़मींदारों एवं मालगुजारों के उत्तराधिकारियियों के एक मात्र संगठन “छतीसगढ़ ज़मीदार- मालगुजार एसोसिएशन” के संस्थापक सदस्य होने के कारण प्रतुल पूरे प्रदेश के वृहद किसानों के सीधे संपर्क में हैं । वहीं विशुद्ध किसान एवं ग्रामीण पृष्ठभूमि से होने के कारण लघु एवं सीमांत किसानों से भी प्रतुल के अच्छे सम्बन्ध हैं । प्रतुल का कहना है कि प्रदेश में जब जब संकट का दौर आया हम किसानों के पूर्वजों ने समाज की सहायता की । वे अपनी परवाह किये बिना “धान की कोठी फोड़कर” बीजहा के लिए रखे गए अनाजों को भी वितरित कर दिया करते थे । इसलिए इस संकट के समय में अपने पूर्वजों काअनुकरण करते हुए हमें भी लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहिए ।
प्रत्यक्ष सम्पर्क, वर्चुअल मीटिंग, फोन कॉल, ई मेल, व्हाट्सएप मैसेज, एवं टेक्स्ट मैसेज के माध्यम से हजारों किसानों तक अपनी बातों को प्रतुल पहुंचा चुके हैं एवं यह क्रम अभी ज़ारी है । इस कार्य का असर भी दिखने लगा है । अनेक किसान अपने आस पास के लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं वहीं प्रतुल द्वारा आयोजित एक वर्चुअल मीटिंग में प्रदेश के बड़े किसानों ने संयुक्त रूप से एक बड़ी राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष में प्रदान करने का निर्णय लिया है ।