
कलेक्टर बी.एस. उइके का औचक निरीक्षण: अनुपस्थित अधिकारियों पर नाराजगी, कार्यालयों को स्वच्छ रखने के निर्देश
गरियाबंद कलेक्टर बी.एस. उइके ने संयुक्त जिला कार्यालय परिसर के विभिन्न विभागों का किया औचक निरीक्षण। कई अधिकारी बिना सूचना के गैरहाजिर मिले, जिस पर कलेक्टर ने जताई नाराजगी। साफ-सफाई और समयपालन पर दिए कड़े निर्देश।
कलेक्टर उइके ने संयुक्त जिला कार्यालय का किया औचक निरीक्षण, अनुपस्थित अधिकारियों पर जताई नाराजगी
गरियाबंद, 08 जुलाई 2025। जिला गरियाबंद में आज उस समय हलचल मच गई जब कलेक्टर बी.एस. उइके ने संयुक्त जिला कार्यालय परिसर में स्थित विभिन्न विभागीय कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने न केवल उपस्थिति पंजी की जांच की, बल्कि विभागीय रिकॉर्ड, कार्यालयीन व्यवस्थाओं और साफ-सफाई की स्थिति का भी गंभीरता से अवलोकन किया।
कलेक्टर उइके ने कार्यालय परिसर के भूतल एवं प्रथम तल में स्थित प्रमुख विभागों — जैसे सहायक आयुक्त कार्यालय, खाद्य शाखा, खनिज, रेशम, सांख्यिकी, उद्यानिकी, महिला एवं बाल विकास, आबकारी, शिक्षा, निर्वाचन, समग्र शिक्षा, श्रम विभाग, समाज कल्याण, व्यापार एवं उद्योग, नाजिर शाखा, जनसंपर्क, खेल, राजस्व, कोषालय एवं भू-अभिलेख का निरीक्षण कर अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति की जानकारी ली।
समयपालन और सफाई पर विशेष जोर
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशित किया कि वे निर्धारित समय पर कार्यालय में उपस्थित होकर अपने शासकीय दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि स्वच्छ और सुव्यवस्थित कार्यालय वातावरण न केवल जनता को बेहतर सेवाएं प्रदान करने में सहायक होता है, बल्कि कार्यसंस्कृति को भी सुदृढ़ करता है।
बिना सूचना अनुपस्थित अधिकारियों पर नाराजगी
निरीक्षण के दौरान कुछ अधिकारी व कर्मचारी बिना किसी पूर्व सूचना के अनुपस्थित पाए गए, जिस पर कलेक्टर उइके ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी और उपस्थिति प्रणाली को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान ये अधिकारी रहे मौजूद
इस अवसर पर अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय, नवीन भगत, पंकज डाहिरे, जिला शिक्षा अधिकारी ए.के. सारस्वत सहित अन्य विभागीय अधिकारी भी साथ मौजूद थे।
प्रशासनिक सतर्कता का संदेश
कलेक्टर का यह औचक निरीक्षण प्रशासनिक कार्यप्रणाली में सतर्कता और अनुशासन सुनिश्चित करने की दिशा में एक प्रभावी कदम माना जा रहा है। इससे स्पष्ट है कि जिला प्रशासन सरकारी कार्यों में लापरवाही और अनुपस्थिति को बर्दाश्त नहीं करेगा और जनता को बेहतर सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है।