
पटपरा सरपंच- सचिव व रोजगार सहायक के खिलाफ मनरेगा में भ्रष्ट्राचार की 7 माह पूर्व शिकायत पर अबतक कार्यवाही नही, शिकायतकर्ता ने प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल, संरक्षण देने का लगाया गंभीर आरोप
कोरबा/पाली :- जिले के पाली ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत पटपरा में शासकीय योजना के कार्यों में हुए भारी भ्रष्ट्राचार एवं अनियमितता की शिकायत गांव की जागरूक साधना द्वारा 7 माह पूर्व कलेक्टर व जिला सीईओ के अलावा पाली सीईओ को लिखित रूप में देकर उचित जांच एवं कार्यवाही की मांग की गई थी बावजूद इसके कार्यवाही के नाम पर आज पर्यन्त केवल आश्वासन और औपचारिकता का आरोप शिकायतकर्ता ने लगाते हुए प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाया है।
उक्त पंचायत पंचायत के वार्ड क्रमांक- 02 की निवासी 25 वर्षीय शिकायतकर्ता साधना कंवर का मामले को लेकर कहना है कि शासन के योजना अंतर्गत गांव के विकास के लिए जारी रोजगार गारंटी योजना की राशि का ग्राम पंचायत की निर्वाचित सरपंच श्रीमती भुनेश्वरी कंवर, सचिव आवेश कुमार व रोजगार सहायक बचपाल सिंह द्वारा मिलकर बगैर कार्य कराए फर्जी मस्टररोल तैयार कर राशि का आहरण कर एवं बंदरबांट किया गया जिसके तहत बीते 2020 में मई से जून तक मनरेगा के तहत झोखामुड़ा में नया तालाब का निर्माण कार्य कराया गया जिसमें 18 जून से 25 मई तक बिना कार्य के 97 मजदूरों का फर्जी हाजरी भरकर राशि निकाल ली गई।इसी प्रकार 02 जून से चिर्राझोरखी तालाब का गहरीकरण कार्य प्रारंभ कराया गया जिसमें नियोजित दर्जनभर ग्रामीण मजदूरों का नाम एक ही दिनाँक में पटपरा से भेलवाटिकरा मार्ग पर मनरेगा के तहत कराए गए पुलिया निर्माण कार्य मे भी अंकित कर भ्रष्ट्राचार को अंजाम दिया गया जिसकी लिखित शिकायत बीते 20 अगस्त को कलेक्टर व जिला सीईओ तथा 24 अगस्त को पाली जनपद सीईओ से की गई थी और उचित जांच कराकर शासकीय राशि का गबन करने वालों पर कार्यवाही की मांग की गई थी बावजूद इसके कार्यवाही के अभाव में भ्रष्ट्राचार और अनियमिता को अंजाम देने वाले सरपंच- सचिव और रोजगार सहायक को बल मिलता रहा और अपने कृत्यों को परस्पर अंजाम देते हुए उन्होंने आश्रित ग्राम बखई में ग्रामीण मूरित राम के निजी भूमि पर 01 से 13 नवम्बर तक कराए गए डबरी निर्माण कार्य के बाद 17 से 22 नवम्बर की अवधि में बिना कार्य कराए दर्जनों ग्रामीण मजदूरों का फर्जी मस्टररोल तैयार कर और इस प्रकार भारी- भरकम राशि का बंदरबांट किया गया।मामले में किसी प्रकार की कार्यवाही नही दिखने पर 31 दिसम्बर 2020 को पुनः सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक द्वारा मिलकर किये गए भ्रष्टाचार की मयदस्तावेज सहित दर्जनों ग्रामीणों का हस्ताक्षर युक्त शिकायतपत्र पाली जनपद के कार्यक्रम अधिकारी के हाथों सौंपा था लेकिन वह भी शायद कचरे की टोकरी में चला गया और आज पर्यन्त मामले से संबंधित कोई भी कार्यवाही देखने को नही मिली।शिकायतकर्ता की माने तो शासन द्वारा संचाललित अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर करने को लेकर यहां के सरपंच- सचिव द्वारा प्रारंभ से ही मनमानी करते आ रहे है।जिसका खामियाजा गांव की जनता को भुगतना पड़ रहा है जिसके कारण जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को सही ढंग से नही मिल पा रहा है।ऐसे मामले में जिला प्रशासन को शिकायत के आधार पर जांच उपरांत त्वरित कार्यवाही करने की आवश्यकता है ताकि शासन की हर एक योजनाओं का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर बेहतर ढंग से संचालित होने के साथ- साथ सरकारी योजनाओं की राशि का दुरुपयोग कर भ्रष्ट्राचार को अंजाम देने वाले ऐसे पंचायत प्रतिनिधि, सचिव व रोजगार सहायक पर कार्यवाही का भय बना रहे लेकिन दुर्भाग्य है कि प्रशासन द्वारा अनदेखा किये जाने के फलस्वरूप जनता की गढ़ी कमाई का पैसा भ्रष्ट्राचार की भेंट चढ़ जाता है।
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