
JNU विवाद: पुलिस ने 6 छात्रों पर FIR दर्ज की, छात्रसंघ अध्यक्ष समेत कई पदाधिकारियों से भरवाया बॉण्ड
जेएनयू में छात्रों और पुलिस के बीच झड़प के बाद पुलिस का एक्शन। नेल्सन मंडेला मार्ग पर बैरिकेड तोड़ने की कोशिश का आरोप। 6 छात्रों पर FIR और छात्रसंघ अध्यक्ष नीतीश कुमार समेत 3 पदाधिकारियों से बॉण्ड भरवाया गया। जानें ABVP-वामपंथी झड़प से उपजा विवाद।
जेएनयू छात्रों पर दिल्ली पुलिस का एक्शन: 6 छात्रों पर FIR दर्ज, छात्र संघ के पदाधिकारियों से भरवाया गया बॉण्ड
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रों और पुलिस के बीच हुई झड़प के एक दिन बाद दिल्ली पुलिस ने सोमवार को कड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने विश्वविद्यालय परिसर में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के प्रयास के तहत 6 छात्रों के खिलाफ वसंत कुंज (उत्तर) पुलिस थाने में एफआईआर (FIR) दर्ज की है। इसके अतिरिक्त, पुलिस ने शांति भंग न करने के लिए छात्र संघ के 3 पदाधिकारियों सहित कई छात्रों से बॉण्ड भी भरवाए हैं।
झड़प तब हुई जब आइसा और एसएफआई सहित वामपंथी संगठनों की ओर से एक विरोध मार्च का आयोजन किया गया था। इस मार्च का उद्देश्य हाल ही में परिसर में एबीवीपी सदस्यों द्वारा वामपंथी छात्रों पर किए गए कथित हमले के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करना था।
- पुलिस का आरोप: दिल्ली पुलिस ने जानकारी दी कि छात्रों ने नेल्सन मंडेला मार्ग पर कथित तौर पर बैरिकेड्स तोड़ने और यातायात बाधित करने की कोशिश की, जिसके चलते छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हुई।
- पुलिसकर्मी घायल: पुलिस के अनुसार, इस झड़प में छह पुलिसकर्मी घायल हुए।
- छात्रों का आरोप: छात्रों ने जवाबी आरोप लगाते हुए कहा है कि परिसर में हुई आम सभा में एबीवीपी सदस्यों ने वामपंथी छात्रों पर हमला किया था, जिसके खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर वे शांतिपूर्ण मार्च कर रहे थे।
पुलिस ने बताया कि छह छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के अलावा, 28 अन्य छात्रों को दिल्ली पुलिस अधिनियम की धारा 65 के तहत हिरासत में लिया गया था। हालांकि, चिकित्सा परीक्षण के बाद सभी को रिहा कर दिया गया।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, जिन छात्रों से बॉण्ड भरवाए गए हैं, उनमें छात्रसंघ के प्रमुख पदाधिकारी शामिल हैं:
- छात्रसंघ अध्यक्ष नीतीश कुमार
- उपाध्यक्ष मनीषा
- महासचिव मुन्तेहा फातिमा
- अन्य छात्र: मणिकांत पटेल, ब्रिटी कर, सौर्य मजूमदार
बॉण्ड की शर्तें: बॉण्ड के तहत, इन छात्रों को कानूनी तौर पर बुलाए जाने पर जांच अधिकारी के सामने पेश होना होगा। यदि वे शहर छोड़ना चाहते हैं, तो उन्हें पहले पुलिस को इसकी जानकारी देनी होगी।
जेएनयू शिक्षक संघ ने पुलिस की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। शिक्षक संघ ने इसे राजनीति से प्रेरित करार दिया है और प्रशासन से विश्वविद्यालय में लोकतांत्रिक छात्र राजनीति की परंपरा की रक्षा करने की गुजारिश की है।
फिलहाल, इस कार्रवाई के बाद विश्वविद्यालय परिसर में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात है।