
गर्मी में ढोढ़ी से पानी लाने की मजबूरी खत्म, अब अमलीपारा के घर-आँगन में बह रही है पानी की धार
कोरबा के अमलीपारा गाँव में जल जीवन मिशन के तहत नल कनेक्शन से घर-घर पानी पहुँचाया जा रहा है। लोहार दम्पति भारत और सुनीता ने बताया कि पहले पानी की मार सबसे ज्यादा तकलीफ देती थी, अब राहत है।
आग से भी ज्यादा तकलीफदेह थी पानी की मार, अब बह रही है आँगन में धार
गिरारी ग्राम के अमलीपारा में जल जीवन मिशन ने बदल दी ज़िंदगी
📍 कोरबा, 09 जून 2025| गर्मी की लू, आग की लपटें और प्यास से जूझते लोग — ये कहानी अब ग्राम अमलीपारा, गिरारी पंचायत की पुरानी बात हो गई है। यहाँ के लोहार दम्पति भारत और सुनीता लोहार के आँगन में अब नल से पानी की धार बहती है, जिससे उनका जीवन आसान और स्वच्छ हो गया है।
🔥 “आग की लौ से ज्यादा तकलीफ पानी की थी…”
भारत लोहार दिन भर लोहे को गर्म कर औजार बनाते हैं, लेकिन उन्हें और उनकी पत्नी सुनीता को आग से ज्यादा कष्ट पानी की किल्लत से होता था।
गर्मी के मौसम में पूरे गाँव को ढोढ़ी (तालाब या दूर के जल स्रोत) से पानी लाना पड़ता था। काम बंद करके, घंटों समय लगाकर पानी ढोना पड़ता — यह हालात अब बदल चुके हैं।
🚰 जल जीवन मिशन ने बदली तस्वीर
जल जीवन मिशन के अंतर्गत गाँव में घर-घर नल कनेक्शन लगाया गया है। अब:
-
सुबह और शाम नियमित रूप से पानी पहुँचता है।
-
महिलाएं, पुरुष और बच्चे सभी को राहत मिली है।
-
किसी को अब ढोढ़ी नहीं जाना पड़ता।
👩🔧 सुनीता लोहार का अनुभव:
“अब सुबह पानी मिल जाता है, मैं दिनभर के लिए इकट्ठा कर लेती हूँ। गर्मी में जो परेशानी होती थी, अब खत्म हो गई है।”
👨🏭 भारत लोहार का कहना:
“पानी के लिए काम बंद करना पड़ता था। अब घर पर पानी मिल रहा है। हमारे लिए यह बहुत बड़ी राहत है। हम सरकार के प्रति आभारी हैं।”
🌱 गाँव के लोगों में खुशी की लहर
ग्रामवासियों ने बताया कि कई वर्षों से पानी की समस्या ने परेशान कर रखा था, लेकिन अब गाँव में घर-घर नल और स्वच्छ पेयजल की सुविधा ने इस संकट को समाप्त कर दिया है। सभी लोगों ने शासन और प्रशासन के इस प्रयास की खुलकर सराहना की।