
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बतौली, लोसगा एवं ग्राम वंदना में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बतौली, लोसगा एवं ग्राम वंदना में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
महिलाओं को कानूनी अधिकारों एवं सरकारी योजनाओं की दी गई जानकारी
अंबिकापुर, 06 मार्च 2025। महिला संरक्षण एवं सशक्तिकरण की दिशा में जागरूकता बेहद आवश्यक है। इसी कड़ी में कलेक्टर विलास भोसकर के मार्गदर्शन में एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी के निर्देशानुसार ग्राम बतौली, लोसगा एवं ग्राम वंदना में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों में महिलाओं के अधिकार, सुरक्षा, एवं सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की गई।
जिला महिला संरक्षण अधिकारी सुलेखा कश्यप ने इस दौरान घरेलू हिंसा, महिला कानून, महिला सशक्तिकरण योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, शक्ति सदन, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, एवं महिला हेल्पलाइन नंबरों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा एवं उनके समग्र विकास के लिए शासन द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनका लाभ लेने के लिए महिलाओं को जागरूक होना आवश्यक है।
आईसीपीएस टीम द्वारा मिशन वात्सल्य की जानकारी दी गई, जबकि सखी वन स्टॉप सेंटर की टीम ने महिलाओं को उनकी सहायता एवं सुरक्षा के लिए संचालित सेवाओं से अवगत कराया। इसके अलावा, चाइल्ड लाइन टीम ने बाल संरक्षण एवं सहायता सेवाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
इन कार्यक्रमों में स्थानीय जनप्रतिनिधि, ग्राम की महिलाएं, मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहीं। उपस्थित महिलाओं ने इन कार्यक्रमों के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और सरकारी योजनाओं के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने की इच्छा व्यक्त की।
महिला सभा एवं जागरूकता अभियान का महत्वबाल विकास विभाग, मंत्रालय नवा रायपुर के निर्देशानुसार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला सभा एवं जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन ग्राम पंचायतों, गांवों और आंगनबाड़ी केंद्रों में किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को उनके संवैधानिक एवं वैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक करना, समानता के अधिकार को स्थापित करना, महिलाओं के विरुद्ध होने वाली हिंसा के विरोध में आवाज उठाना और महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करना है।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि समाज में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है, और उनके अधिकारों एवं सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए शिक्षा, रोजगार और स्वावलंबन को अपनाना चाहिए। सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर वे अपने जीवन को सशक्त बना सकती हैं।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार की पहलकार्यक्रम में उपस्थित विशेषज्ञों ने सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं और उनके लाभों पर प्रकाश डाला। इनमें निम्नलिखित योजनाएं प्रमुख रूप से शामिल हैं:
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना: इस योजना के तहत कन्या भ्रूण हत्या रोकने, लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने और उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना: गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से इस योजना को लागू किया गया है। इसके अंतर्गत महिलाओं को पोषण एवं स्वास्थ्य देखभाल के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है।
सखी वन स्टॉप सेंटर: घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, दहेज प्रताड़ना आदि के शिकार महिलाओं को एक ही स्थान पर चिकित्सा, कानूनी सहायता, पुलिस सहायता, मानसिक परामर्श एवं आश्रय प्रदान किया जाता है।
मिशन वात्सल्य: इस योजना का उद्देश्य बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना एवं उन्हें सुरक्षित वातावरण प्रदान करना है।
महिला हेल्पलाइन (181): महिलाओं की सुरक्षा एवं सहायता के लिए सरकार ने 181 हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है, जिससे वे किसी भी संकट की स्थिति में तत्काल सहायता प्राप्त कर सकती हैं।
स्थानीय महिलाओं की सहभागिता और उत्साहइस आयोजन में बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी देखी गई। उन्होंने न केवल इन योजनाओं की जानकारी प्राप्त की, बल्कि अपने अनुभव साझा करते हुए जागरूकता बढ़ाने के लिए अपने स्तर पर प्रयास करने की प्रतिबद्धता भी जताई। कुछ महिलाओं ने बताया कि वे पहले इन योजनाओं के बारे में अनजान थीं, लेकिन इस कार्यक्रम से उन्हें विस्तृत जानकारी मिली है और वे इसका लाभ उठाने के लिए प्रेरित हुई हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं ने भी इस अवसर पर अपनी बात रखी और बताया कि वे ग्रामीण महिलाओं तक सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचाने का कार्य कर रही हैं। वे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर रही हैं और उनके सशक्तिकरण की दिशा में काम कर रही हैं।
महिला सशक्तिकरण के लिए समाज की भूमिकाकार्यक्रम में वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि केवल सरकारी योजनाओं से ही महिलाओं की स्थिति में सुधार नहीं होगा, बल्कि समाज को भी इसमें सक्रिय भूमिका निभानी होगी। महिलाओं को समान अधिकार दिलाने, उनके प्रति होने वाले भेदभाव को समाप्त करने और उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को शिक्षित करने, उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने और उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए सामुदायिक स्तर पर भी कार्य करने की जरूरत है। इसके लिए पंचायत, सामाजिक संगठनों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को भी अपनी भूमिका निभानी होगी।
निष्कर्षबतौली, लोसगा एवं ग्राम वंदना में आयोजित इन कार्यक्रमों ने महिलाओं को उनके अधिकारों, सुरक्षा और सरकारी योजनाओं की जानकारी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस तरह के जागरूकता अभियान महिलाओं को सशक्त बनाने और समाज में उनकी स्थिति को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होते हैं।
आयोजकों ने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहेंगे, जिससे महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होकर आत्मनिर्भर बन सकेंगी। कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं ने सरकार एवं प्रशासन के इस प्रयास की सराहना की और कहा कि वे इस जानकारी को अन्य महिलाओं तक पहुंचाने में सहयोग करेंगी।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर इस तरह के आयोजन महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं और यह संदेश देता है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं।