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गोठान ने बदली हमारी जीवनशैली, अब बाजार जाने के लिए नहीं मांगने पड़ते घरवाले से पैसे

रायपुर : गोठान ने बदली हमारी जीवनशैली, अब बाजार जाने के लिए नहीं मांगने पड़ते घरवाले से पैसे

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घर की चार दिवारी के बाहर रखे कदम, तो जाना, सारा आसमां हमारा है

गर्व होता है हमे कि आप हमारे मुखिया है- सुनीता और धनेश्वरी ने एक स्वर में कहा

पहले थे केवल 4, आज स्व-प्रेरणा से 12 समूह कर रही कार्य

ग्राम राजगांव के 5 एकड़ में फैले गोठान में 12 महिला समूह लिख रही उन्नति की नई कहानी

रायपुर 27 मई 2022

घर की चार दिवारी के

कोंडागांव विधानसभा में आम जन मानस से भेंट मुलाकात के लिए ग्राम राजागांव पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजागांव गौठान का अवलोकन किया। इस दौरान स्व सहायता समूह की सुनीता साहू और धनेश्वरी पटेल दीदी ने मुख्यमंत्री को 5 एकड़ में फैले अपने गौठान का भ्रमण कराया। उन्होंने बड़े गर्व से गौठान में संचालित रोजगार मूलक गतिविधियों के बारे में बताया और मुख्यमंत्री को गौठान में उत्पादित सब्जियों से भरी टोकरी भेंट की।

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सब्जी उत्पादन, मशरूम उत्पादन, मुर्गी पालन, डेयरी पालन, मसला प्रसंस्करण, मछली पालन, साबुन निर्माण, सभी प्रकार की गतिविधियां यहां संचालित हो रही है। महिला समूहों ने अब तक 7 लाख की आर्थिक आय गौठान में इन रोजगार मूलक गतिविधियों से हुई है। आलम यह है कि अब हमें, मेला मड़ई, दुकानदारी के लिए अपने घरवाले से पैसे नही मांगने पड़ते। आज हम गर्व से स्वयं के खर्च तो उठाती ही है, अपने बच्चों को भी नए कपड़े, खिलौने दिलाती है। यह सब संभव हुआ, आपकी इस योजना से। गौठान बने तो हम महिलाओं को रोजगार मिला, हम आर्थिक रूप से सशक्त बनी। पहले हम 4 समूह की महिलाएं इस गौठान में काम करती थी, हमारी सफलता को देख, गांव की और भी महिलाएं प्रेरित हुई और आज इस गौठान में 12 समूह कार्य कर रही हैं। इस सीजन में लगभग 5800 किलो का वर्मीकम्पोस्ट विक्रय किए है, जिससे 2 लाख 27 हजार का लाभांश प्राप्त हुआ है। अब ग्रामीण अंचल की महिलाएं घर की चौखट पार कर सफलता की नई कहानियां गढ़ रही हैं।

छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी- नरवा, गरवा, घुरुआ, बारी- एला बचाना हे संगवारी के ध्येय के उद्देश्य से स्थापित गोठान आज हर दिन नए कीर्तिमान का साक्षी बन रहा है। गोधन के साथ ही इन गोठानो में महिला स्व सहायता समूहों के साथ भी न्याय हो रहा है। शासन की नीति से जहां गोधन को आज देश भर में पहचान मिली है, तो महिलाओं को भी आर्थिक संबल और संवर्धन मिल रहा है।

Ashish Sinha

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