छत्तीसगढ़राज्यसूरजपुर

केनापारा पर्यटन स्थल का नाम यथावत रखने की मांग को लेकर दर्जनभर ग्रामों के 500 से अधिक ग्रामीणों ने संकेतिक सड़क जाम कर प्रदर्शन किया

केनापारा पर्यटन स्थल का नाम यथावत रखने की मांग को लेकर दर्जनभर ग्रामों के 500 से अधिक ग्रामीणों ने संकेतिक सड़क जाम कर प्रदर्शन किया

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e
WhatsApp Image 2025-08-03 at 9.25.33 PM (1)

मां समलेश्वरी महामाया पर्यटन स्थल नामकरण करने पर किसी को आपत्ति नहीं

गोपाल सिंह विद्रोही प्रदेश खबर प्रमुख छत्तीसगढ़ की रिपोर्ट सूरजपुर बिश्रामपुर केनापारा सहित आस पास के एक दर्जन ग्रामों के सैकड़ों ग्रामीण केनापारा (तेलईकछार) पर्यटन स्थल का नाम यथावत् रखने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग तिरालिस पर 10 मिनट सांकेतिक चक्काजाम कर प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन के बाद ग्रामीणों ने मौके पर उपस्थित तहसीलदार एवं उप तहसीलदार को कलेक्टर सूरजपुर के नाम ज्ञापन सौंपकर अपना आंदोलन समाप्त करते हुए यह चेतावनी भी दी कि यदि इस समस्या का जल्द पटाक्षेप नहीं किया गया तो व्यापक आंदोलन किया जाएगा

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)
WhatsApp Image 2025-08-03 at 9.25.33 PM (1)

उक्त मांग को लेकर केनापारा के आसपास के दर्जनभर ग्रामों की लग भाग 500 से अधिक महिला पुरुष बच्चे की संख्या में हर उम्र के ग्रामीण समलेश्वरी मां महामाया मंदिर के समीप अंबिकापुर -विश्रामपुर मार्ग पर 10 मिनट का अपने निर्धारित आंदोलन के तहत सांकेतिक चक्काजाम कर अपना रोष प्रकट किया.। आंदोलनरत सरपंच भारत राम पंडो ,जनपद सदस्य उषा यादव के नेतृत्व में पूरन यादव, दिनेश गुप्ता, निर्मल साहू ,विजय कुमार गुप्ता, लवन रजवाड़े, विशंभर यादव, इंद्रमणि रजवाड़े, राम किशन साहू ,अहिबारन ,श्रवण कुमार सिरदार, राम अवतार यादव, रामप्रकाश ,विजय गुप्ता आदि सड़क जाम करने पहुंचे ।पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत 10 मिनट का सांकेतिक चक्काजाम कर सूरजपुर तहसीलदार प्रतीक जायसवाल पिलखा उपतहसील के नायब तहसीलदार माधुरी अंचला को सूरजपुर कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा जिसमें उल्लेख किया गया है
कि ग्राम पंचायत तेलईकछार (केनापारा) के निवासियों द्वारा केनापारा “ललईकछार” पर्यटन स्थल को (समूह) द्वारा संचालित है। जिसका ग्राम पंचायत जयनगर द्वारा उक्त नाम को विलोपित करके अपना नाम जयनगर रखने हेतु प्रशासन से मांग की जा रहा है। जबकि 2018 में प्रोजेक्ट लगते समय जयनगर के तत्कालिक सरपंच एवं अन्य जनप्रतिनिधियों से पूछा गया तो केनापारा के नाम से पर्यटन केन्द्र बनाने पर मौखिक सहमति समस्त जनप्रतिनिधियों द्वारा दिया गया था। केन्रापारा (तेलईकछार) का पर्यटन स्थल का नाम तत्कालिक कलेक्टर एवं एसईसीएल महाप्रबंधक विश्रामपुर के द्वारा नाम निर्धारित किया गया था। पर्यटक स्थल का नाम परिवर्तन करने पर समस्त ग्रामवासियों एवं महिला स्व सहायता समूह के द्वारा मजबूरन आंदोलन किया गया । ज्ञापन में ग्रामीणों ने कलेक्टर से करबद्ध प्रार्थना करते हुए कहा है कि कनापारा (तेलईकछार) पर्यटन का नाम यथावत रहने दिया जाये।
नाम परिवर्तन का विरोध परंतु मां समलेश्वरी महामाया पर्यटन स्थल रखा गया तो स्वागत –इस संबंध में ग्राम केनापारा के आंदोलनकारी दिनेश गुप्ता ,निर्मल साहू, विजय कुमार गुप्ता ,लवन रजवाड़े, पुरन यादव ,राम अवतार यादव, भरत राम पंडो ने कहा कि नाम परिवर्तन का पुरजोर विरोध करेंगे इसके लिए उग्र आंदोलन करना पड़े , सड़क जाम करना पड़े तो हम ग्रामीण पीछे नहीं हटेंगे परंतु यदि नाम परिवर्तन कर समलेश्वरी महामाया पर्यटन स्थल रखा जाता है तो इस पर हमें किसी प्रकार का कोई आपत्ति नहीं है अपितु इसका स्वागत करेंगे। इसी प्रकार एसईसीएल विश्रामपुर क्षेत्र के महाप्रबंधक विद्यानंद झा ने कहा कि श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा भी केनापारा पर्यटन स्थल को समलेश्वरी महामाया पर्यटन स्थल नाम घोषित किए जाने पर किसी प्रकार का असहमति नहीं है। ग्राम जयनगर के लोगों ने भी समलेश्वरी महामाया पर्यटन स्थल का नामकरण पर अपनी सहमति जताई है परंतु ग्राम पंचायत में अपनी छवि खराब न हो जाएं इसलिए इस मुद्दे पर खुलकर सामने नहीं आ रहा है। इन्हें जिला प्रशासन से केवल इस बात का दुख है कि पर्यटन स्थल केनापारा में किसी प्रकार के सरकारी या गैर सरकारी आयोजन होता है तो जयनगर ग्राम पंचायत के किसी भी जनप्रतिनिधि को पूछ परख नहीं होती है प्रशासन के इस रवैए से जयनगर के लोग काफी नाराज दिख रहे हैं।
केनापारा पर्यटन स्थल पर एसईसीएल का भारी भरकम आर्थिक सहयोग फिर भी उपेक्षित
एसईसीएल बिश्रामपुर द्वारा अपने क्लोजर माइनिंग योजना अंतर्गत पोखरी खदान नंबर 6 में पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए तत्कालिक कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन में मूर्त रूप देने के लिए कदम उठाया था। इस योजना मे प्रबंधन ने तत्कालिक निर्माण कार्य मे 2 करोड़ धनराशि उपलब्ध कराई थी वर्तमान में कंपनी मुख्यालय से पांच करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर ली गई है इसके बावजूद भी स्थल पोखरी खदान पर 7 करोड़ की धनराशि प्रदान करने के बाद भी किसी भी कार्यक्रम में एसईसीएल के कर्मचारियों एवं श्रम संगठनों को आमंत्रित नहीं किया जाता है जिस पर प्रबंधन की नाराजगी है। श्रम संगठनों ने पर्यटन स्थल पर एसईसीएल कर्मचारी परिवारों को निशुल्क व्यवस्था देने की मांग प्रबंधन से करते हुए दबाव बनाया है। महाप्रबंधक विद्यानंद झा ने इस संबंध में जिला प्रशासन को पत्र लिखने की भी बात कही है।

gopalsingh

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f
WhatsApp Image 2025-08-03 at 9.25.33 PM (1)

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!