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डायल 112 की तत्परता से बची जान: ट्रांसफार्मर पर चढ़े युवक को मौत के मुंह से निकाला!

डायल 112 की तत्परता से बची युवक की जान: मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति को ट्रांसफार्मर से सुरक्षित उतारा

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रायगढ़ जिले के भूपदेवपुर क्षेत्र में हुआ हादसा, पुलिस की त्वरित कार्रवाई से टला बड़ा हादसा

रायगढ़। जिले के भूपदेवपुर थाना क्षेत्र में एक मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति के ट्रांसफार्मर पर चढ़ने की घटना सामने आई, जहां पुलिस की सतर्कता और डायल 112 टीम की तत्परता से बड़ा हादसा टल गया। जैसे ही इस घटना की सूचना डायल 112 को मिली, टीम ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर सूझबूझ और सावधानी से उस व्यक्ति को सुरक्षित नीचे उतारा और उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया।

यह घटना सोमवार दोपहर की है जब स्थानीय लोगों ने देखा कि एक युवक अचानक बिजली के ट्रांसफार्मर पर चढ़ गया। आसपास के लोग उसे देखकर घबरा गए और तुरंत डायल 112 को सूचित किया। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और बिजली विभाग को भी सतर्क किया गया ताकि किसी तरह का करंट हादसा न हो। पुलिस और स्थानीय नागरिकों के सहयोग से युवक को सुरक्षित नीचे उतार लिया गया, जिससे उसकी जान बच गई।

घटना की सूचना पर तुरंत सक्रिय हुई पुलिस

रायगढ़ जिले में पुलिस प्रशासन की सतर्कता और तत्परता एक बार फिर देखने को मिली। जब भूपदेवपुर क्षेत्र में एक व्यक्ति मानसिक असंतुलन की स्थिति में ट्रांसफार्मर पर चढ़ गया, तो क्षेत्र में हड़कंप मच गया। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद डायल 112 की टीम अलर्ट मोड में आ गई।

सूचना मिलते ही डायल 112 की टीम कुछ ही मिनटों में घटनास्थल पर पहुंच गई। सबसे पहले टीम ने बिजली विभाग से संपर्क कर ट्रांसफार्मर की बिजली आपूर्ति बंद करवाई ताकि कोई अनहोनी न हो। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने सूझबूझ से व्यक्ति को शांत करने की कोशिश की और उसे नीचे उतरने के लिए समझाया। युवक की स्थिति को देखते हुए पुलिस ने किसी भी तरह की जल्दबाजी न करते हुए संयम और सूझबूझ से काम लिया।

स्थानीय लोगों ने भी दिया सहयोग

इस पूरे घटनाक्रम में स्थानीय लोगों का भी बड़ा योगदान रहा। जब लोगों ने देखा कि पुलिस और डायल 112 की टीम युवक को नीचे उतारने की कोशिश कर रही है, तो उन्होंने भी सहयोग किया। कुछ लोगों ने युवक से बात करने का प्रयास किया ताकि वह घबराए नहीं। वहीं, कुछ लोगों ने रस्सियों और अन्य सुरक्षा उपायों की व्यवस्था कर पुलिस की मदद की।

इस घटना में बिजली विभाग की सतर्कता भी सराहनीय रही। जैसे ही पुलिस ने सूचना दी, तुरंत बिजली सप्लाई को बंद कर दिया गया, जिससे करंट लगने जैसी किसी भी दुर्घटना को टाल दिया गया।

मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं बढ़ीं

यह घटना मानसिक स्वास्थ्य को लेकर एक गंभीर सवाल खड़ा करती है। जिस व्यक्ति ने यह जोखिम भरा कदम उठाया, वह मानसिक रूप से अस्वस्थ बताया जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की मानसिक स्थिति में व्यक्ति को तुरंत चिकित्सकीय सहायता और परामर्श की जरूरत होती है।

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आज के दौर में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन समाज में अब भी इस पर खुलकर चर्चा नहीं होती। कई बार परिवार के लोग मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति को इलाज दिलाने में देर कर देते हैं, जिससे ऐसे खतरनाक हालात उत्पन्न हो सकते हैं।

परिजनों ने जताया पुलिस का आभार

इस घटना के बाद जब युवक को सुरक्षित उसके परिवार को सौंप दिया गया, तो परिजनों ने पुलिस और डायल 112 टीम का आभार जताया। परिजनों ने बताया कि युवक कुछ दिनों से मानसिक रूप से अस्वस्थ था, लेकिन उन्होंने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठा लेगा।

परिवार ने आगे कहा कि वे अब युवक का इलाज करवाएंगे ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न बने। वहीं, पुलिस प्रशासन ने भी परिवार को इस मामले में जरूरी सलाह दी और बताया कि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मामलों में सतर्कता बेहद जरूरी है।

डायल 112 की तत्परता एक बार फिर साबित हुई

छत्तीसगढ़ पुलिस की डायल 112 सेवा हमेशा से ही संकट की स्थिति में लोगों की मदद के लिए तत्पर रही है। इस घटना ने एक बार फिर साबित किया कि डायल 112 की टीम न केवल आपराधिक मामलों में बल्कि सामाजिक संकट के समय भी उतनी ही सक्रिय और जिम्मेदार रहती है।

डायल 112 की टीम का मुख्य उद्देश्य लोगों की तत्काल सहायता करना है, और इस घटना में उन्होंने इसे बखूबी निभाया। यदि पुलिस और डायल 112 की टीम समय पर नहीं पहुंचती, तो यह घटना गंभीर रूप ले सकती थी।

इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने स्थानीय नागरिकों से अपील की कि वे अपने आसपास के लोगों की मानसिक स्थिति पर भी ध्यान दें। यदि कोई व्यक्ति मानसिक रूप से अस्वस्थ नजर आता है और किसी तरह का असामान्य व्यवहार करता है, तो तुरंत परिवार को सूचित करें और जरूरत पड़ने पर पुलिस या चिकित्सकों से संपर्क करें।

रायगढ़ पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में डायल 112 की टीम की प्रशंसा की और कहा कि पुलिस की सक्रियता से ही युवक की जान बचाई जा सकी। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाओं से सीख लेकर हमें मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।

इस पूरी घटना से यह स्पष्ट होता है कि संकट के समय त्वरित निर्णय और सतर्कता कितना बड़ा फर्क ला सकती है। यदि डायल 112 की टीम समय पर न पहुंचती, तो यह घटना एक बड़ी दुर्घटना में बदल सकती थी।

मानसिक स्वास्थ्य एक गंभीर मुद्दा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इस घटना ने मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों की देखभाल और समय पर सहायता की जरूरत को उजागर किया है। पुलिस की तत्परता और स्थानीय लोगों के सहयोग से एक बड़ी अनहोनी टल गई, जिससे यह संदेश जाता है कि संकट के समय सतर्कता और सामूहिक प्रयास से जीवन बचाया जा सकता है।

Ashish Sinha

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