
घोर लापरवाही : घूनघूटा डैम का गेट खुला एसईसीएल का फिल्टर प्लांट जलमग्न
3000 अधिकारी कर्मचारियों का आवास में पानी की आपूर्ति ठप
युद्ध स्तर पर सुधार कार्य में लगे कर्मचारी
गोपाल सिंह विद्रोही/विश्रामपुर -बीना सूचना दिए घूनघूटा डेम का गेट खोल दिए जाने से एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र का फिल्टर प्लांट पानी में डूब गया जिससे यहां कार्यरत कर्मचारी बाल बाल बचे गए जबकि 3000 के लगभग आवासीय क्वार्टरों में जल आपूर्ति ठप हो गया।
जानकारी के अनुसार घूनघूटा डेम का गेट अचानक खोल दिए जाने से एसईसीएल क्षेत्र का फिल्टर प्लांट का इंटेक वेल पूरी तरह जलमग्न हो गया जिससे इंटेक वेल की 90 किलो वाट का 550 एचपी के दो मोटर सहित पूरा सिस्टम जलमग्न हो गया। रात्रि 12 बजे तक सब कुछ सामान्य स्थिति थी परंतु रात्रि 1:30 बजे देखते देखते पूरा फिल्टर प्लांट का इंटेक वेल सहित पूरा सिस्टम जल में समा गया .ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी समझ नहीं पाए कि अचानक यह क्या हो गया. आज तक इस प्रकार फिल्टर प्लांट का इंटेक वेल कभी नहीं डूबा था. घूनघूटा डेम का गेट खोल दिए जाने से एसईसीएल विश्रामपुर का फिल्टर प्लांट इंटेक वेल डूब जाने से प्रबंधन को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है, वही 3000 से ऊपर कर्मचारियों काआवासीय क्वार्टरों में जलापूर्ति पूरी तरह से ठप हो गया है, तो वही यहां कार्यरत कर्मचारी बाल बाल बच गए।
जनहित में सूचना देकर डेम का गेट खोलना था
उक्त संबंध में सूत्र बताते हैं कि घूनघूटा डेम प्रबंधन को डैम का पानी छोड़ने के लिए कम से कम कलेक्टर या एसडीएम से अनुमति लेकर पानी छोड़ना चाहिए था.गेट खुलनें से पूर्व जनहित में सूचना देना चाहिए था ताकि लोगों को जानकारी हो सके और जान माल की हानि न पहुंचे परंतु ऐसा डेम प्रबंधन से जुड़े कर्मचारियों ने लापरवाही करते हुए बिना सूचना का कल दोपहर 3 बजे के करीब पानी छोड़ दिया जिससे फिल्टर प्लांट रात्रि 1:,30 बजे जल में समा गया।
युद्ध स्तर पर सुधार कार्य में जुटे हैं एसईसीएल के कर्मचारी
आज फिल्टर प्लांट इंटेक वेल के समीप से थोड़ा जल का उतार हुआ. फिल्टर प्लांट के प्रभारी फोरमैन अरविंद कुमार सिंह, मैकेनिकल फिटर परमजीत सिंह पम्मे ,रामदुलार यादव, विजय सिंह, रविंदर शर्मा टीए प्रभारी राजेश द्विवेदी के मार्गदर्शन में युद्ध स्तर पर पंप सुधारने के कार्य में जुटे हुए हैं ।सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो कल देर शाम तक जलापूर्ति की जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। प्लांट में कार्यरत सभी पालियों के कर्मचारियों को को बुलाकर सुधार कार्य में युद्ध स्तर पर लगा दिया गया है।