
अयोध्या रामलला का भव्य श्रृंगार: चार समय लगता है भोग, जानें आरती और दर्शन का पूरा समय
अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला को रोजाना चार समय भोग लगाया जाता है। 4 नवंबर को उनका भव्य श्रृंगार हुआ। जानें आरती, दर्शन और पूजा की पूरी दिनचर्या।
अयोध्या में रामलला का अलौकिक श्रृंगार, चार समय लगता है भोग — जानिए पूजा और आरती की पूरी दिनचर्या
अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या धाम में ब्रह्मांड नायक भगवान श्री रामलला सरकार का श्रृंगार आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि, विक्रम संवत 2082 (4 नवंबर, मंगलवार) को अत्यंत भव्य रूप में हुआ।
प्रभु श्रीरामलला का श्रृंगार प्रतिदिन विशेष रूप से किया जाता है, और हर दिन भक्तों को वे एक नए अलौकिक रूप में दर्शन देते हैं।
रामलला की दैनिक पूजा और भोग व्यवस्था
रामलला को दिन में चार समय भोग लगाया जाता है। ये सभी व्यंजन मंदिर की रसोई में परंपरागत विधि से तैयार किए जाते हैं।
पूजन की शुरुआत सुबह बाल भोग से होती है। इसके बाद दोपहर, संध्या और शयन के समय भोग अर्पित किया जाता है।
माना जाता है कि यह परंपरा प्रभु के बालरूप के अनुरूप स्नेह और भक्तिभाव से निभाई जाती है।
हर मौसम के अनुसार वस्त्र
रामलला को हर दिन और मौसम के अनुसार अलग-अलग वस्त्र पहनाए जाते हैं।
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गर्मी में सूती और हल्के वस्त्र
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सर्दी में ऊनी वस्त्र, स्वेटर और गर्म शाल
रामलला के श्रृंगार में प्रयुक्त फूलों की माला दिल्ली से विशेष रूप से मंगाई जाती है।
आरती और दर्शन का समय
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पहली आरती: सुबह 6:30 बजे
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दोपहर भोग आरती: 12:00 बजे
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संध्या आरती: शाम 7:30 बजे
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शयन आरती: रात 8:30 बजे
रामलला के दर्शन शाम 7:30 बजे तक के लिए खुले रहते हैं।
पूजन की प्रक्रिया में जगार (जागरण), लेप, स्नान, वस्त्र धारण और श्रृंगार की पूरी विधि शामिल होती है।
अयोध्या में विराजमान भगवान श्रीरामलला प्रतिदिन भक्तों को भव्य श्रृंगार रूप में दर्शन देते हैं।
श्रद्धालु हर दिन सोशल मीडिया और लाइव प्रसारणों के माध्यम से भी “Ayodhya Ramlala Aarti Live Darshan” का लाभ ले रहे हैं।










