छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंदेशब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिराज्यरायपुर

आज से प्रदेश व्यापी रोका-छेका अभियान

रायपुर : आज से प्रदेश व्यापी रोका-छेका अभियान

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e

मुख्यमंत्री ने कहा फसल और पशुधन रक्षा के लिए जरूरी है रोका-छेका अभियान

राज्य में बीते सालों में भी अभियान का रहा है उत्साहजनक परिणाम

खरीफ फसलों की सुरक्षा के लिए इस वर्ष भी 10 जुलाई से प्रदेशव्यापी रोका-छेका का अभियान शुरू किया जा रहा है। इस दौरान फसल को चराई से बचाने के लिए पशुओं को नियमित रूप से गौठान में लाने हेतु रोका-छेका अभियान के अंतर्गत मुनादी कराई जाएगी। गौठानों में पशु चिकित्सा शिविर लगाकर पशुओं के स्वास्थ्य की जांच, पशु नस्ल सुधार हेतु बधियाकरण, कृत्रिम गर्भधान एवं टीकाकरण किया जाएगा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि रोका-छेका हमारी पुरानी पंरपरा है। राज्य में बीते सालों में भी यह अभियान चलाया गया था, जिसका परिणाम बड़ा ही उत्साहजनक रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य में चालू खरीफ सीजन के दौरान 10 जुलाई से 20 जुलाई तक यह अभियान पुनः चलाया जा रहा है। उन्होंने इसकी सफलता के लिए सभी किसानों एवं पशुपालकों से सहयोग की अपील की है। राज्य में खरीफ फसलों की बुवाई तेजी से शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हम सब जानते है कि फसलों की बुवाई के बाद किसानों की सबसे बड़ी चिन्ता फसलों की देखभाल और उसकी सुरक्षा की होती है। फसलों की सुरक्षा के लिए रोका-छेका का अभियान महत्वपूर्ण साबित हो रहा है, इससे हमारी फसल और पशुधन दोनों सुरक्षित रहेंगे।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि रोका-छेका हमारी पुरानी परंपरा है। इसके माध्यम से हम अपने पशुओं को खुले में चराई के लिए नहीं छोड़ने का संकल्प लेते हैं, ताकि हमारी फसलों को नुकसान ना पहुंचे। पशुओं को अपने घरों, बाड़ों और गौठानों में रखा जाता है और उनके चारे-पानी का प्रबंध करना होता है। पशुओं का रोका छेका का काम, अब गांव में गौठानों के बनने से आसान हो गया है। गौठानों में पशुओं की देखभाल और उनके चारे-पानी के प्रबंध की चिंता भी अब आपकों करने की जरूरत नहीं है। गौठान समितियां इस काम में लगी हैं।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राज्य में पशुधन की बेहतर देखभाल हो, इस उद्देश्य से गांव में गौठान बनाए जा रहे हैं। अब तक हमनें 10,624 गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी है, जिसमें से 8408 गौठान बनकर तैयार हो गए हैं। गोठनों में आने वाले पशुओं को सूखा चारा के साथ-साथ हरा चारा उपलब्ध हो, इसके लिए सभी गोठनों में चारागाह का विकास तेजी से किया जा रहा है। राज्य के 1200 से अधिक गौठानों में हरे चारे का उत्पादन भी पशुओं के लिए किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि बरसात के दिनों में ही पशुओं में गलघोटू और एकटंगिया की बीमारी होती है। पशुओं को इन दोनों बीमारियों से बचाने के लिए उनकी देखभाल इस मौसम में ज्यादा जरूरी है। रोका-छेका का अभियान भी इसमें मददगार होगा। गलघोटू और एकटंगिया बीमारी से बचाव के लिए पशुधन विकास विभाग द्वारा पशुओं को टीका लगाया जा रहा है। पशुधन हमारी संपत्ति है। इसकी देखभाल करें, खुले में चरने के लिए न छोड़े, इससे हमारी फसल और पशुधन दोनों सुरक्षित रहेंगें।

कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा है कि राज्य में खरीफ फसलों की सुरक्षा के लिए इस वर्ष भी रोका-छेका का अभियान संचालित किया जा रहा है। हमारे किसान भाईयों ने राज्य में बीते वर्ष रोका-छेका अभियान को सफल बनाया था, जिसके कारण राज्य में बम्फर फसल उत्पादन हुआ। गांवों में गौठानों के बनने से रोका-छेका का काम सहज हो गया है। किसान भाईयों अब अपने पशुओं की देखभाल और उनके चारे-पानी के प्रबंध की चिंता करने की जरूरत नहीं है, गौठानों में पशुओं के देखभाल एवं चारे-पानी का प्रबंध है।

Ashish Sinha

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!