
पुलिस हिरासत में मौतों का सिलसिला जारी, कांग्रेस ने गृहमंत्री से मांगा इस्तीफा
पुलिस हिरासत में मौतों का सिलसिला जारी, कांग्रेस ने गृहमंत्री से मांगा इस्तीफा
रायपुर, 01 अप्रैल 2025। छत्तीसगढ़ में पुलिस हिरासत में लगातार हो रही मौतों को लेकर कांग्रेस ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भाजपा सरकार पर कानून व्यवस्था संभालने में विफल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस न केवल नाकाम साबित हो रही है, बल्कि अब निर्दोषों की हत्या भी कर रही है। उन्होंने इस मामले में गृहमंत्री विजय शर्मा से नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की मांग की है।
धमतरी में युवक की पुलिस कस्टडी में मौत, बवाल
ताजा मामला धमतरी का है, जहां पुलिस हिरासत में राजनांदगांव के भंवरमरा गांव के युवक दुर्गेश कठोरिया की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पुलिस ने उसे राजनांदगांव से गिरफ्तार कर धमतरी लाया था और अदालत में पेश करने के बाद रिमांड पर लिया गया था। कांग्रेस का आरोप है कि अदालत में पेशी से पहले युवक का मेडिकल परीक्षण हुआ होगा, ऐसे में पुलिस का यह दावा कि उसकी मौत तबीयत खराब होने से हुई, पूरी तरह बेबुनियाद है। कांग्रेस ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है और दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग उठाई है।
पुलिस पर बढ़ते आरोप, हिरासत में हो चुकी हैं कई मौतें
दीपक बैज ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार बनने के बाद से अब तक पुलिस हिरासत में पांच लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि इससे पहले कवर्धा के लोहारीडीह में प्रशांत साहू, कोरबा में सूरजपुर हथठेल, बलरामपुर में गुरुचरण मंडल की पुलिस हिरासत में संदिग्ध मौतें हो चुकी हैं।
जशपुर में महिला सरपंच की हत्या, कानून-व्यवस्था पर सवाल
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि जशपुर में दिनदहाड़े एक महिला सरपंच की हत्या से राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था उजागर हो गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और पुलिस जनता की सुरक्षा करने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है।
कांग्रेस ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
कांग्रेस ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों पर तत्काल कार्यवाही होनी चाहिए। साथ ही, पुलिस हिरासत में लगातार हो रही मौतों को लेकर सरकार को जवाब देना चाहिए। दीपक बैज ने कहा कि प्रदेश में पुलिस क्रूर और हत्यारी बन चुकी है, ऐसे में गृहमंत्री को अपनी नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए इस्तीफा देना चाहिए।