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राज्य स्तरीय महिला मड़ई को मिला शानदार प्रतिसाद, अब तक 5 लाख से अधिक का विक्रय

राज्य स्तरीय महिला मड़ई को मिला शानदार प्रतिसाद, अब तक 5 लाख से अधिक का विक्रय

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सशक्त महिला, समृद्ध महिला थीम पर आयोजित मड़ई में उमड़ी भीड़

रायपुर, 7 मार्च 2025: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित साइंस कॉलेज मैदान में 4 मार्च से आयोजित राज्य स्तरीय महिला मड़ई को लोगों का जबरदस्त प्रतिसाद मिल रहा है। “सशक्त महिला, समृद्ध महिला” थीम पर आधारित इस आयोजन में महिलाओं की भागीदारी को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। राज्य के सभी 33 जिलों से आए 87 महिला स्व-सहायता समूहों (SHG) ने अपने उत्पादों के साथ स्टॉल लगाए हैं। इस मेले में अब तक 5 लाख रुपए से अधिक के सामग्रियों का विक्रय हो चुका है, और यह आंकड़ा 8 मार्च तक और बढ़ने की उम्मीद है।

इस मेले का मुख्य उद्देश्य राज्य की महिला उद्यमियों, स्व-सहायता समूहों और ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और उनके उत्पादों को एक व्यापक मंच प्रदान करना है। मड़ई में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों की पारंपरिक कला, हस्तशिल्प, हर्बल उत्पाद, हैंडलूम सामग्री और खाद्य उत्पादों को प्रस्तुत किया जा रहा है, जिससे न केवल महिलाओं को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं बल्कि ग्राहकों को भी प्रदेश की संस्कृति और उत्पादों से रूबरू होने का मौका मिल रहा है।

87 स्टॉलों में सजी छत्तीसगढ़ की पारंपरिक विरासत

इस महिला मड़ई में विभिन्न जिलों से आई महिला स्व-सहायता समूहों ने अपने-अपने उत्पादों के स्टॉल लगाए हैं, जो लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। कुछ प्रमुख आकर्षण इस प्रकार हैं:

रायगढ़ से एकताल बेलमेटल की अनूठी कलाकृतियां

सूरजपुर से गुड़ एवं उससे निर्मित सामग्री

बस्तर से प्रसिद्ध बेलमेटल आर्ट और लकड़ी की कलाकृतियां

जांजगीर-चांपा एवं सक्ति से कोसा सिल्क और हैंडलूम साड़ियां

गरियाबंद से पैरा आर्ट और अन्य हस्तनिर्मित उत्पाद

जशपुर से बांस की बनी टोकरियां और महुआ से उत्पादित सामग्री

बिलासपुर से श्रृंगार और वस्त्र सामग्री

बलरामपुर एवं सूरजपुर से सुगंधित चावल, जिसे स्वास्थ्यवर्धक भी माना जाता है

इन स्टॉलों में छत्तीसगढ़ी पारंपरिक उत्पादों की झलक देखने को मिल रही है, जो खरीदारों को आकर्षित कर रही है। ग्रामीण और शहरी इलाकों से आए लोग यहां इन उत्पादों को न केवल देख रहे हैं, बल्कि उन्हें खरीद भी रहे हैं।

बढ़ती बिक्री से उत्साहित महिलाएं

महिला मड़ई की नोडल अधिकारी ने जानकारी दी कि अब तक 5 लाख से अधिक के उत्पादों की बिक्री हो चुकी है, जबकि 50,000 रुपए से अधिक का विक्रय तो पहले ही दिन में दर्ज किया गया था। इस तरह के आयोजनों से महिलाओं को आर्थिक मजबूती तो मिल ही रही है, साथ ही उनके उत्पादों को बाजार में पहचान भी मिल रही है।

स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं ने बताया कि इस आयोजन से उन्हें न केवल अपने उत्पादों को बेचने का अवसर मिला है, बल्कि ग्राहकों से सीधे बातचीत कर उनकी मांगों को समझने का मौका भी मिला है। इससे उन्हें भविष्य में अपने उत्पादों में सुधार और नवीनता लाने में सहायता मिलेगी।

