
अन्नदाता यह लड़ाई खुद के लिए नहीं 130 करोड़ भारतीयों के लिए लड़ रहा है: स्वामीनाथ जायसवाल
नई दिल्ली भारतीय राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी नाथ जायसवाल ने किसानों के जन आंदोलन पर केंद्र सरकार को आरोप लगाते हुए कहा कि नये सिरे से पारित तीनो कृषि कानूनों को किसानो के हित मे बताने वाली भाजपा एनडीए की केन्द्र सरकार द्वारा किसानो के लिए एक देश एक बाजार, काॅट्रेक्ट फार्मिंग का फायदा किसानो के हित मे बताते हुए जबकि यह सोची समझी रणनीति के तहत कार्पोरेट जगत के फायदे के लिए जल्दबाजी मे लाया गया था ताकि MSP की गारंटी का इन बिलों मे दूर दूर तक लिखित मे प्रावधान नही करना वास्तव मे बड़े बड़े ओधोगिक घरानों को अप्रत्यक्ष रूप से अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए भारतीय 80% बाजार पर कब्जे की साजिश है मोदी सरकार के इस कदम से ! मंडियों की व्यवस्था को धीरे-धीरे बिखरने के लिए मजबूर करना, APMC मंडी कानूनों पर चोट, व्यापारियों को समाप्त करने की कोशिश के अलावा कुछ भी नही है! इसलिए इन कानूनों का किसानो के अलावा व्यापारी वर्ग, देश की लगभग तमाम विपक्षी पार्टीयां के साथ साथ अन्तरराष्ट्रीय खिलाड़ी तथा राजनेता,सेलिब्रिटी सभी लोग विरोध कर रहे है!
अब तो RSS समर्थित भारतीय मजदूर संघ ( BMS ) भी विरोध कर रहा है!
भाजपा शासित राज्य मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान उर्फ मामाजी ने कहा था कि मध्यप्रदेश मे दूसरे राज्य के किसान तथा अन्य को अपनी फसल को नही बेचने देंगे तथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, आज हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर राजस्थान मे उत्पादित बाजरे की फसल को अपने राज्य मे नही बिकने देगे! फिर ”भाजपा किस आधार पर एक देश एक बाजार की बात कर किसानों के हितों का राग अलापने का काम कर रही है! जबकि उसके ही मुख्यमंत्री उसके इस दावे को पलीता लगाने का काम कर रहे है”! पहले भाजपा अपने मुख्यमंत्रियों पर लगाम लगाये अन्यथा प्रधानमंत्री मोदी जी के दावों की पोल उनकी ही पार्टी के लोग जिम्मेदार पदों पर बैठे हुए नेता आग मे घी डालने का काम कर रहे है! यह स्वयं भाजपा के लिए चिंतन करने के लिए आवश्यक है! खैर देश की आम जनता यह सब तमाशा देख रही है!