
आई . एम.ए. अम्बिकापुर व वी.वाय . हास्पीटल के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया
आई . एम.ए. अम्बिकापुर व वी.वाय . हास्पीटल के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया
ब्यूरो चीफ/सरगुजा// मरीजों की नियमित परीक्षण की कमी के कारण कोविड महामारी के द्वितीय चरण के संक्रामण के बाद कैंसर व हृदय रोग से संबंधित मरीजों संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है जिसे देखते हुये आई . एम.ए. अम्बिकापुर व वी.वाय . हास्पीटल के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया कार्यशाला में डा . शुलभ चंद्राकर व डा पी.यु. प्रकाश सक्सेना विशेष आमंत्रित प्रवक्ता थे जिनके द्वारा आयुष्मान योजना के तहत् कैंसर व हृदय रोग के मरीजों का वी.वाय . हास्पीटल में निःशुल्क सेवा दी जा रही है । हृदय रोग विशेज्ञष डा . शुलभ चंद्राकर ने जानकारी दी कि कोरोना संक्रमण एवं कोरोना संबंधित इलाज का प्रभाव ह्दय की कार्यक्षमता को आश्चर्य जनक ठंग से प्रभावित किया है,
ह्दय रोग से संबंधित लक्षण जैसे सांस फुलना , छाती भारी रहना , छाती में दर्द होने पर हृदय से संबंधित प्रारंभिक जाँच ई.सी.जी. अवश्य करा लेना चाहिये व चिकित्सकों को आगाह किया कि ई.सी.जी. में हो रहे किसी भी प्रकार के परिवर्तन को गंभीरता से ले । डा पी.यु. प्रकाश सक्सेना कैंसर रोग विशेषज्ञ ने मानव शरीर में कैंसर बीमारी का होना पीड़ा दायक व सबसे बड़ी त्रासदी है , जिसमें मरीज व मरीज के परिवार को कठिन वेदना से गुजरना पडता है । 90 प्रतिशत कैंसर जीवनशैली में गैर पौष्टिक खान हवहार व नशा के कारण होता है , केवल 10 प्रतिशत कैंसर अनुवांशिक व अन्य कारण से होता है , स्वास्थ्य के प्रति सजगता की कमी ही कैंसर को असाध्य बनाता है । शरीर में असमान्य परिवर्तन य लम्बे समय तक घाव का बने रहने पर चिकित्कीय परामर्श अवश्य ले ।
आरंभिक स्थिति में कैंसर की बीमारी शल्य क्रिया कीमोथैरेपी या रेडियोथैरेपी से पुरी तरह से ठीक हो जाती है । बैठक में रायपुर के प्रतिष्ठित चिकित्सक डा मनोज लोहाटी के साथ मारपीट व दुव्हवहार का मुद्दा रखा गया । अप्रत्याशित घटीत घटना के प्रति सभी चिकित्सकों ने निंदा की । चिकित्सा प्रकोष्ठ के राज्य ईकाई के चिकित्सक डा . पुर्णेन्दु सक्सेना ने इस दुखद घटना के पिछे आमजन की चिकित्सक के प्रति आदरभाव व विश्वास की कमी बताया और कहा कि इस प्रकार की घटना चिकित्सकों के सेवा भाव से दुर कर व्यवसायी बनने के लिये प्रेरित कर रहा है । राजमाता श्रीमती देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा . रमणेश मुर्ति ने कहा कि चिकित्सकों के बीच संवाद की कमी नहीं रहना चाहिये व चिकित्सों में एक दुसरे के प्रति परस्पर सहयोग की भावना अराजक तत्वों के हौसले पस्त करती है ।
वहीं अधीक्षक डा . लखन सिंह ने मरीजों व मरीज के परिजन के साथ उचित व्यवहार व शांति पुर्वक रवैया रखते हुये सुरक्षा के साधनों का उचित प्रबंधन से घटना के पुनरावृत्ती को रोकने का प्रभावी तरीका बताया । आइएमए के अध्यक्ष डा . डीडी अग्रवाल ने चिकित्सक डा . ब्रिजेश कश्यप की अल्पायु में ह्दयघात से मृत्यु पर शोक संवदेना व्यक्त करते हुये आइ.एम.ए. के चिकित्सकों को पीडित परिवार के साथ रहने की बाद कही । बैठक में सर्वसम्मित से डा . योगेन्द्र गहरवार को आइएमए सचिव 2021-22 के लिये मनोनीत किया । मंच का संचालन डा . अक्षय गोयल ने किया । बैठक में हास्पीटल बोर्ड के चेयरपर्सन डा . जे . के . सिंह . डा . अंजु गोयल , डा . मंजु शर्मा , डा . एनपी शर्मा , डा अजय गुप्ता , डा . एल.पी. सोनी , डा . जे.के. भुटानी , डा . रवि सिंह , डा . जिबनुस , डा . देवेश शुक्ला , डा . भावना , डा . अपेक्षा सिंह , डा . विकास , डा . अनुरंजन , डा . संदीप , डा . अरविंद , व अन्य चिकित्सक उपस्थित रहे ।