मड़ई में आकर्षण के केंद्र: सेल्फी जोन, प्ले जोन और सांस्कृतिक संध्या

महिला मड़ई को और अधिक रोचक एवं मनोरंजक बनाने के लिए कई विशेष पहल की गई हैं।

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सेल्फी जोन: युवाओं और आगंतुकों के लिए एक विशेष सेल्फी जोन तैयार किया गया है, जो इस आयोजन की थीम और महिला सशक्तिकरण को प्रदर्शित करता है।

बच्चों के लिए प्ले जोन: छोटे बच्चों के लिए प्ले जोन तैयार किया गया है, जिसमें झूले, खेल-खिलौने और अन्य मनोरंजक गतिविधियां रखी गई हैं।

सांस्कृतिक संध्या: प्रतिदिन छत्तीसगढ़ी लोक कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जा रही हैं, जिसमें नाचा, करमा, सुआ नृत्य और अन्य लोककलाओं की झलक देखने को मिल रही है।

इन गतिविधियों ने न केवल इस मेले को अधिक आकर्षक बनाया है बल्कि इसे पूरे परिवार के लिए मनोरंजन और खरीदारी का एक बेहतरीन केंद्र भी बना दिया है।

महिला एवं बाल विकास विभाग और अन्य सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार

इस आयोजन में महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत चल रही विभिन्न योजनाओं को भी प्रचारित किया जा रहा है। कुछ प्रमुख स्टॉल निम्नलिखित हैं:

नवा बिहान योजना

महतारी वंदन सखी सेंटर

वुमन हेल्पलाइन और दिशा दर्शन केंद्र

कन्या विवाह योजना

स्पॉन्सरशिप और फास्टर केयर योजना

बाल कल्याण समिति और किशोर न्याय बोर्ड से संबंधित जानकारी

चाइल्ड हेल्पलाइन, बाल विवाह रोकथाम और दत्तक ग्रहण से जुड़ी जानकारियां

आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र का प्रदर्शन

इन स्टॉलों पर लोगों को महिला सशक्तिकरण, बच्चों की देखभाल और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है।

महिला उद्यमियों और स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा

इस मेले में न केवल महिला स्व-सहायता समूहों को बढ़ावा दिया जा रहा है, बल्कि महिला उद्यमियों और स्टार्ट-अप्स को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।

एनआरएलएम (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) के तहत आने वाले महिला समूहों को मुफ्त स्टॉल प्रदान किए गए हैं।

वन विभाग और पंचायत विभाग के महिला समूहों को भी अपने उत्पादों के प्रदर्शन का अवसर दिया गया है।

स्थानीय महिला उद्यमियों और स्टार्ट-अप्स को विशेष रूप से पंजीकरण कर स्टॉल उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि वे अपने उत्पादों का प्रचार-प्रसार कर सकें और अपनी उद्यमिता को आगे बढ़ा सकें।

8 मार्च को महिला दिवस के अवसर पर विशेष आयोजन

महिला मड़ई का समापन 8 मार्च, महिला दिवस के अवसर पर होगा। इस दिन विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित परिचर्चा, सम्मान समारोह और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होंगे।

इस अवसर पर उन महिला उद्यमियों और स्व-सहायता समूहों को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने अपने उत्पादों की सबसे अधिक बिक्री की है या अपनी उद्यमिता से अन्य महिलाओं को प्रेरित किया है।

राज्य स्तरीय महिला मड़ई न केवल महिलाओं के लिए एक आर्थिक अवसर लेकर आई है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की समृद्ध कला, संस्कृति और परंपराओं का भी परिचायक बन रही है। यह आयोजन महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

“सशक्त महिला, समृद्ध महिला” की थीम पर आयोजित यह मड़ई महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने और अपने उत्पादों को एक व्यापक बाजार में प्रस्तुत करने का बेहतरीन अवसर प्रदान कर रही है। इस प्रकार, यह आयोजन महिला सशक्तिकरण और आर्थिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रही है।

Ashish Sinha

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