
बिना अनुमति नलकूप खनन पर प्रतिबंध: आदेश का उल्लंघन करने पर होगी सख्त कार्रवाई
बिना अनुमति नलकूप खनन पर प्रतिबंध: आदेश का उल्लंघन करने पर होगी सख्त कार्रवाई
बलरामपुर, 02 अप्रैल 2025 – जिले में गर्मी के दौरान जल संकट को देखते हुए प्रशासन ने 1 अप्रैल 2025 से 31 जुलाई 2025 तक पूरे जिले को जलाभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया है। कलेक्टर राजेन्द्र कटारा ने छत्तीसगढ़ पेयजल परिरक्षण अधिनियम, 1986 एवं 1987 की धारा 03 के तहत यह आदेश जारी किया है। इस अवधि में बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के कोई भी नया नलकूप (बोरवेल) खनन नहीं किया जा सकेगा।
अनुमति के नियम और छूट
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नलकूप खनन के लिए संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (SDM) से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। हालांकि, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (PHE) और नगरीय निकायों को छूट दी गई है, लेकिन उन्हें भी इस दौरान किए गए नलकूप खनन की जानकारी प्राधिकृत अधिकारी को देनी होगी।
जल संकट से निपटने की रणनीति
गर्मी के दौरान कई क्षेत्रों में भूजल स्तर गिर जाता है, जिससे पीने के पानी की समस्या उत्पन्न होती है। इसे रोकने के लिए प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं।
-
रेनवाटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा दिया जाएगा।
-
पुराने तालाबों और कुओं का पुनर्जीवन किया जाएगा।
-
जल संकट वाले क्षेत्रों में टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जाएगी।
-
अवैध बोरवेल पर निगरानी रखने के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं।
नियम तोड़ने वालों पर होगी कार्रवाई
यदि कोई भी व्यक्ति, संस्था या एजेंसी बिना अनुमति नलकूप खनन करते हुए पाई जाती है, तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने आदेश दिया है कि अवैध रूप से खोदे गए नलकूपों को जब्त किया जाएगा और संबंधित व्यक्तियों पर जुर्माना लगाया जाएगा।
जनता से सहयोग की अपील
कलेक्टर राजेन्द्र कटारा ने लोगों से अपील की है कि जल संरक्षण के इस प्रयास में प्रशासन का सहयोग करें और बिना अनुमति नलकूप खनन से बचें। जल संकट से निपटने के लिए वर्षा जल संचयन और पानी के अपव्यय को रोकने पर ध्यान देने की जरूरत है।