
आमगांव खुली खदान पुनःप्रारंभ पहले दिन ही 345 टन कोयला किया उत्पादन
आमगांव खुली खदान पुनःप्रारंभ पहले दिन ही 345 टन कोयला किया उत्पादन
खदान पुनः चालू होने से कर्मचारियों अधिकारियों एवं क्षेत्रवासियों मे खुशी की लहर
गोपाल सिंह विद्रोही बिश्रामपुर -एसईसीएल विश्रामपुर क्षेत्र के आमगांव खुली खदान से कोयला का उत्पादन शुरू हो गया है। पहले ही दिन 345 टन कोयला उत्पादन कर कालरी कर्मचारियों व क्षेत्रवासियों की खुशियां वापस ला दी।
जानकारी के अनुसार एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के महत्वकांक्षी परियोजना आमगांव खुली खदान गत 20 जुलाई को एक ट्रक कोयला का उत्पादन किया जबकि 21 जुलाई को 345 टन कोयला का उत्पादन कर अधिकारी एवं कर्मचारियों सहित क्षेत्रवासियों की चेहरे पर रौनक ला दी । बताया जाता है कि एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के महत्वकांक्षी परियोजना आमगांव खुली खदान का शुभारंभ अगस्त 2010 से प्रारंभ होकर 2018 तक ओबी (मिट्टी कटाई) का काम चला सितंबर 2018 में जमीन समस्या सहित कई कारणों से खदान बंद हो गई ।जनवरी 2021 सद्भावना जयभी कंपनी ने जमीन न मिलने के कारण कम छोड़कर चली गई। इसके बाद पुनः क्वायरी नंबर 1 में पुनः छूटा हुआ काम को वन विभाग से अनुमति मिलने के बाद बर्बरीक प्रोजेक्ट लिमिटेड सूरजपुर ने प्रारंभ किया गया ,इसी दौरान गत 24 जून 2022 को पानी में डूबा कोयला का सिम बाहर दिखा । कालरी सूत्र बताते हैं कि सिम बाहर आने के बाद 20 जुलाई को ब्लास्टिंग के साथ ही उत्पादन कार्य प्रारंभ कर दिया गया पहले दिन एक टीपर कोयला का उत्पादन से कार्य प्रारंभ किया गया। 21 जुलाई को 345 टन कोयला का उत्पादन खदान प्रारंभ हुई। कोयले के उत्पादन से कर्मचारियों अधिकारियों एवं क्षेत्रवासियों में काफी प्रसन्नता देखी जा रही है।
उच्च गुणवत्ता जी 10 ग्रेड का कोयला
एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के आमगांव खुली खदान में जी 10 ग्रेड का उच्च गुणवत्ता वाला कोयला पाया गया है ।कोयले का सिम ढाई मीटर का है। प्रतिदिन उत्पादन 2400 टन होगा। 2 वर्षों में इस खदान से 18 लाख टन कोयला का उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। खदान की उम्र 20 वर्षों की है। फिलहाल कोयला का उत्खनन कर माइंस परिसर में स्टॉक में रखा जाएगा। ऑप्शन के माध्यम से जी 10 वाले कोयला की बिक्री होगी 1200 रु प्रति टन कि दर से बिक्री की जाएगी।
इन योद्धाओ के अथक प्रयास से विश्रामपुर में पुनः रौनक लौटी
ऐसे तो आम गांव खदान 2010 से प्रारंभ हुई 2018 का ओबी का काम चला परंतु वन विभाग एवं निजी जमीन विवाद के कारण खदान का काम खटाई में पड़ गया। कांट्रेक्टर काम छोड़ कर भाग गया ऐसी स्थिति में खदान को पुनः चालू करना काफी मुश्किल भरा काम था, ऐसी स्थिति में एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र का दायित्व महाप्रबंधक अमित सक्सेना को मिला। महाप्रबंधक ने उप प्रबंधक पीसी साहू को अधिकारियों एवं कर्मचारियों से कंधा से कंधा मिला कर किसी हाल में खदान को चालू करने का निर्देश दिया, जिस पर उप प्रबंधक पीसी साहू ने खान मैनेजर के के भुई, सर्वेयर रजनीश सिंह आदि की टीम बना कर काम प्रारंभ करना शुरू किया ।6000 लाख गैलन पानी 3 माह के अंदर खाली चार भारी-भरकम पंप के माध्यम से 7000 प्रति मिनट गैलन के हिसाब से 3 माह के अथक प्रयास से पानी निकला।पानी मे डूबा कोयला का सिम बाहर नजर आया जिसे ब्लास्टिंग कर कोयला का उत्पादन प्रारंभ किया गया। जिससे मृत पड़ी विश्रामपुर खदान क्षेत्र में एक बार पुनः रौनक आने से अधिकारियों कर्मचारियों एवं क्षेत्रवासियों प्रसन्नता देखी जा रही है ।व्यक्ति की।